खांसी-जुकाम, बुखार के लक्षणों को कोरोना मान परेशान हो रहे लोग

डॉक्टर्स बोले, मौसम के बदलाव की वजह से हो रहा कॉमन वायरल फ्लू

Meerut । कोविड-19 के प्रकोप के बीच वायरल फीवर ने भी अपने पैर जमाने शुरू कर दिए हैं। सामान्य बुखार भी तेजी से लोगों को जकड़ रहा है। हालांकि आलम यह है कि जरा सी सर्दी-खांसी, बुखार को लोग कोरोना मानकर वहम पाल ले रहे हैं। जांच में कोरोना निगेटिव आने पर इसका खुलासा हो रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि अधिकतर वायरल फ्लू के समान लक्षण होते हैं। मौसमी बदलाव की वजह से भी लोग फ्लू की चपेट में आ रहे हैं। जिसकी वजह से खांसी-बुखार हो रहा है। मगर हर बुखार कोरोना नहीं होता।

ये है स्थिति

जिले में वायरल फीवर के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। कोरोना जांच में निगेटिव आने वाले सिमटोमैटिक पेशेंट्स में बुखार की वजह वायरल ही बन रहा है। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ। संदीप जैन ने बताया की इन दिनों ओपीडी में बुखार वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है। हालांकि लक्षणों के आधार पर कोरोना जांच करवाई जाती है लेकिन जांच में निगेटिव आने पर पता चलाता है कि नार्मल फ्लू है। ऐसे में अगर किसी को बुखार या खांसी या अन्य दिक्कत हो रही है तो डरने की जरूरत नहीं हैं। ये सीजनल फ्लू हो सकता है। मौसम में बदलाव की वजह से इस तरह की परेशानी हो रही है।

10 दिनों तक लक्ष्ण

कोविड-19 व दूसरे वायरस की तरह वायरल फ्लू तीन दिन से लेकर 10 तक मरीजों को जकड़ रहा है। मेडिकल कॉलेज के सीएमएस डॉ। धीरज राज ने बताया कि मेडिकल कॉलेज की जनरल ओपीडी में काफी मरीज वायरल फीवर से ग्रस्त हैं। लक्षणों के आधार पर इनकी जांच करवाई जाती है। जिन मरीजों में वायरल फीवर है, उनमें इसके लक्षण 10 दिनों तक दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि टेलीफोनिक ओपीडी में भी वायरल फीवर से संबंधित समस्या ज्यादा आ रही हैं।

लक्षण पहचाननें जरूरी

कोरोना वायरस और वायरल फ्लू के लक्षणों में भले ही काफी समानताएं हो लेकिन कुछ लक्षणों के आधार पर इनमें फर्क किया जा सकता है। आईएमए सचिव डॉ। अनिल नौसरान ने बताया कि नार्मल फ्लू में सर्दी, जुकाम, बदन दर्द, बुखार जैसे लक्षण होते हैं जबकि कोरोना वायरस की वजह से सूखी खांसी, सांस लेने में दिक्कत, गले में चुभन जैसे लक्षण उभरते हैं। इसके अलावा गंध और स्वाद महसूस न कर पाना भी कोरोना वायरस संक्रमण की पहचान में मदद कर सकता है। इस वायरस के संक्रमित लोगों में सबसे पहला लक्षण सांस लेने में तकलीफ जैसा होता है। वहीं मरीज की सुनने की क्षमता पर भी प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं हैं।

बरसात के बाद हवा में नमी बढ़ जाती है। कई तरह से वायरस एक्टिव हो जाते हैं। कोरोना वायरस के अलावा इस सीजन में सीजनल बीमारियां भी होती हैं, जिसमें वायरल फ्लू होना बहुत कॉमन है। कोरोना की जांच में निगेटिव आने वाले लोगों को वायरल फीवर ही घेर रहा है।

डॉ। ज्ञानेंद्र कुमार, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज