मेरठ (ब्यूरो)। मेरे शहर के लोगों की स्मृति बहुत कमजोर है। हम बहुत जल्दी हर चीज को भूल जाते हैं। लेकिन, बारिश के दिनों में यह शहर जैसा भयंकर जलभराव झेलता है। उसे नहीं भूल सकते। मानसून से पहले हर बार नगर निगम नालों की ठीक से सफाई का दावा करता है और बारिश सारे दावों पर पानी फेर देती है। इस बार भी वही सब दोहराने की तैयारी है। कागजों में पूरी प्लानिंग हो चुकी है। नालों की सफाई का ड्रामा ठीक से चलेगा और बारिश आते ही सफाई की पोल खुल जाएगी। हालांकि निगम नालों से सिल्ट और अतिक्रमण हटाने के इस सफाई अभियान को शुरू भी कर चुका है।

होगी मैनुअल सफाई
नगर निगम ने प्रमुख नालों समेत छोटे नालों की सफाई की प्लानिंग कर बुधवार को सोतीगंज से अभियान की शुरुआत की है। इसके तहत नालों की मरम्मत के साथ-साथ सफाई भी कराई जाएगी। हालांकि इस बार मशीनों के वजाय नालों की मैनुअल सफाई पर जोर दिया जाएगा। जून से पहले नालों की मैनुअल सफाई पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद मशीनों के माध्यम से सफाई होती रहेगी।

गोबर बहाने पर होगी एफआइआर
नाला सफाई के दौरान नालों में गोबर और पॉलीथिन कचरा बहाने वालों को चिह्नित कर उन पर एफआइआर भी कराई जाएगी। गत माह नौचंदी, जैदी फार्म, भवानी नगर में नाले में गोबर बहाने वाले 29 डेयरी संचालकों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई गई थी। अब रेलवे रोड की तरफ नाले में गोबर बहाने वालों की सूची तैयार की जा रही है। अब तक कुल 73 के करीब गोबर और कूड़ा डालने वालों के खिलाफ एफआइआर हो चुकी है।

फैक्ट-
-एक जून से पहले होनी है नालों की सफाई
-मेरठ में 25 जून के आसपास मानसून देता है दस्तक
-शहर में छोटे बड़े नालों की संख्या 311 है
- इनमें 14 बड़े और 186 छोटे नाले शामिल हैं
-इनमें तीन प्रमुख नाले- ओडियन, आबूनाला एक और आबूनाला दो हैं

-इससे अलग प्रमुख छोटे नाले दिल्ली रोड, मोहनपुरी, कोटला, रुड़की रोड नाला, बच्चा पार्क, जलीकोठी नाला प्रमुख हैं
-इसके साथ शहर में 127 के करीब नालियां हैं जो सीधा नालों से जुड़ी हुई हैं
-दिल्ली रोड का नाला दिल्ली रोड स्थित कॉलोनियों की जल निकासी का एक मात्र साधन है
-दिल्ली रोड नाले से मलियाना, मेट्रो प्लाजा, माधवपुरम से लेकर परतापुर तक की जल निकासी होती है
-नगर निगम के तीन डिपो हैं और हर डिपो का अलग टारगेट है
-नालों की सफाई के लिए निगम के पास आठ जेसीबी और अन्य मशीनें हैं
-गत तीन माह में नालों में गोबर व गंदगी फैलाने वाले 73 के खिलाफ दर्ज हो चुकी है एफआइआर

वर्जन
नालों की सफाई का अभियान शुरू किया जा चुका है। कुछ नाले बचे हुए हैं। बाकि प्रमुख नालों के अलग-अलग हिस्सों में रोजाना जेसीबी लगाकर सिल्ट निकाली जा रही है। इस माह के अंत तक हम अपना अभियान पूरा कर लेंगे।
-डॉ। गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी