मेरठ (ब्यूरो)। शहर में दो जगह तो बकायदा कूड़े के ढेर लगे है। कूड़ा निस्तारण के लिए बनाई गई योजनाएं कारगर साबित नहीं हो पा रही है। गौरतलब है कि बीते 5 साल से नगर निगम कूड़ा निस्तारण और साफ-सफाई का भरपूर प्रयास कर रहा है। इसके तहत गांवड़ी में तो कूड़े के पहाड़ को 12 साल की कड़ी मेहनत के बाद निगम ने खत्म कर दिया, लेकिन लोहिया नगर और मंगतपुरम में कूड़े के ढेर जस के तस हैं।

कूड़े के पहाड़ की ऊंचाई 80 फीट
लोहियानगर में करीब 20 बीघा जमीन में कूड़े के पहाड़ खड़ा है। इसकी ऊंचाई भी तकरीबन 80 फीट तक पहुंच गई है। लोहियानगर में 92 लाख टन कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया। नगर निगम शहर से रोज 800 टन कूड़ा उठाने का दावा करता है, लेकिन इसके मुकाबले निस्तारण सिर्फ 300 टन का ही हो रहा है। इससे मंगतपुरम और लोहियानगर आवासीय कॉलोनी के आसपास के गांवों की हवा और पानी में जहर घुल रहा है पर जिम्मेदारों को फिक्र नहीं है।

ना बन रही बिजली, न गैस
मेरठ का नाम स्वच्छ भारत मिशन और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल होने के बाद नगर निगम पिछले 10 साल से कूड़े से बिजली, खाद और गैस बनाने के सपने दिखाए गए। करीब 14 वर्ष बीत गए आज तक न कूड़े से बिजली बनी और न गैस। इसके उलट आबादी के बीच कूड़े का पहाड़ जरूर खड़ा हो गया।

लोहियानगर में कूड़ा निस्तारण प्लांट चल रहा है। लेकिन यहां रोजाना क्षमता से अधिक कूड़ा एकत्र हो रहा है। इस कारण से कूड़ा निस्तारण पूरी क्षमता से नही हो पा रहा है।
ब्रजपाल सिंह, सहायक नगरायुक्त