मेरठ (ब्यूरो)। सीसीएसयू से संबद्ध बीएड कॉलेजों में अनुमोदित शिक्षकों की वास्तविकता का पता लगाने के लिए वीसी प्रो। संगीता शुक्ला ने एक अहम फैसला लिया है। मंडल के छह जिलों के बीएड कॉलेजों में काउंसिलिंग से ठीक पहले शिक्षकों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। इसके लिए वीसी ने टीम गठित कर कॉलेजों से जांच में सहयोग के निर्देश दिए हैं। वहीं, फर्जी तरीके से एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स पर लगाम कसी जा सके। इसके लिए उनके डॉक्यूमेंट्स का वेरिफिकेशन कराने के लिए विजिलेंस ऑफिस भेजे के लिए निर्देशित किया है।

20 शिकायतें मिलीं
बीएड कॉलेजों में दशकों से शिक्षकों के भौतिक सत्यापन का मुद्दा बना हुआ है। हालांकि कई बार जांच के निर्देशों के बावजूद भी कोई रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं हुई है। अगस्त से बीएड का नया सत्र शुरू हो रहा है। एक बार फिर से बीएड के फर्जी शिक्षकों के कॉलेजों में होने की शिकायतें यूनिवर्सिटी को मिल रही हैं। अभी तक ऐसी 20 शिकायतें यूनिवर्सिटी को मिल चुकी हैं। शिकायतों में जिक्र किया गया है कि एडमिशन के समय अक्सर कॉलेजों में फर्जी शिक्षकों को कम वेतन पर रखा जाता है। इस बार भी ऐसा होने की संभावना है। शिकायतों पर अमल करते हुए वीसी ने समिति बनाकर जांच कराने के निर्देश दिए हैं।

होगा डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन
सीसीएसयू में फर्जी स्टूडेंट्स से संबंधित शिकायतें भी मिल रही हैं। भेजी गई शिकायतों में बताया गया है कि काफी संख्या में स्टूडेंट्स फर्जी डॉक्यूमेंट्स लगाकर बीएड में एडमिशन ले लेते हैं। इन शिकायतों का संज्ञान लेकर वीसी ने फर्जी स्टूडेंट्स पर लगाम कसने के लिए भी एक तरीका निकाला है। वीसी ने सभी कॉलेजों को निर्देशित किया है कि वह एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स के डॉक्यूमेंट्स विवि के विजिलेंस विभाग में भेजें। जिससे कि डॉक्यूमेंट्स का वेरिफिकेशन कर सही और गलत स्टूडेंट्स का पता लगाया जा सके।

वर्जन
डॉक्यूमेंट्स का वेरिफिकेशन किया जाएगा। वास्तव में कोई फर्जी पाया जाता है तो उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
प्रो। संगीता शुक्ला, वीसी, सीसीएसयू