बदली लाइफ स्टाइल बन रही वजह

डॉक्टर्स बोले- युवा वर्ग को रखना होगा विशेष ध्यान

Meerut । सर्दी न केवल ठिठुरन दे रही है बल्कि दिमाग पर भी असर कर रही है। नतीजतन लोगों में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ने लगा है। डॉक्टर्स के मुताबिक लाइफ स्टाइल में आए बदलाव के कारण लोग इसके शिकार हो रहे हैं खासतौर से युवा वर्ग में ये समस्या तेजी से बढ़ रही है।

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ये है स्थिति

सर्दियों में दिमाग और नसों से जुड़े केसेज में बढोत्तरी हो रही है। सरकारी और प्राइवेट डॉक्टर्स के पास अन्य दिनों के मुकाबले करीब 30 प्रतिशत मामले बढ़े हैं। इनमें युवा वर्ग और महिलाओं की संख्या अधिक हैं। डॉक्टर्स बताते हैं कि हफ्तेभर में 20 से 25 लोग इसी तरह की समस्या के आ रहे हैं जबकि पहले ये आंकड़ा 10 से 15 केसेज का था।

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ये है ब्रेन स्ट्रोक

इंस्टीट्यूट ऑफ ब्रेन एंड स्पाइन के ब्रेन सर्जन डॉ। सचिन कांधारी बताते हैं कि ब्रेन स्ट्रोक के दौरान दिमाग की कोई एक नस फट जाती है अथवा बल्ड सकुर्लेशन में परेशानी आती है। कभी-कभी नसें ब्लॉक हो जाती हैं। इससे दिमाग को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिलती है। दिमाग में न्यूट्रिशियन की कमी होने लगती है, जबकि दिमाग की कोशिकाएं मरने लगती हैं। अगर समय पर उपचार नहीं किया जाता है, तो मरीज की जान भी जा सकती है। सर्दी के दिनों में ब्लड सकुर्लेशन सही से नहीं हो पाता है। इससे दिमाग की नसें सिकुड़ जाती है और ब्लड सर्कुलेशन में बाधा के चलते ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है

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ऐसे हो सकता है खतरा

ब्रेन स्ट्रोक में बल्ड सर्कुलेशन रूकने लगता है1 इससे दिमाग में आक्सीजन की कमी होती और खून का फ्लो प्रॉपर नहीं बन पाता है। इसका नुकसान दिमाग को होता है। सर्दियों में नसें सिकुड़ने की वजह से खतरा और भी बढ़ जाता है। स्ट्रोक के लक्षण में चलने, बोलने और समझने में मुश्किल होने के साथ ही लकवा मारना या चेहरे, हाथ या पैर में सुन्नपन होना शामिल है

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लापरवाही पड़ सकती है भारी

एक्सप‌र्ट्स के मुताबिक कि ब्रेन स्ट्रोक का इलाज समय रहते करवाना बहुत जरूरी है। जरा सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। स्ट्रोक मैनेजमेंट के लिए थ्रोम्बोलाइसिस एक गेम चेंजर साबित हो सकता है। मरीज को स्ट्रोक पड़ने के एक घंटे के भीतर इलाज देना जरूरी होता है। जिससे नसों और अन्य बॉडी पा‌र्ट्स को भीनुकसान को रोका जाता है।

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ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण

-देखने में तकलीफ होना

-बोलने और समझने में परेशानी

-चक्कर आना

-सिरदर्द होना

-कमजोरी महसूस होना

-चलने में दिक्कत

-उल्टी होना

-लकवा का खतरा

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ब्रेन स्ट्रोक के बचाव

डॉक्टर्स के मुताबिक इससे बचाव के लिए स्ट्रेस फ्री रहना बहुत जरूरी है। इसके अलावा खानपान की आदतों में बदलाव कर भी इससे बचा जा सकता है।

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इनका है कहना

इन दिनों मस्तिष्क से जुड़े मामले अधिक आ रहे हैं। सर्दियों में इस तरह के मामले बढ़ जाते हैं। लोगों को चाहिए कि वह तनाव से बचकर रहे और सावधानी बरतें।

डा। ज्ञानेंद्र कुमार, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज