शहर के बाजारों में लेडीज वॉशरूम न होने से कॉलेज गोइंग ग‌र्ल्स भी परेशान

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की मुहिम का कर रहीं समर्थन

Meerut। मार्केट प्लेस पर या फिर किसी ओपन प्लेस पर वूमेंस के लिए वॉशरुम न होना बड़ी समस्या है। इससे कॉलेज ग‌र्ल्स भी रोजाना रुबरू होती हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की मुहिम का समर्थन शहर की कॉलेज गोइंग ग‌र्ल्स भी समर्थन कर रही हैं। उन्होंने भी अपनी आवाज बुलंद की है। वे शहर के व्यापारियों, आलाधिकारियों व शासन सभी से सवाल कर रही है कि आखिरकार बाजार में उनके लिए लेडीज वॉशरुम की व्यवस्था क्यों नहीं है।

लेडीज वॉशरूम की मांग

शहर की लड़कियां अब अपने लिए मार्केट में लेडीज वॉशरुम बनवाने की मांग कर रही है। उनके हिसाब से इस मुहिम में हर लेडीज को आगे आना होगा, क्योंकि एकता के साथ ही सब मिलकर अपने हक को पा सकते हैं। उनके अनुसार इस मुहिम में व्यापारियों को भी साथ देना होगा, क्योंकि लेडीज मार्केट आती हैं तो व्यापारियों की भी जिम्मेदारी बनती है उनके लिए व्यवस्थाएं उपलब्ध कराएं, वहीं शासन को व विभागों को भी इसके लिए कुछ करना होगा।

दूर-दूर तक नहीं मिला वॉशरूम

राखी ने बताया कि एक बार मैं अपने कॉलेज जा रही थी। रास्ते में मुझे वॉशरूम जाना था पर कोई दूर दूर तक वॉशरूम नहीं मिला। ऐसे में कॉलेज जाने तक का वेट करना पड़ा। इसके लिए सभी लड़कियों व महिलाओं को मिलकर आवाज उठानी होगी, तभी उनको हक मिल पाएगा।

वूमेंस को बनानी होगी कमेटी

किट्टू ने बताया कि मेरे हिसाब से हम सभी को मिलकर एक कमेटी बनाने की आवश्यकता है। जिसमें हम मिलकर शहर के अधिकारियों से, प्रशासन से व एजेंसियों से मिलकर बात करें और वॉशरुम बनाने में सहयोग के लिए उनको बोले। क्योंकि अपने लिए अगर हम नहीं लड़ेंगी तो कौन लड़ेगा।

हमें कुछ जरूर करना होगा

राजबाला ने बताया कि मैं अक्सर सोचती हूं इस तरह की समस्याओं को उठाना चाहिए। लेकिन अकेला समझकर मैं कुछ बोल नहीं पाती लेकिन अब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की मुहिम में मैं इस समस्या के खिलाफ आवाज उठा पाऊंगी जो सभी के लिए बनी हुई है।

सभी को आवाज उठानी चाहिए

सोनम ने बताया अक्सर महिलाओं के साथ इस तरह की समस्याएं आती है। मार्केट में वॉशरुम न होना बहुत बड़ी समस्या है, इसके लिए सभी को आवाज उठानी चाहिए। हम इस मुहिम का समर्थन करते हैं, मेरे हिसाब से इसमें व्यापारियों को आलाधिकारियों को व शासन को मिलकर कुछ करना चाहिए।

नहीं मिलता पिंक टॉयलेट

रेखा के अनुसार कॉलेज जाते समय रास्ते में मुझे लेडीज वॉशरुम की समस्या हो तो कहीं मिलता ही नही है। कई बार तो आसपास किसी रेस्टोरेंट या किसी घर या किसी की शॉप पर ही जाना पड़ता है। कहीं बार तो वहां पर भी नहीं मिलते तो बहुत ही परेशानी होती है।

सिरदर्द भी हो गया था

जैनब के अनुसार लेडीज वॉशरुम न होने के कारण मैं कई बार समस्याओं का सामना कर चुकी हूं। एकबार तो मेरे साथ ऐसी कंडीशन थी कि मुझे समय पर पहुंचना था वॉशरुम की समस्या भी थी, ऐसे में मुझे बहुत ही दिक्कत हुई, जिससे मेरे सिरदर्द भी हो गया था।

ढाबे में जाना पड़ा

सैमी ने बताया कि वो एक बार अपने एग्जाम के लिए जा रही थी। रास्ते में वॉशरुम जाने की आवश्यकता पड़ी, पर कही दूर दूर तक लेडीज वॉशरुम नहीं था। रास्ते में एक ढाबा था जहां पर मैं गई, वहां पर भी इतना गंदा वॉशरूम था पर मजबूरी मैं चली गई, काफी समय तक इंफेक्शन की प्रॉब्लम हो गई, ऐसी ही समस्याएं लेडीज के साथ आती है।

अकेले कुछ नहीं कर सकते

स्नेहा ने बताया कि मुझे कई बार बाजार में कॉलेज जाते समय वॉशरूम की समस्या का सामना करना पड़ा है। इसके लिए मैनें कई बार सोचा पर हम अकेले इसके लिए कुछ नहीं कर सकते हैं, अगर हां शहर की सभी महिलाएं बुलंद आवाज उठाएं तो कुछ हल हो सकता है। मैं इस मुहिम का पूरा समर्थन करती हूं।

मार्केट में जरूर बनें वॉशरूम

अभियुक्ति ने बताया कि मैं कई बार कॉलेज जाती हूं, तो रास्ते में वॉशरूम न होने पर मैने समस्या का सामना किया है। कम से कम दो वॉशरुम हर मार्केट एरिया में होने चाहिए। विभागों के अधिकारियों व व्यापारियों को सोचना चाहिए। यह एक गंभीर सवाल है।

अनजाने घर में जाना पड़ा

अनु ने बताया कि उनके साथ एक बार ऐसी समस्या आई थी। पेपर देने जा रही थी वॉशरूम भी जाना था। कोई वॉशरुम नहीं मिला तो किसी के घर पर ही जाना पड़ा था। कई बार तो मुझे वॉशरुम जाने के लिए घर या कॉलेज जाने तक वेट करना पड़ा है। इससे मुझे एसिडिटी की समस्या हो चुकी है।