सीसीएसयू की कार्यपरिषद की मीटिंग में फैसला

गलत तरह से नौकरी पाने वाले प्रो। राकेश शर्मा की सेवा समाप्त

Meerut सोमवार को कार्यपरिषद की मीटिंग में बीएड के प्रो। राकेश शर्मा को सेवा समाप्त कर दी गई है। दरअसल, अभी कुछ समय पहले राजभवन में मेरठ कॉलेज की प्रो। मंजू गुप्ता ने यूनिवर्सिटी के बीएड विभाग के प्रो। राकेश शर्मा के अवैध तरीके से भर्ती होने को लेकर शिकायत की थी। इसकी जांच के बाद राजभवन में इस नियुक्ति को वास्तव में फर्जी पाया गया है। उनके डॉक्यूमेंट फर्जी पाए गए है, इसको ध्यान में रखते हुए राजभवन से सीधे आदेश किए गए है। ऐसे में आदेशों के अनुसार यूनिवर्सिटी में मीटिंग में प्रो। राकेश को उनकी सेवा को समाप्त कर दिया गया है। वहीं मेरठ के तीन कॉलेजों को नियम न मानने पर अगले साल संबद्धता रद्द करने को कहा गया है।

ये था मामला

गौरतलब है कि डा। राकेश शर्मा की शिक्षा विभाग में 20 मई 2018 को सीधी नियुक्ति हुई थी। इससे पहले वे चौधरी शिवनाथ सिंह शांडिल्य पीजी कालेज माछरा में शिक्षक थे। विवि में नियुक्ति के समय एनसीटीई के मानकों के अनुसार पीजी में शिक्षक बनने के लिए पीजी के कोर्स में कम से कम तीन साल अध्यापन का अनुभव होना चाहिए, लेकिन राकेश शर्मा के पास एमएड में पढ़ाने का कोई अनुभव नहीं था। साथ ही उन्होंने अपनी नियुक्ति में जिस प्रोजेक्ट के प्रमाण-पत्र लगाया था, उसकी मान्यता भी नहीं थी। राकेश शर्मा ने एक निजी कालेज से अतिथि लेक्चर होने का भी प्रमाण-पत्र लगाया था। नियमों के विपरीत नियुक्ति होने की शिकायत मेरठ कालेज की एसोसिएट प्रोफेसर मंजू गुप्ता ने की थी।

जांच समिति गठित

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो। एनके तनेजा के समय ही यह नियुक्ति हुई है। विश्वविद्यालय की आइक्यूएसी ने भी राकेश शर्मा के शैक्षणिक अभिलेख को नहीं देखा। इसकी जांच के लिए प्रतिकुलपति प्रो। वाई विमला और एक न्यायिक अधिकारी की कमेटी बना दी गई है।

अभी कई शिक्षक फंसेंगे

विश्वविद्यालय में कई शिक्षक कालेजों से आकर एसोसिएट और प्रोफेसर पद पर नियुक्त हुए हैं। कुछ शिक्षकों के पास पीजी में पढ़ाने का अनुभव नहीं है, ऐसे में कुछ और शिक्षक की सेवाएं समाप्त हो सकती हैं।

संबद्धता हो सकती है समाप्त

प्रोवीसी प्रो। वाई विमला ने बताया कि यूनिवर्सिटी की मीटिंग में मेरठ के तीन कॉलेजों की जो बीएड से संबंधित है। मेरठ कॉलेज आफ प्रोफेशनल एजुकेशन, इंस्टीटयूट ऑफ इंफोरमेशन एंड मैनेजमेंट और तेजस्वी कॉलेज ऑफ एजुकेशन तीनों में बीएड कोर्स के हिसाब से नियमों के पूरे न होने पर कॉलेजों में इस साल की सेशन को पूरा होने तक चलाया जाएगा। अगर नियमों को पूरा नहीं किया तो अगले साल तीनों कॉलेजों की संबद्धता को समाप्त कर दिया जाएगा ये फैसला लिया गया है। कॉलेजों में संबंधित कोर्स के प्रोपर टीचर नहीं है, यहां पर स्टूडेंट के हिसाब से बैठने की व्यवस्था व स्टाफ में कमियां व काफी सारे डॉक्यूमेंट जमा नहीं किए गए है, इसके साथ अन्य भी कुछ ऐसी कमियां है, जो पूरी नहीं की गई है। उनको ध्यान में रखते हुए ही ये फैसला लिय गया। केवल इसी साल का सेशन चलाया जाएगा, क्योंकि जो पढ़ रहे है। उनके भविष्य को ध्यान में रखा गया है।

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