पितृ पक्ष के 16 दिन शुभता के सूचक हैं

16 दिनों में तामसिक वृत्तियों का त्याग और पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें

Meerut। पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए पितृ पक्ष बुधवार को आरंभ हो गया है। खरीदारी और नियम पालन को लेकर लोगों में तरह तरह की भ्रांतियां हैं। शास्त्रों के मर्मज्ञ विद्वानों का मत है कि हमारा मुख्य ध्येय इन 16 दिनों में तामसिक वृत्तियों का त्याग और पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें।

कपड़े खरीदना गलत नहीं

मयराष्ट्र विद्वत परिषद के अध्यक्ष डॉ। ¨चतामणि जोशी ने बताया कि पितृ पक्ष के संबंध में शास्त्र और पुराणों में कई प्रकार के निषेधों का उल्लेख है। किसी प्रकार के समारोह का आयोजन या नए कार्यों को नहीं शुरु करना चाहिए। गृह प्रवेश और नई दुकान या व्यापार की भी मनाही है। ज्योतिषविद विभोर इंदुसुत कहते हैं नए कार्य आरंभ करने का विरोध है पर अगर जो कार्य पहले से चल रहे हैं उनको जारी रखना चाहिए। मान लीजिए अगर किसी को दीपावली पर गृह प्रवेश करना है तो उसका मकान बन रहा है तो वह उसके लिए खरीदारी करेगा। इसमें कोई निषेध नहीं है। जहां तक कपड़ों और आभूषणों की खरीदारी का सवाल है अगर जरूरी है तो कपड़े खरीदना गलत नहीं है।

शुभता से जुड़ी संख्या

ज्योतिषविद डॉ। अनुराधा गोयल ने बताया कि 16 की संख्या शुभता से जुड़ी है। जैसा की मान्यता है इन दिनों पृथ्वी पर हमारे पूर्वज अवतरित होते हैं ऐसे में उनका आगमन अशुभ कैसे हो सकता है। उनका आगमन हमारे लिए कल्याणकारी है। पितृ पक्ष गणपति पूजन और नवरात्र के बीच में आते हैं। अगर वह हमें सुखी और प्रसन्न देखेंगे तो वह भी प्रसन्न रहेंगे। उन्होंने कहा कि पितृ पक्ष में खरीदारी का निषेध नहीं है। ज्योतिषविद विभोर इंदुसुत ने कहा कि पूर्वजों के अच्छे कार्यों को याद करते हुए उनके अनुभवों से प्रेरणा लें और उनके बताए रास्ते पर चलना ही मुख्य रूप से पित्र पक्ष का ध्येय है। जरूरत की वस्तुओं की खरीदारी करने में किसी प्रकार कोई निषेध नहीं है। बुरे कामों का निषेध करें। इनदिनों हमारे साथ हमारे पूर्वज रहते हैं ऐसे में पवित्र और अच्छे कार्य करें ताकि वह प्रसन्न हों।

पितृ पक्ष पर यह न करें

गलत और अमानवीय कार्य न करें

मांस मदिरा का सेवन न करें

पशु पक्षियों के प्रति क्रूरता न करें

पूर्वजों के जीवन से प्रेरणा लेते हुए अच्छी बातों का अनुसरण करें