मेरठ (ब्यूरो)। बरसात का मौसम आते ही डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां भी बढ़ जाती हैं। ये बीमारियां मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलती है। इसमें डेंगू सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। बीते साल में कई लोगों की डेंगू से मौत भी हो चुकी है। यह मच्छर के पनपने का सबसे अनुकूल समय होता है क्योंकि इन महीनों में बारिश के बाद साफ पानी के गड्ढे भर जाते हैं। यहीं यह मच्छर अंडे देते हैं, जिन्हें हम लार्वा कहते हैं।

डेंगू और मलेरिया पर रोकथाम के लिए निगम खतरनाक बीमारियों से बचने के लिए शहर के 90 वार्डों में फॉगिंग अभियान चलाया जाता है। ऐसे में फागिंग में इस्तेमाल होने वाली मैलाथियान 95 प्रतिशत दवाई की गत माह खरीद की गई थी। इसके करीब 28 से 30 ड्रम खरीदे गए थे। निगम के तीनों डिपो में भेजी गई इस दवा के ड्रम आते ही विवादों में घिर गए।

ड्रमों में कोई जानकारी नहीं थी
दरअसल, कंपनी की ओर से जो दवाई के ड्रम भेजे गए। वह सभी ड्रम खुले पाए गए थे। इसके साथ ही न तो ड्रमों पर कंपनी का नाम लिखा था और न ही दवाई की एक्सपाइयरी व बैच नंबर कहीं दर्ज है।

रिकार्ड तक में नही जानकारी
ऐसे में इस दवा की क्वालिटी और खरीद पर महापौर सुनीता वर्मा ने सवाल उठा दिए हैं। मेयर सुनीता वर्मा ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर संबंधित कंपनी का पेमेंट रोकने की बात कहकर पूरे मामले की जांच की मांग की है। महापौर ने पत्र में सवाल उठाते हुए कहा कि निगम ने जिस कंपनी से मैलाथियान 95 प्रतिशत नाम से दवाई खरीदी उस कंपनी का नाम दवाई के ड्रमों पर नहीं लिखा है। साथ ही दवाई की एक्सपाइयरी व बनाने की तारीख का भी जिक्र नहीं है। साथ ही जितने भी ड्रमों में कंपनी ने दवा की सप्लाई की थी। वह सभी खुले थे। जिस कंपनी से यह दवा मंगाई गई थी उसकी जांच कराने की मांग की गई है।

महापौर के लेटर के बाद खलबली
महापौर के लेटर को लेकर सभी डिपो के प्रभारी व इंस्पेक्टरों से जवाब मांगा गया है। लेकिन मेयर के पत्र के बाद भी अभी तक दवा में हुई गड़बड़ी की जानकारी नही मिल पाई है।

ये है स्थिति
90 वार्डों में नियमित रूप से निगम की ओर से कराई जाती है फॉगिंग

100 लीटर के करीब आती है मैलाथियान दवा आती है एक ड्रम में

1.10 से 1.15 लाख रुपए के करीब होती है एक ड्रम की कीमत

28 से 30 ड्रम का हर सीजन में होता है प्रयोग

हमने तीनों डिपो प्रभारियों के लिए लेटर जारी कर पूरी जानकारी मांगी है। लेकिन अभी तक जानकारी उपलब्ध नही की गई है।
-डा हरपाल, प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी