वाराणसी (ब्यूरो)पीएम आवास योजना (शहरी) के आवंटन के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले 11 सर्वेयरों को नगर आयुक्त प्रणय ङ्क्षसह ने शुक्रवार को बर्खास्त कर दियासभी पर गरीब लोगों से धन उगाही करने और फर्जीवाड़ा का आरोप हैनगर आयुक्त की इस कार्रवाई से डूडा विभाग में हड़कंप मचा हैआवास आवंटन में फर्जीवाड़ा की शिकायत सीएम योगी आदित्यनाथ से बीते दिनों बनारस दौरे पर की गई थीनगर आयुक्त ने इस मामले की तह तक पहुंचने के लिए गोपनीय जांच कराई तो गड़बड़ी सामने आईपीएम आवास आवंटन के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले अब तक 21 लोग बर्खास्त हो चुके हैंदो के खिलाफ लालपुर पांडेयपुर थाने में मुकदमा भी कराया जा चुका है.

फर्जी टैङ्क्षगग व दस्तावेज

गंगापुर, रामनगर व नगर निगम सीमा क्षेत्र के पीएम आवास के लाभार्थियों के चयन, स्थल सर्वे व जीओ टैङ्क्षगग की जिम्मेदारी डूडा ने केडीएस सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को दी हैइस संस्था के कर्मचारी सर्वे के दौरान आवास पाने की इच्छा रखने वाले गरीब लोगों के कागजात लेकर उसका फर्जी टैङ्क्षगग व दस्तावेज बनाते थेशिकायत है कि कुछ गरीब व अनपढ़ लाभार्थियों का भी शोषण करते थे.

सही निकला मामला

सीएम की शिकायत के बाद नगर आयुक्त ने जब इसकी जांच कराई तो मामला सही निकलाइस मामले में गत 25 सितंबर को संस्था के 10 सर्वेयरों को बर्खास्त कर दिया गयावहीं, नगर आयुक्त ने इस मामले की तह तक जाने के लिए गोपनीय जांच कराई तो 11 और सर्वेयरों की कलई खुल गईइन सभी को नगर आयुक्त ने तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करते हुए सेवा समाप्त कर दी है.

इन कर्मियों को किया बर्खास्त

आनंद कुमार ङ्क्षसह, बांके लाल तिवारी, रामरथी पटेल, रमेश ङ्क्षसह, जीयालाल यादव, जय कुमार ङ्क्षसह, हरिनाथ चौधरी, धीरेंद्र कुमार तिवारी, जशवंत ङ्क्षसह, जीया लाल मौर्या व मुन्नन पांडेय.

न आए झांसे में

नगर आयुक्त ने इस फर्जीवाड़ा के बाद डूडा की परियोजना अधिकारी निधि वाजपेयी व सर्वे संस्था को लापरवाही नहीं बरतने का निर्देश दिया हैअब कोई फर्जीवाड़ा मिला या गलत रिपोर्ट के आधार पर किसी अपात्र को पात्र मानकर लाभ दिलाने की कोशिश की गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई तय हैंकर्मचारी फिल्ड में परिचय पत्र के साथ जाएंलाभार्थी किसी के बहकावें में नहीं आएंयदि कोई ऐसा करता है तो उसकी रिपोर्ट डूडा कार्यालय में देंलाभार्थियों को आवास की सूचना एसएमएस व पत्र के जरिए विभाग की ओर से दी जाती है.