-सिटी के ज्यादातर एरिया में डेढ़ दर्जन 4जी टावर लगे हैं रिहायशी एरिया में

-4जी टावर से निकलने वाली रेडिएशन हेल्थ के लिए है बेहद हानिकारक

-हाईकोर्ट हुआ सख्त, रिहायशी एरिया में 4जी टॉवर न लगाये जाने का दिया आदेश

VARANASI

कहते हैं हर चीज की कीमत चुकानी पड़ती है। हाई टेक्नोलॉजी के इस दौर में मोबाइल और इंटरनेट की फास्ट सर्विस के लिए हम ज्यादा कीमत देने को तैयार हैं लेकिन इसके साथ ही हमारा हेल्थ भी दांव पर लग रहा है। क्योंकि ब्जी टावर से निकलने वाली रेडिएशन हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है। इसके बावजूद शहर में जितने भी ब्जी टावर लगे हैं या लगाये जा रहे हैं वह सब रिहायशी इलाकों में ही हैं। इसे लेकर हाईकोर्ट भी सख्त हो गया है। हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद जहां कंपनी को टॉवर हटाना पड़ा था। वहीं दूसरे फैसले में कोर्ट ने निर्देश दिया है कि ब्जी टावर किसी भी हाल में रिहायशी इलाके में न लगे।

सिटी में लगने हैं म्ख्

बनारस में ब्जी के म्ख् टॉवर लगाये जाने हैं। इसके लिए नगर निगम की ओर से अलग-अलग जगहों पर कुल भ्भ्8 वर्गमीटर एरिया भी मुहैया कराया जा चुका है। रिलायंस जियो इन्फोकॉम कंपनी इन टॉवरों को लगा रही है। फिलहाल सिटी में क्8 टॉवर लगाये जा चुके हैं।

ज्यादातर अस्पताल, स्कूल के पास

ऐसा नहीं है कि मोबाइल टॉवर के रेडिएशन से होने वाले दुष्प्रभाव से कंपनी और नगर निगम अंजान हैं। इसके बावजूद कंपनी को टॉवर लगाने के लिए जो जगहें दी गयी हैं। उनमें ज्यादातर स्कूल और हॉस्पिटल के पास के स्थान हैं।

गाइड लाइन करें तैयार

हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में साफ निर्देश दिया है कि ब्जी टावर शहर के रिहायशी एरिया में नहीं लगाये जाने चाहिए क्योंकि इससे निकलने वाली रेडिएशन मानव स्वास्थ के लिए खतरनाक है। हाईकोर्ट ने डिपार्टमेंट ऑफ टेली कम्यूनिकेशन को निर्देश दिया है कि वह खुद इसकी जांच करे सिर्फ कंपनी के भरोसे पर न रहे। साथ ही डिपार्टमेंट को इसे लेकर गाइड लाइन तैयार करने को कहा है।

कोर्ट के आदेश पर हटा टॉवर

टैगोर कॉलोनी में लगे ब्जी टॉवर को लेकर यहां के महेन्द्र कुमार मिश्र समेत कई अन्य लोगों ने विरोध जताया था और इसको हटवाने को लेकर हाईकोर्ट में अपील की थी। इस मामले में कोर्ट ने टॉवर को हटवाने का निर्देश दिया था जिसके बाद टॉवर को कंपनी ने हटवा लिया।

ब्जी टॉवर को लेकर काफी विरोध हो रहा है। अगर इस मामले में हाईकोर्ट का कोई निर्देश है तो उसका पालन कराया जाएगा।

बीके द्विवेदी, अपर नगर आयुक्त, नगर निगम