वाराणसी (ब्यूरो)ईश्वरगंगी के अनिल यादव (34) की पहचान एक चेन स्मोकर के रूप में हो चुकी थीउनकी एक सिगरेट बुझ नहीं पाती थी कि दूसरी सुलगाने की तलब उन्हें लग जाती थीफेफड़े में इन्फेक्शन होने पर डाक्टर ने जब उन्हें सिगरेट छोडऩे को कहा तो सुनील के लिए यह किसी बड़े चैलेंज से कम नहीं थाचिकित्सक की सलाह पर उन्होंने 'तम्बाकू नशा उन्मूलन केन्द्रÓ से सम्पर्क कियाकुछ दिनों की काउंसलिग और दवाओं के सेवन के बाद सुनील यादव ने सिगरेट पीना छोड़ दियाअनिल तो सिर्फ एक केस हैं यह बताने के लिए काफी है कि धूम्रपान जानलेवा हैबावजूद इसके बिना किसी डर के लोग स्मोकिंग करते हैंसिटी के यूथ नशे की जद में फंसते जा रहे हैंलड़के-लड़कियां सभी नशे की गिरफ्त में हैंआपको जानकर हैरानी होगी कि वाराणसी में 90 परसेंट यूथ स्मोकिंग करते हैैंआज नो स्मोकिंग डे पर हम आपको बता रहे हैं कि स्मोकिंग किस तरह हमारी बॉडी के लिए घातक है

हेल्थ डिपार्टमेंट का सर्वे

वर्ष 2023 में हेल्थ डिपार्टमेंट ने स्मोकिंग को लेकर एक सर्वे किया, जिसमें पाया गया कि जिले के 40 परसेंट लोग स्मोकिंग करते हैैंबड़ी बात यह है कि इसमें 90 परसेंट यूथ शामिल हैैंइस दौरान सामने आया कि इसमें 10 परसेंट लड़कियां और 80 परसेंट लड़के शामिल हैंडिपार्टमेंट ने यह सर्वे सेंटर पर आने वाले केसेज के आधार पर तैयार कियायही नहीं सप्ताह में दो दिन डिपार्टमेंट की टीम कैंप भी लगाती है.

क्लब व बार जिम्मेदार

स्मोकिंग को लेकर यूथ की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही हैनशा न करने को लेकर वाराणसी के समित सिंह की संस्था काशियाना फांउडेशन लोगों को जागरूक करती हैउन्होंने स्मोकिंग में यूथ की संख्या बढऩे का कारण क्लब और बार बतायाउनका कहना है कि लगातार शहर में क्लब खुल रहे हैं, जोकि यूथ को नशा करने में बढ़ावा देते हैंइसकी रोक से ही यह बढ़ती हुई संख्या थम सकती हैवहीं, अवेयरनेस की भी जरूरत हैस्कूल, कॉलेज के आसपास खुली नशे की दुकानों को भी बंद कराना होगा.

कानून का नहीं है डर

बता दें, कॉलेज, स्कूल की 100 मीटर रेंज में तंबाकू व गुटखा की शॉप होने पर दुकानदारों पर कड़ी कारवाई की जानी चाहिएयही नहीं आईपीसी के सेक्शन 278 के तहत सभी पब्लिक प्लेस पर स्मोकिंग निषेध हैस्मोकिंग करते पकड़े जाने पर 200 रुपये का जुर्माना भी हैइतने कानून होने के बाद भी लोग सार्वजनिक स्थानों पर खुलेआम सिगरेट पीते हैं और वाराणसी के तमाम स्कूल कॉलेज के पास इनकी दुकानें भी हैंइन दुकानों पर ज्यादातर स्कूल, कॉलेज के स्टूडेंट्स ही स्मोकिंग करते हैं.

कैसे छोड़ें स्मोकिंग

सीएमओ संदीप चौधरी बताते हैं कि तंबाकू या तंबाकू वाले किसी भी प्रोडक्ट को अपने पास से हटा लेंआपकी जेब, कार, घर या ऑफिस कहीं भी सिगरेट का पैकेट न रखा होअगर आपके पास सिगरेट का बॉक्स रखा होगा तो आपका स्मोकिंग करने का मन करेगाइसके साथ ही आप एक्सरसाइज करेंइससे आप एक्टिव रहेंगेरोज रनिंग, जॉगिंग करेंसिगरेट पीने का मन होने पर टॉफी, बिस्कुट, फल या स्नैक्स खाएंसाथ ही समय-समय पर अपने डॉक्टर से परामर्श लेते रहें.

क्या है थीम

धूम्रपान से सेहत को होने वाले नुकसान के बारे में लोगों में जागरुकता लाने के लिए देश-दुनिया में हर साल मार्च के सेकेंड वेडनेसडे को नो स्मोकिंग डे मनाया जाता हैइसके पीछे मकसद स्मोकिंग की बुरी लत से लोगों को निजात दिलाना हैइस साल इसकी थीम बच्चों को तंबाकू प्रोडक्ट्स से बचाना है.

फैक्ट एंड फीगर

7.5 करोड़ लोग देश में हैवी स्मोकिंग करते हैं

6.9 करोड़ से ज्यादा पुरुष और 58 लाख से ज्यादा महिलाएं हैवी स्मोकिंग कर रहीं

40 परसेंट लोग वाराणसी में स्मोकिंग कर रहे

90 परसेंट यूथ वाराणसी में स्मोकिंग के शिकार

80 परसेंट लड़के और 10 परसेंट लड़कियां कर रहीं स्मोकिंग

काशी में स्मोकिंग करने में यूथ की संख्या सबसे अधिक हैज्यादा से ज्यादा इन्हें अवेयर करने की जरूरत हैशहर में स्कूल, कॉलेज के पास खुली नशे की दुकानों को भी बंद कराना होगा.

संदीप चौधरी, सीएमओ वाराणसी