-पड़ाव पर हुई घटना से पहले भी कई बार अफवाह के चलते मची भगदड़ में कई ने गंवाई थी अपनी जान

-मुगलसराय में भी 2007 में मची भगदड़ में 17 लोगों की हुई थी मौत

Varanasi

बम ब्लास्ट होने से भी बड़ी वारदात भगदड़ होती है क्योंकि ब्लास्ट होने पर एक लिमिटेड एरिया ही इफेक्टेड होता है लेकिन भगदड़ मचने पर कई किमी दूर तक लोगों के इसके जद में आकर उन्हें घायल होने व अपनी जान तक जाने का खतरा सताने लगता है। जैसा कि शनिवार को रामनगर में हुई घटना के बाद देखने को मिला। भीड़ में मौजूद लोगों का कहना था कि पुल के हिलने से उसके गिरने की फैली अफवाह के कारण मची भगदड़ का असर घटनास्थल से दो किमी दूर तक देखने को मिला। भगदड़ के चलते भदऊं चुंगी, पड़ाव और डोमरी में भी लोग गिरने पड़ने से चोटिल हुए।

तीन किमी तक मची अफरातफरी

भगदड़ के बाद राजघाट पुल से करीब तीन किमी तक चारों तरफ घंटों अफरातफरी का माहौल था और लोग अपनी जान बचाने के लिए एक-दूसरे पर गिरते पड़ते हुए भागे जा रहे थे। अफरातफरी के बीच स्थानीय लोग मदद में जुटे हुए थे। भीड़ में शामिल लोगों के गर्मी और उमस के कारण लगातार बेहोश होकर गिरने का सिलसिला भी जारी था।

हो चुकी हैं कई घटनाएं

- ख्007 में मुगलसराय में भी मची थी भगदड़

- उस वक्त भी महिलाएं एक धार्मिक आयोजन में आई हुई थीं बनारस।

-कैंट स्टेशन पर अचानक प्लेटफॉर्म बदलने से मची भगदड़ में क्7 महिलाओं की गई थी जान।

- ख्0क्फ् में लोलार्क कुंड में मची भगदड़ में भी कई महिलाएं हुई थीं चोटिल।

- ख्009 में चन्द्रग्रहण के दौरान दशाश्वमेध घाट पर मची भगदड़ में आधा दर्जन महिलाएं चोटिल हुई थीं।

मेला व त्यौहारों के शहर पर लग गया बड़ा दाग

जयगुरुदेव के समागम के दौरान मची भगदड़ में कई लोगों की गई जानों ने बनारस के माथे पर एक दाग लगा दिया है। वजह बनारस को त्यौहारों और लक्खा मेले का शहर कहा जाता है। यहां दुर्गा पूजा, भरत मिलाप, नक्कटैया जैसे बड़े आयोजन होते हैं। जिसमें हर बार लाखों की भीड़ जुटती है लेकिन कभी कोई हादसा नहीं हुआ। शनिवार को हुआ यह हादसा यह साबित करता है कि पूरे आयोजन के दौरान अव्यवस्था चरम पर थी।