वाराणसी (ब्यूरो)गर्मी का प्रकोप अप्रैल के शुरू में ही दिखने लगा हैहाल ये है कि दोपहर में लोगों का घर से निकलना भी मुश्किल हो गया हैघाटों पर भी भीड़ केवल सुबह और शाम को ही दिख रही हैमौसम के तेवर को देखते हुए मंडे को हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से गर्म हवा (लू) के प्रकोप व हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए एड्वाइजरी जारी की गई है

हो सकती ये परेशानियां

सीएमओ डॉसंदीप चौधरी की ओर से जारी एडवाइजरी में बताया गया है कि इस मौसम में बच्चों से लेकर ओल्ड एज के लोगों को बेहोशी, मांसपेशियों में जकडऩ, मिर्गी दौरा पडऩा, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, अधिक पसीना आना, कमजोरी, चक्कर आना, सांस व दिल की धड़कन तेज होना, मिचली और उल्टी आना, नींद पूरी न होना आदि परेशानी हो सकती है

तैयारियां करें पूरी

सीएमओ की ओर से सभी चिकित्सालयों के प्रभारियों को निर्देश हैं कि गर्मी के प्रभाव और इसके कारण होने वाली बीमारियों के आने वाले पेशेंट को ध्यान में रखकर तैयारियां पूरी कर लेंउन्होंने कहा, हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट क्रैम्प और हीट वेव से होने वाली समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए कमर कस लेंसबसे ज्यादा खतरा एक वर्ष से कम आयु के बच्चों को रहेगापिछले कुछ दिनों से लगातार तापमान बढ़ रहा हैइसके असर को कम करने के लिए और लू से होने वाली मौत की रोकथाम के लिए सावधानियां बरतें.

ऐसे कर सकते बचाव

- ज्यादा तेज धूप और गर्म हवा से बचें

- बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें

- जितनी बार हो सके पानी पीए, प्यास न लगे तो भी पानी पीएं

- हल्के रंग के ढीले- ढीले सूती कपड़े पहनें.

- धूप से बचने के लिए गमछा, टोपी, छाता, धूप का चश्मा, जूते और चप्पल का इस्तेमाल करें

- अगर काम बाहर का है तो टोपी, गमछा या छाते का इस्तेमाल जरूर करें गीले कपड़े को चेहरे, सिर और गर्दन पर रखें.

- घर में बना पेय पदार्थ जैसे कि लस्सी, नमक चीनी का घोल, नींबू पानी, छाछ, आम पना इत्यादि का सेवन करें

- अपने घर को ठंडा रखें, पर्दे, शटर आदि का इस्तेमाल करे

- रात में खिड़किया खुली रखें

- ढीले कपड़े का उपयोग करें

- ठंडे पानी से बार-बार नहाएं

- अगर आपकी तबियत ठीक न लगे या चक्कर आए तो तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करें

- खिड़की को रिफ्लेक्टर जैसे एल्युमीनियम पन्नी, गत्ते इत्यादि से ढक कर रखें

- स्थानीय मौसम के पूर्वनुमान को सुनें और तापमान में परिवर्तन के प्रति सतर्क रहें.

- जहां तक संभव हो घर में ही रहें और सूर्य के सम्पर्क से बचें.

ये बिल्कुल ना करें

- धूप में खड़े वाहनों में बच्चों एवं ओल्ड एज को न छोड़ें

- नशीले पदार्थ, शराब तथा अल्कोहल के सेवन से बचें

- उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचें.

- बासी भोजन न करें.

खुद करें उपचार

- व्यक्ति को ठंडे एवं छायादार स्थान पर ले जाएं

- एबुलेंस को फोन करें एवं नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं.

- व्यक्ति को पैर ऊपर रखकर सुलाएं

- अगर बेहोश न हो तो ठंडा पानी पिलाएं.

- शरीर के ऊपर पानी से स्प्रे करें। - ओआरएस का घोल पिलाएं

- गीले कपड़े या स्पंज रखें

- पंखे से शरीर पर हवा डालें

बच्चों का खास ध्यान

अप्रैल में तापमान के तेवर देखने को मिल रहे हैंपेरेंट्स को बच्चों पर ध्यान देने की जरुरत है, क्योंकि यह मौसम सबसे ज्यादा बच्चों को ही नुकसान पहुंचाता हैचाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉमनोज कुमार ने बताया कि बच्चे स्कूल जाते हैं तो परेंट्स उनको पानी की जगह ओआरएस का घोल भी बॉटल में भरकर दे सकते हैंबच्चे को कैप लगाकर ही स्कूल भेजेबच्चों को ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन वाला खाना खिलाएंबच्चे को चक्कर आने या बेहोश होने पर तुरंत डॉक्टर से चेकअप कराएं

बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक एसएन पांडे ने बताया, पिछली बार गर्मी में हीट वेव लगभग 45 दिन तक चली थीवहीं, इस बार पिछली बार से ज्यादा गर्मी पडऩे की संभावना हैइसलिए लोगों को खास ध्यान रखने की जरुरत हैसोमवार को वाराणसी का अधिकतम तापमान 38 डिग्री और न्यूनतम 21 डिग्री थादिन प्रतिदिन तापमान बढ़ेगा

इस बार गर्मी का तेज प्रकोप देखने को मिलेगाइसलिए इच्छा न होने पर भी ज्यादा से ज्यादा पानी पीएंबाहर निकलने से पहले पूरी शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें.

डॉसंदीप चौधरी, सीएमओ वाराणसी

बच्चों को ऐसे मौसम में जल्दी बीमारी घेरती हैइसलिए बच्चे को पानी के साथ ओआरएस का घोल भी बॉटल में भरकर दें

डॉमनोज कुमार, चाइल्ड स्पेशलिस्ट