वाराणसी (ब्यूरो)बनारस के बुनकर बिरादराना की ओर से मुल्क की खुशहाली और अमन-चैन की दुआ के लिए ऐतिहासिक अगहनी जुमे की नमाज शुक्रवार को पढ़ी जाएगीइस मौके पर बुनकर मुर्री बंद रखेंगेअगहनी जुमे की नमाज लगभग 450 सालों से पुराना पुल, पुल कोहना स्थित ईदगाह में अदा की जाती हैमुर्री बंद का एलान सदर बावनी पंचायत के सरदार हाजी मुख्तार महतो की तरफ से होगानमाज पढऩे के लिए शहर भर के बुनकर बिरादराना तंजीम के लोग ईदगाह में जुटते हैमुल्क में अमन चैन के लिए दुआख्वानी करते है

सिर्फ बनारस में यह नमाज

बनारस के बुनकरों द्वारा अगहनी जुमे पर नमाज और मुर्री बंद की यह रवायत लगभग साढ़े चार सौ साल पुरानी हैइस बाबत बुनकर बिरादराना तंजीम बावनी के सदर हाजी मुख्तार महतो ने बताया कि यह नमाज सिर्फ बनारस में ही पढ़ी जाती हैलगभग साढ़े चार सौ साल पहले देश मे भयंकर सूखा पड़ा था, बारिश न होने से हाहाकार मचा हुआ था, जिसकी वजह से बेहाल किसान खेती नहीं कर पा रहे थे.

बारिश के लिए पढ़ी थी

खेती ना होने के कारण बाजार में जबरदस्त मंदी आ गयी और उसकी चपेट में बुनकर भी आ गएना किसान खेती कर पा रहा था और ना ही बुनकरों के कपड़े बिक रहे थेहर ओर भुखमरी का आलम छा गयाबुनकरों ने इस हालात को ठीक करने के लिए अल्लाह ताला से दुआ मांगने के लिए अगहन महीने के जुमे के दिन ईदगाह में इक_े हुए और बारिश के लिए दुआएं मांगीअल्लाह के रहमो करम पर खूब बारिश हुई, किसानों और बुनकरों दोनों के कारोबार चलने लगे तो मुल्क में फिर से खुशहाली छा गईतब से यह परम्परा हर साल अगहन के जुमे के दिन बनारस के बुनकर बिरादरी की तरफ से मुर्री बंद कर निभाई जाती है.