-भाइयों की कलाई पर सजेगी जीआई टैग वाली राखियां

- मीनाकारी वाली की एक राखी कीमत लगभग 15 सौ रुपये

- सोने के ब्रेसलेट और हीरे के लॉकेट भी बहनों को भा रही हैं

भाई-बहन के प्यार भरे पर्व रक्षाबंधन की रौनक बाजारों में देखते बन रही है। दो दिन बाद रविवार, 22 अगस्त को बहनें अपने भाई की कलाई पर प्यार बांधेंगी। त्यौहार को पंरपरागत तरीके से सेलिब्रेट करने के लिए खरीदारी तेज हो गई है। पारंपरिक रेशम की डोरी के साथ सोने, चांदी और हीरे के अलावा मीनाकारी की राखी की डिमांड इसबार ज्यादा देखने को मिल रही है।

शहर के ज्वेलरी शॉप पर सोने, चांदी और हीरे की राखियां बहनों को खूब भा रही हैं। इसके साथ ही काशी की फेमस मीनाकारी जो जीआई टैग युक्त होगी वो राखी मार्केट में आ चुकी है। लोगों की डिमांड भी इसको लेकर देखी जा रही है। हर रोज ज्वेलरी शॉप पर राखी की खरीदारी के लिए बहनें पहुंच रही हैं।

फैशन ट्रेंड

काशी की प्राचीन और ऐतिहासिक गुलाबी मीनाकारी कला अब त्योहारों और फैशन ट्रेंड से जुड़ रही है। गुलाबी मीनाकारी से जुड़े कारीगर ने पहली बार ट्रेड और फैशन के अनुसार अलग तरह की राखी बना रहे हैं, इसकी इन दिनों बाजारों में डिमांड भी खूब है। खास बात यह है कि हाथों से बनी यह राखी न सिर्फ गुलाबी मीनाकारी को एक अलग आयाम दे रही है, बल्कि महिला कारीगर इससे आत्मनिर्भर भी बन रही हैं।

ये है खास

वाराणसी के गाय घाट मोहल्ले में कुछ ही कारीगर हैं, जो गुलाबी मीनाकारी की कला को जानते हैं। गुलाबी मीनाकारी वह कला होती है जो चांदी और सोने के पत्तल पर खास गुलाबी रंगों द्वारा बनाई जाती है। यह पूरी तरीके से हाथों से बनाई जाने वाली कला है। इसमें पहले सिर्फ कुछ गिने-चुने ही सामान बनाए जाते थे, लेकिन ट्रेंड और त्योहारों के साथ इससे जुड़े कारीगर अब अलग प्रयास कर रहे हैं। इसी क्रम में इससे जुड़ी महिला कारीगरों ने रक्षाबंधन के पावन पर्व पर गुलाबी मीनाकारी से जुड़ी राखी बनाई है। इन राखियों पर अलग-अलग तरीके के चित्र दर्शाए गए हैं और इसमें लगे रेशम के धागे में पिरोई हुई मोतिया सहज ही लोगों को आकíषत कर रही हैं।

खराब नहीं होगी राखी

राखी बनाने वाली महिला कारीगर बताते हैं कि राखी हम सभी बना रहे हैं, इसे पूरे साल भी पहनने पर खराब नहीं होगी। इसकी सुंदरता इसी प्रकार बनी रहेगी। उन्होंने बताया कि इस राखी से भाई-बहन के रिश्ते की डोर मजबूत होगी। इसके साथ ही ये राखियां हम महिला कारीगरों को भी आत्मनिर्भर बन रही हैं। बता दें कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा गुलाबी मीनाकारी को जीआई प्रोडक्ट में शामिल कर दिया गया है, जिसके बाद से इसकी व्यवसाय में बढ़ोतरी हो रही है। इससे जुड़े कारीगर भी अब निराश नहीं हैं।

कोट

इस बार हम लोगों ने राखी बनाने की प्रक्रिया शुरू की है। हमने सिर्फ फोटो लोगों को भेजा था, जिसके बाद डिमांड बढ़ रही हैं। हमें अब तक हजार से ज्यादा ऑर्डर मिले हैं और हमारी पूरी कोशिश है कि रक्षाबंधन तक 10,000 मीनाकारी की राखी बना लें। राखी चांदी के पत्र पर बनाई जाती हैं और इसमें अलग तरीके के पदार्थो का प्रयोग होता है जो काफी महंगे होते हैं। इस लिहाज से इसकी कीमत थोड़ी ज्यादा है, लेकिन इसे जिस तरीके से उकेरा जाता है वह बेहद ही खास है। ऐसी दूसरी राखी पूरे भारत में कहीं नहीं मिलेगी। मीनाकारी वाली की एक राखी कीमत लगभग 15 सौ रुपये है।

कुंज बिहारी सिंह, गुलाबी मीनाकारी के नेशनल अवॉर्डी कारीगर

प्रतिदिन 40 से 50 राखियां चांदी की बिक रही हैं। चार से पांच सोने की राखियों की सेल है। हीरे में भी कुछ बहनों की क्वेरी आ रही है। राखी और तीज की खरीदारी चल रही है। राखी को लेकर कई वेरायटी उपलब्ध हैं। सोने, चांदी की ब्रेसलेट, सोने की चेन और ब्रेसलेट जो सालों साल भाइयों की कलाई में सजी रहेंगी। इसके अलावा सोने और चांदी के कड़े भी उपलब्ध हैं। पांच सौ रुपए से लेकर करीब दस हजार रुपए तक की चांदी की राखियां हैं। इसके अलावा चांदी और सोने के कड़े वजन के हिसाब से हैं। हमारे यहां क्वालिटी का विशेष ख्याल रखा जाता है। हमारी क्वालिटी ही हमारी पहचान है।

अमित अग्रवाल, नारायण दास सर्राफ एंड संस ज्वेलर्स, भेलूपुर

भाई बहन के अटूट प्यार और विश्वास के पर्व रक्षाबंधन को लेकर मार्केट पूरी तरह से तैयार है। बहनें हर रोज भाई के लिए चांदी की राखी खरीदने के लिए शॉप पर आ रही हैं। मार्केट अभी तीज पर्व तक पूरी तरह से वाइब्रेट पर रहेगा। शॉप पर पांच सौ रुपए से लेकर 15 सौ रुपए तक की राखी उपलब्ध है।

- नवनीत टक्साली, नवरतन ज्वेलर्स, भेलूपुर व लहुराबीर