Varanasi:

भारतीय सेना के पास हथियारों की कमी नहीं है। आधुनिकीकरण के दौर में हथियार भी आधुनिक होने चाहिए। इसलिए आधुनिक हथियारों और युद्ध की नयी तकनीकी से सेना को लैस किया जा रहा है। ये कहना था थल सेनाध्यक्ष विपिन रावत का। सेनाध्यक्ष शुक्रवार को अपने दो दिनी काशी प्रवास के दौरान श्री काशी विश्वनाथ मंदिर दर्शन करने पहुंचे थे। उन्होंने यहां ये बातें मीडिया से हुई बातचीत के दौरान कहीं।

 

सेनाध्यक्ष गुरुवार को 39 गोरखा रेजीमेंट के दौ सौ साल पूरे होने पर छावनी स्थित परेड ग्राउंड में आयोजित समारोह में शामिल होने आये थे। उन्होंने कहा कि गंगा आरती और काशी विश्वनाथ में दर्शन के बाद मेरे में एक नई एनर्जी आ गई है। भगवान से क्या मांगा? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ईश्वर से कुछ मांगा नहीं जाता। उनके दर्शन होते हैं लेकिन मैंने सीमा पर तैनात हमारे जवानों की रक्षा की कामना की। हथियारों के मामले में चीन की बढ़ती ताकत और भारतीय सेना के पास हथियारों की कमी के सवाल पर जनरल राव ने कहा कि हम हर स्थिति का सामना करने में सक्षम हैं। हथियारों का आधुनिकीकरण होना चाहिए। वह हो भी रहा है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में सेना अच्छा काम कर रही है। पत्थरबाज कम हुए हैं। सेना वहां शांति स्थापित करने का पूरा प्रयास कर रही है। इसमें खुफिया विभाग, सुरक्षा से जुड़ी अन्य एजेंसियां और स्थानीय पुलिस सहयोग कर रही है।

 

हेलीकाप्टर छोड़ गए कार से

थल सेनाध्यक्ष विपिन रावत शुक्रवार को अपना हेलीकाप्टर छोड़कर दिल्ली रवाना होने के लिए बाइ रोड कार से बाबतपुर एयरपोर्ट रवाना हुए। इससे पहले वे सुबह 39 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर पहुंचे। वहां अफसरों ने उनकी आगवानी की। इसकेबाद सेनाध्यक्ष शहीद स्मारक पहुंचे और पूरे सैनिक सम्मान केसाथ श्रद्धसुमन अर्पित किये। उन्होंने रिटायर ब्रिगेडियर एसपी सिन्हा की लिखित पुस्तक 'हिस्ट्री ऑफ गोरखा रेजिमेंट' का लोकार्पण किया। जनरल विपिन रावत ने स्मृति धाम के रजिस्टर पर हस्ताक्षर किये और सैन्य अफसरों व जवानों के साथ फोटो भी खिंचवाया।