- त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर पुलिस व प्रशासन हुआ अलर्ट

- असलहों के दुकानों पर पहुंचकर पुलिस कर रही रिकार्ड की जांच

पंचायत चुनाव को देखते हुए अब पुलिस एक-एक कारतूस का हिसाब अपने पास रखेगी। इसके लिए लाइसेंसी असलहे की दुकानों में रखे रिकॉर्ड की जांच के अलावा कारतूस खरीदने वालों की लिस्ट पुलिस तैयार कर रही है। कौन कितने कारतूस खरीद रहा है और खाली खोखे जमा हो रहे हैं या नहीं ऐसी तमाम जानकारियों को पुलिस इकट्ठा कर रही है।

शस्त्र जमा कराने को लेकर

पुलिस एक तरफ जहां गांव गांव पहुंचकर विवाद करने और चुनाव के दौरान उपद्रव करने वालों की कुण्डली तैयार करने में जुट गई है। वहीं दूसरी तरफ लाइसेंसी शस्त्र जमा कराने को लेकर भी पुलिस सभी असलहाधारियों के घर पहुंचकर दबाव बना रही है। हालांकि प्रशासन ने लाइसेंसी असलहाधारियों को सहुलियत दी है कि थाने या असलहे की दुकानों पर अपने हथियार जमा करने के बाद मिली रसीद को थाने पर लाकर जमा कर सकते हैं।

ऐसे लोगो की लिस्ट बनाई जा रही

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अगर कोई भी विवाद या उपद्रव फैलाने का प्रयास करता है तो उसके साथ पुलिस कड़ा रूख अख्तियार करने वाली है। इसके लिए पुलिस गांव व मुहल्लों में पहुंच कर अराजकतत्वों पर नकेल कसने में जुट गई है। पुलिस विवाद करने वालों को पाबंद करने में जुटी हुई है। साथ ही ऐसे लोगो की लिस्ट बनाई जा रही है। जिनका नाम पिछले चुनावों में हुए विवादों में आ चुका है।

असलहे की दुकानों पर पहुंची पुलिस

शनिवार को एसीएम-4 अमृता सिंह और सीओ कैंट अभिमन्यु मांगलिक ने कैंट क्षेत्र के असलहों की दुकानों पर पहुंचकर जांच की। जांच के दौरान उन्होंने दुकानों में रखे गए असलहे व गोलियों का पूरा रिकॉर्ड देखा। दुकानदारों को सख्ती से कहा गया कि कारतूसों की बिक्री में किसी प्रकार की हेराफेरी न करें, ऐसा पाए जाने पर दुकान का लाइसेंस तक कैंसिल किया जा सकता है।

साल में मात्र दो सौ गोलियां

एक समय था कि असलहों की दुकानों पर जाकर लाइसेंस दिखाओ और जितनी चाहे उतनी गोलियां लेकर जाओ। लेकिन अब ऐसा नहीं किया जा सकेगा। नए नियमों के मुताबिक अब एक साल में केवल दो सौ ही गोलियां ही लाइसेंस धारकों खरीद सकेगा। अब यह उनके ऊपर निर्भर करता है कि वह कितनी गोलियां कब लेते हैं।

इन बिंदुओं पर हो रही जांच

-असहले की दुकानों में जो लाइसेंसी असलहे रखे गए हैं उनके रिकॉर्ड है या नहीं

- कितने कारतूस की खरीद कौन लाइसेंसधारक कर रहा है

- जितने कारतूस लिए गए हैं उसके सापेक्ष खोखे जमा किए गए या नहीं?

- दुकानदार असलहे और गोलियों के स्टाक मेंटेन कर रहे हैं या नहीं

'' पंचायत चुनाव को शांतिपूर्ण संपन्न कराना ही पुलिस व प्रशासन की पहली प्राथमिकता है। चुनाव में असलहे जमा हो रहे हैं या नहीं इसकी मानीटरिंग लगातार की जा रही है। कौन कितनी गोलियां खरीद रहा है पुलिस उनकी सूची तैयार कर रही है। इसके अलावा तमाम बिंदुओं पर जांच की जा रही है।

अभिमन्यु मांगलिक, सीओ कैंट