पड़ाव से आईएसआई का एजेंट गिरफ्तार, ज्वाइंट आपरेशन में एटीएस और मिलेट्री इंटेलिजेंस को मिली सफलता

-विश्वनाथ मंदिर, गंगा आरती, बीएचयू से जुड़ी खबरें, फोटो भेजता था पाकिस्तान

VARANASI

पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी बनारस को दहलाने की फिराक में है। इसका खुलासा तब हुआ जब पड़ाव से रविवार को बनारस के छित्तूपुर के रहे वाले आईएसआई एजेंट राशिद अहमद को पकड़ा गया। रात में हुए ज्वाइंट ऑपरेशन में एटीएस और मिलेट्री इंटेलिजेंस ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट राशिद को धर दबोच लिया। उसके पास से स्मार्ट मोबाइल फोन, दो सिमकार्ड, पेटीएम के जरिए मिले पांच हजार कैश बरामद हुए। राशिद ने सैन्य ठिकानों, विश्वनाथ मंदिर समेत अन्य महत्वपूर्ण स्थानों की सूचनाएं, फोटो और गंगा आरती की वीडियो आईएसआई को भेजा था। पाक में रह रही अपनी माशुका को पाने और अमीर बनने की लालच में वह आतंकी बन गया। पिछले तीन साल से आईएसआई के इशारे पर बनारस समेत पूरे भारत से सूचनाएं जुटाकर पाकिस्तान भेजता था।

गया था पाकिस्तान

एटीएस की प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि राशिद अहमद की मौसी पाकिस्तान के कराची में रहती है। उनकी लड़की से वह प्यार करता था। उससे मिलने के लिए वह पहली बार अगस्त 2017 में कराची गया था। जहां वह करीब एक महीने बिताया। मौसी से शादी की बात कही, लेकिन उन्होंने अपनी बेटी की शादी किसी और से करने को कहा। इससे वह परेशान रहने लगा। मौसी के बेटे ने राशिद की मुलाकात आईएसआई से करायी। आईएसआई ने राशिद को भारत विरोधी काम करने के लिए राजी कर लिया। इसके एवज में मोटी रकम और मौसी की बेटी से निकाह कराने का वादा किया। भारत वापस आते ही राजस्थान से पाकिस्तान हैंडलर ने राशिद को मोटी रकम भेजी। इसके बाद वह आईएसआई को वाराणसी से पूरे भारत की गोपनीय सूचनाएं भेजने लगा।

पाकिस्तान में लिया ट्रेनिंग

पाकिस्तान से आने के बाद राशिद ने सेना व सीआरपीएफ के ठिकानों की रेकी कर उसकी फोटो व वीडियो आईएसआई को भेजना शुरू कर दिया। इसके बाद आईएसआई के बुलावे पर राशिद 2018 में पाकिस्तान गया, जहां उसने आतंकी कैप में ट्रेनिंग भी ली।

खुफिया एजेंसियों के अनुसार राशिद ने बनारस में पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के सभी प्रोग्राम की जानकारियां, तस्वीरें भी पाकिस्तान भेज चुका है। राशिद से एटीएस मुख्यालय, लखनऊ में रॉ, आईबी, मिलिट्री खुफिया इकाई से लेकर अन्य सुरक्षा-खुफिया एजेंसियां पूछताछ कर रही है।

रहता था मां के साथ

मिलिट्री इंटेलिजेंस यूनिट को जुलाई 2019 में सूचना मिली कि वाराणसी का एक युवक लगातार पाकिस्तान में बातचीत कर रहा है और व्हाट्सएप के जरिए जानकारियां साझा कर रहा। मिलिट्री की सूचना के बाद से ही एटीएस उस पर नजर रख रही थी। गिरफ्तार आईएसआई एजेंट राशिद पं.दीनदयाल उपाध्याय नगर कोतवाली क्षेत्र के चौरहट गांव में इन दिनों रह रहा था। वह वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र के छित्तूपुर इलाके का मूल निवासी है। उसके पिता ने उसकी मां को तलाक दे दिया। इसके बाद से उसकी मां अपने मायके चौरहट गांव चली गई। राशिद अपनी मां के साथ रहता था।

इतिहास खंगाल रही पुलिस

राशिद की गिरफ्तारी और प्रारंभिक पूछताछ में जो जानकारी मिली उससे वाराणसी पुलिस के होश उड़ गए। राशिद इतने दिनों से बनारस की रेकी कर रहा था और यहां के खुफिया तंत्र को भनक तक नहीं। राशिद की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने सक्रियता बढ़ा दी है। एयरपोर्ट, घाट, रेलवे, बस स्टेशन समेत अन्य स्थानों पर चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। आईजी के निर्देश पर वाराणसी, चंदौली और आसपास के अन्य जिलों के थानों में राशिद के आपराधिक इतिहास खंगाले जाने लगे हैं।

इन स्थानों की किया रेकी

राशिद ने बनारस और आसपास के महत्वपूर्ण जगहों की रेकी किया। उसने

काशी विश्वनाथ मंदिर, बीएचयू, डीएलडब्ल्यू, संकटमोचन मंदिर, सारनाथ, एयरपोर्ट, कैंट रेलवे स्टेशन, कलेक्ट्रेट, कचहरी, दशाश्वमेध, अस्सी, राजघाट समेत अन्य घाट। 39 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर, 95 बटालियन सीआरपीएफ, राजघाट पुल के अलावा अयोध्या, आगरा फोर्ट, गोरखपुर रेलवे स्टेशन, चंदौली, मिर्जाजापुर और सोनभद्र के नक्सल प्रभावित इलाकों में मौजूद सीआरपीएफ कैंप, नागपुर रेलवे स्टेशन, अजमेर शरीफ, रेणुकूट थर्मल पावर प्लांट, नैनी पुल प्रयागराज, अ‌र्द्धकुंभ से जुड़ी तस्वीरों को पाकिस्तान भेजा। साथ ही उसके मोबाइल फोन से अन्य जानकारियां एटीएस को मिली है।