-108 व 102 एंबुलेंस कर्मियों के हड़ताल करने से पेशेंट्स की बढ़ी परेशानी

- निजी गाडि़यां जेब कर रहीं ढीली

चुन्नी देवी को लंगूर ने धक्का दे दिया और वो गिर पड़ीं। घर वाले एंबुलेंस के लिए कई बार फोन किए लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला। थक हारकर उनके फेमिली मेंबर शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय हॉस्पिटल ऑटो से लेकर पहुंचे।

मलाच्छी देवी घर में गिरने से घायल हो गयीं। उनके बेटे गुलाब ने एंबुलेंस के लिए 108 पर फोन पर किया। लेकिन घर नहीं पहुंचा तो वो ई रिक्शा से हॉस्पिटल पहुंचीं। यहां किसी तरह से उन्हें उतारा गया।

मुनव्वर अली को आपसी लड़ाई में चोट लग गया। उन्होंने एंबुलेंस बुलाने के लिए कई बार फोन किया लेकिन फोन पर बताया गया कि एंबुलेंस की हड़ताल है। जिसके बाद वो ऑटो से हॉस्पिटल पहुंचे। यहां इलाज कराने के बाद फिर ऑटो से ही घर वापस गए।

ये एक-दो नहीं बल्कि अधिकांश पेशेंट की समस्या है। निजी एंबुलेंस का किराया इतना महंगा है कि लोगों को मजबूरन ऑटो, रिक्शा व ई-रिक्शा का सहारा लेना पड़ रहा है। दूर-दराज के लोग ट्रैक्टर से पहुंच रहे हैं।

हालांकि परेशानी और शिकायत बढ़ने पर सीएमओ की ओर से पांच एंबुलेंस चलाने का आदेश दिया गया। लेकिन वो नाकाफी साबित हो रही हैं।

चलती हैं 67 एंबुलेस

बनारस जिले में 67 एंबुलेंस हैं। इन एंबुलेंस को टोल फ्री नंबर 108 व 102 पर डायल कर बुलाया जाता है। पांच एंबुलेंस में लाइफ सपोर्ट सिस्टम लगा हुआ है। लेकिन पिछले तीन दिन से अपनी मांगों के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। रामनगर स्थित दुर्गा मंदिर स्थित मैदान में एंबुलेंस कर्मी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे जिले में एंबुलेंस के चक्के पूरी तरह से जाम हो गए हैं।

राहत के लिए चलाया पांच एंबुलेंस

ताकि प्राइवेट एंबुलेंस की लूट से बच सकें

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम करीब तीन घंटे तक मंडलीय हॉस्पिटल में पेशेंट्स की परेशानी का पड़ताल करने में जुटी रही। इस बीच हॉस्पिटल में एक भी प्राइवेट एंबुलेंस नहीं पहुंची। जबकि अधिकतर लोग ऑटो, बाइक व ई रिक्शा से हॉस्पिटल आ रहे थे। उन्होंने बताया कि प्राइवेट एंबुलेंस वाले अधिक पैसे मांग रहे थे। जबकि ऑटो व ई रिक्शा से आधे से भी कम पैसा देकर यहां पहुंच गए हैं।

थाने में शिकायत

अपनी मांगों को लेकर एंबुलेंस कíमयों का धरना रामनगर स्थित दुर्गा मंदिर तालाब के समीप तीसरे दिन बुधवार को भी जारी रहा। उधर जीवीकेएम के प्रोग्राम मैनेजर अभिषेक श्रीवास्तव ने नियमों का हवाला देते हुए महामारी एक्ट के तहत रामनगर थाने में छह लोगों के खिलाफ नामजद व कुछ अज्ञात लोगों के विरुद्ध अप्लीकेशन दी है। इसमें कौशांबी के सुनील कुमार शुक्ला, चंदौली के अजीत सिंह यादव, जौनपुर के श्याम सिंह यादव, वाराणसी निवासी कमलेश कुमार सिंह, बलिया के हीरालाल व वाराणसी के पारसनाथ के खिलाफ तहरीर दी गई है। दूसरी ओर जिला प्रशासन व स्वास्थ विभाग की कड़ाई पर सभी एंबुलेंस के ड्राइवर सीएमओ को अपने वाहनों की चाबी सौंप दी।

छह सूत्रीय मांगों के लिए कर रहे आंदोलन

108-102 एएलएस के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार शुक्ला का कहना है कि 102 व 108 नंबर एंबुलेंस सेवा का लाभ लोगों को मिल रहा है। छह सूत्रीय मांगों को लेकर एंबुलेंस कर्मचारी पिछले चार दिनों से आंदोलनरत हैं। उनकी मांगों को पूरी करने की बजाए कर्मचारियों को हटाया जा रहा है। प्रदेशस्तर के दस लोगों को हटा दिया गया। वहीं कíमयों पर मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। ऐसा करना ओछी मानसिकता को दर्शता है।

एंबुलेंस कíमयों की यह हैं मांगे

-ठेका प्रथा बंद की जाए। एंबुलेंस कíमयों की नौकरी सुरक्षित की जाए।

-102 और 108 एएलएस के कर्मचारियों को एनएचएम में शामिल किया जाए।

-समान कार्य समान वेतन लागू किया जाए।

-कोरोना काल में जान गंवाने वाले एंबुलेंस कíमयों के परिजनों को 50 लाख की बीमा राशि और सहायता राशि तुरंत दी जाए।

-बार-बार कंपनी बदल कर नए सिरे से भर्ती न की जाए।