-बाबा विश्वनाथ मंदिर एरिया में हैं सिर्फ दो टॉयलेट-वॉशरूम

-दर्शन के लिए यहां डेली हजारों लोगों का उमड़ता है हुजूम

-लेकिन लेडीज दर्शनार्थियों के लिए टॉयलेट-वॉशरूम की फैसिलिटी ही नहीं

VARANASI: बाबा की नगरी में किसी का बुरा नहीं होता है। बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए देश के कोने-कोने से दर्शनार्थियों का जत्था बनारस आता रहता है। लेकिन दर्शनार्थियों को एक टीस बहुत सालती है। खास कर लेडीज दर्शनार्थियों को बहुत ही ज्यादा। दरअसल, विश्वनाथ मंदिर सहित आसपास के एरिया में लेडीज टॉयलेट-वॉशरूम की बहुत किल्लत है। सार्वजनिक टॉयलेट के नाम पर सिर्फ सरस्वती फाटक नंबर दो पर एक टॉयलेट और दूसरा टॉयलेट-वॉशरूम छत्ताद्वार पर है। लेकिन इसकी भी कंडीशन काफी बैड है। लेडीज सुरक्षाकर्मी खुद सरस्वती फाटक स्थित टॉयलेट- वॉशरूम को यूज करती हैं।

सरस्वती गेट नंबर दो

सरस्वती फाटक नंबर दो पर स्थित सार्वजनिक टॉयलेट-वाशरूम को लेडीज व जेंट्स दोनों यूज करते हैं। लेकिन इस टॉयलेट की भी अजीब कहानी है। आसपास के शॉपकीपर्स की मानें तो रात दस बजे के बाद से सुबह पांच बजे के बीच में पानी की सप्लाई बाधित रहती है। सुरक्षाकर्मी भी इसी टॉयलेट को यूज करते हैं लेकिन वे उसके एवज में निर्धारित शुल्क नहीं देते हैं। जिसका खामियाजा दर्शनार्थियों को भुगतना पड़ता है। उन्हें टॉयलेट-वॉशरूम के लिए दशाश्वमेध एरिया की तरफ जाना पड़ता है।

छत्ताद्वार

छत्ताद्वार पर एक टॉयलेट-वॉशरूम जरूर है लेकिन बाबा की सिक्योरिटी में लगाए गए जवान ही इसे यूज करते हैं। जो लोकल दर्शनार्थी हैं वह भी इसी टॉयलेट को यूज कर लेते हैं लेकिन बाहरी दर्शनार्थियों को यहां से दूसरी ओर टरका दिया जाता है। हालांकि इस टॉयलेट-वॉशरूम की कंडीशन इतनी खराब है कि छत्ताद्वार एरिया के लोगों को वॉशरूम के लिए सरस्वती फाटक नंबर दो के सार्वजनिक शौचालय की तरफ रुख करना पड़ता है। सोर्सेज की मानें तो लेडीज सुरक्षा कर्मी खुद वॉशरूम के लिए यहां पहुंचती हैं। उतने देर में ही उनके अंगेस्ट एक्शन भी ले लिया जाता है। ज्यादा प्रॉब्लम तो बाहर से आईं उन लेडीज दर्शनार्थियों को फेस करनी पड़ती है जिन्हें टॉयलेट-वॉशरूमसर्च करना पड़ता है।

यहां बाहरी को एलाऊ नहीं

देश के विभिन्न स्टेट्स से हजारों दर्शनार्थी बाबा विश्वनाथ के दर्शन पूजन को आते हैं उनमें चालीस परसेंट लेडीज होती हैं। लेकिन उनके लिए टॉयलेट-वाशरूम का कुछ खास इंतजाम नहीं किया गया है। मंदिर परिसर में एक टॉयलेट-वॉशरूम तो है लेकिन उसे सिर्फ मंदिर के लोग ही यूज करते हैं। दूसरा कोई उसे यूज नहीं कर सकता।