वाराणसी (ब्यूरो)बनारस की बाढ़ से पूरे जनपद के गंगा से लगे इलाकों में तबाही और लोगों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ाबाढ़ से लाखों की आबादी को परेशानी हुईकारोबारी हब बनारस के बिजनेस को लगभग 400 करोड़ से अधिक का घाटा भी उठाना पड़ा हैवहीं, करोड़ों रुपए के मिले ऑर्डर की डिलीवरी देने में भी विलंब हो रहा हैबनारसी साड़ी, किराना, मसाला, कपड़ा, जेवर, पार्ट-पूर्जे, जींस, अनाज, खिलौने, कागज, होटल, नाव और टूरिज्म समेत अन्य इंडस्ट्री को करोड़ों रुपए का फटका लगा हैकारखानों में बाढ़ का पानी लगने कारीगर बेकाम है और सप्लाई चैन बाधित हो रही है.

सहम गई मंडी

पूर्वांचल की सबसे पुरानी किराने की विशेश्वरगंज मंडी मानो बाढ़ से सहम गई हैअनाज, मसाले, चिप्स आइटम, पशु आहार, जींस, ड्राई फ्रूट्स और अन्य सामानों के कम ऑर्डर प्राप्त हुएअब गंगा के उतरने से व्यापारियों ने भी राहत की सांस ली हैविशेश्वरगंज किराना मंडी अध्यक्ष भगवानदास जायसवाल के मुताबिक तकरीबन 20 करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ हैसाथ ही साउथ इंडिया में बारिश की वजह से मसालों की सप्लाई चैन भी प्रभावित हुई है.

साड़ी, कपड़ा व कागज नरम

बनारस की पहचान बनारसी साड़ी, कपड़ा व कागज की इंडस्ट्री पर भी बाढ़ के पानी ने सर्जिकल स्ट्राइक कर डाली हैकागज, बनारसी साड़ी और महीने कपड़े का कारोबार गंगा के तटवर्ती या घाट किनारे के एरिया में सांस लेता हैइससे लंबी अवधि तक साड़ी के दुकान व तानाबाना और कागज के कारखाने और खुदरा पेपर शाप्स भी तकरीबन दो सप्ताह तक प्रभावित रहींघाट एरिया में पानी भरने से दूर-दराज के कस्टमर्स ने किनारा कर लिया वहीं, लोकल स्तर पहर अच्छी बिक्री नहीं होने से उक्त कारोबार के दिन अच्छे नहीं रहेव्यापारियों की मानें तो तकरीबन 50 करोड़ का नुकसान व 50 से करोड़ से अधिक करोड़ का ऑर्डर अधर में लटका हुआ है.

होटल, टूरिज्म की नाव भी फंसी

कोरोना लॉकडाउन के लंबे अर्से बाद बाजार में चहल-पहल के लौटने से टूरिज्म, गाइड, होटल और बोट इंडस्ट्री की उम्मीद बाढ़ के भंवर में फंस गई हैएक महीने से अधिक समय से नाव का संचालन ठप हैइससे नाविकों का दो वक्त के रोटी के लाले पड़ गए हैैंटूरिज्म और गाइड का भी धंधा मंदा चल रहा हैकस्टमर की कमी और जीएसटी की मार झेल रहे सैकड़ों होटल इंडस्ट्री को किसी चमत्कार की उम्मीद हैहोटल ऑनर के मुताबिक गाइड, टूरिज्म, होटल और बोट इंडस्ट्री को संयुक्त रूप से 15 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है.

फंसा है ऑर्डर, टूटी सप्लाई चैन

गंगा व वरुणा नदी में उफान से दर्जन भर मोहल्लों में लूम और करघे खामोश हैैंनक्खीघाट इलाके के रसूलपुरा मुहल्ले में बाढ़ का पानी भरने से वसीम के 6, हाजी शहाबुद्दीन के 2 और बैली के 2 लूमों की सांस थम गई हैइससे बनारसी साड़ी की बुनाई के लिए मिले कच्चा माल जस का तस पड़ा हुआ हैगद्दी से तैयार माल निकल नहीं पा रहा हैइससे तकरीबन 18 करोड़ से अधिक का बिजनेस प्रभावित हुआ है

बाढ़ के चलते किराना कारोबार को जबरदस्त नुकसान पहुंचा हैमौसम के साफ होने पर व्यापार के पटरी पर लौटने की उम्मीद है.

-भगवानदास जायसवाल, अध्यक्ष, व्यापार मंडल, विशेश्वरगंज

होटल इंडस्ट्री और टूरिज्म का धंधा मंदा चल रहा हैदशहरे और फेस्टिव सीजन के साथ इंडस्ट्री के जार पकडऩे की उम्मीद है

विशाल सिंह, होटल ऑनर

बाढ़ की सबसे अधिक मार नाविकों व नाव संचालकों पर पड़ी हैएक महीने से धंधा बंद होने से कई लोग कर्ज में जिंदगी गुजार रहे हैैं.

जितन साहनी, नाव संचालक

पूर्वांचल व बिहार के कस्टमर्स के कदम बाढ़ की वजह से थम गए हैैंअब दशहरे का बाद ही धंधे के जोर पकडऩे के आसार हैैं.

अमित पटेल, कपड़ा व्यापारी

लूम और हथकरघों में बाढ़ का पानी भरने और बिजली कटौती से ऑर्डर तैयार करने में दिक्कत हो रही हैपानी के उतरने के बाढ़ ही तानाबाना शुरू हो पाएगा.

शमीम, बनारसी साड़ी बुनकर