वाराणसी (ब्यूरो)उत्तर प्रदेश सरकार ने महिलाओं एवं बच्चों के उत्पीडऩ रोकने और उनके विरुद्ध हो रहे अपराधों को कंट्रोल करने के लिए वाराणसी में महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की यूनिट खोलने की कवायद शुरू हो गई हैकमिश्नरेट एवं जिलों में कार्यरत महिलाओं से संबंधित पुलिस की विभिन्न इकाइयों को संयोजित कर यह नई यूनिट बनाई जा रही हैयह यूनिट वाराणसी में महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की प्रतिनिधि यूनिट के रूप में कार्य करेगी, जिसके प्रभारी एसीपी स्तर के अधिकारी होंगेइसके अलावा धारा 376 बलात्कार, 500 मानहानि, 294 अश्लील कृत्य आदि मामलों की पीडि़ता को महिला सम्मान कोष अनुभाग द्वारा आर्थिक मदद भी की जाएगी.

सभी शाखाएं होंगी एक जगह

महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित विभिन्न शाखाओं जैसे महिला सहायता प्रकोष्ठ, महिला अपराध शाखा एवं बाल कल्याण (सीएडब्लू) को एक जगह एकत्रित कर महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की जनपदीय यूनिट बनाने का निर्णय लिया हैजनपदीय महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन के तहत संबंधित जिले का महिला थाना एवं एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) भी कार्य करेगाराज्य मुख्यालय पर इस यूनिट के कार्यों की निगरानी पहले से गठित महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन द्वारा की जाएगीजनपदीय महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन जिले में महिला एवं बाल अपराधों पर हुई कार्रवाई की निगरानी करेगा तथा उनका डाटा बेस भी तैयार करने में सहयोग देगा.

सभी शिकायतों का निस्तारण

राष्ट्रीय महिला आयोग, राज्य महिला आयोग, आईजीआरएस, महिला हेल्प डेस्क, लोक शिकायत, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन (1090), सीएम हेल्प लाइन, यूपी 112 आदि से प्राप्त महिला उत्पीडऩ संबंधी शिकायतों का भी यूनिट के जरिए प्रभावी निस्तारण किया जाएगामहिला एवं बाल विकास, शिक्षा एवं स्वास्थ्य आदि विभागों द्वारा महिलाओं के उत्थान के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं को सफल बनाने के लिए भी यह यूनिट काम करेगी.

जनपदीय यूनिट में बनेंगे चार अनुभाग

जिले के महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन में चार अनुभाग बनाए जाएंगेमहिला संबंधी अपराध की निगरानी अनुभाग (महिला हेल्प डेस्क), महिला सहायता प्रकोष्ठ अनुभाग (परामर्श केंद्र), महिला सम्मान कोष अनुभाग (आर्थिक सहायता) व महिला आयोग एवं महिला बाल सुरक्षा संगठन अनुभागइन सभी इकाइयों का प्रभार कमिश्नरेट के पुलिस उपाधीक्षक, अपर पुलिस अधीक्षक अपराध स्तर के अधिकारियों के पास होगाकमिश्नरेट/जनपद स्तर पर पर्यवेक्षण अधिकारी डीसीपी/अपर पुलिस अधीक्षक/क्षेत्राधिकारी होंगेप्रत्येक अनुभाग में एक-एक निरीक्षक/उपनिरीक्षक एवं इनके सहयोग के लिए एक-एक मुख्य आरक्षी एवं तीन तीन आरक्षी तैनात होंगेइसमें कुल पुलिस बल का कम से कम 50 प्रतिशत महिला अधिकारी/कर्मचारी होंगे.

पारिवारिक मामले महिला प्रकोष्ठ में सुलझेंगे

पारिवारिक/वैवाहिक संबंधों से जुड़े मामलों में महिला सहायता प्रकोष्ठ के कर्मचारी एवं संवेदनशील व प्रशिक्षित काउंसलरों के माध्यम से दोनों पक्षों के मध्य वार्ता कर सुलझाने का प्रयास किया जाएगावहीं, महिला सम्मान कोष के तहत विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता की निगरानी की जाएगीमहिला आयोग प्रकोष्ठ के अंतर्गत राष्ट्रीय महिला आयोग, राज्य महिला आयोग एवं अन्य आयोग, महिला एवं बाल सुरक्षा यूनिट लखनऊ से प्राप्त प्रार्थना पत्रों की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी.

इसलिए महत्वपूर्ण

-महिलाओं के अधिकारों का व्यापक प्रचार प्रसार करना

-विभिन्न स्वैच्छिक संगठनों तथा महिलाओं के लिए कार्य करने वाले बाल संगठनों से समन्वय करना

-प्रताडि़त महिलाओं को तत्परता से उचित सहायता उपलब्ध कराना

-महिला एवं बाल उत्पीडऩ की रोकथाम के लिए सामाजिक चेतना विकसित करना

-जनपद स्तर पर चिकित्सीय, न्यायिक, मनोवैज्ञानिक परामर्शी सेवाएं उपलब्ध कराना

महिला की सुरक्षा को लेकर शासन गंभीर हैमहिला बाल विकास संगठन की यूनिट बनारस में खुलेगी, जिससे हेल्प डेस्क, परामर्श केंद्र, महिला थाना व अपराध शाखा जुड़ी रहेगीइसके अलावा महिला सम्मान कोष अनुभाग के जरिए दुष्कर्म आदि गंभीर मामलों में पीडि़ता को आर्थिक मदद भी दी जाएगीयूनिट को प्रपोजल तैयार हैअब इप्लीमेंट की प्रक्रिया शुरू हो गई है.

ममता रानी, एडीसीपी, महिला अपराध