वाराणसी (ब्यूरो)स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र काशी लगातार बुलंदियों को छू रही हैइस बार फिर स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में उत्कृष्ट कार्य करने पर नगर निगम वाराणसी को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिये चयनित किया गया हैयह पुरस्कार महामहिम राष्ट्रीय द्रौपदी मुर्मू 11 जनवरी को नई दिल्ली के भारत मंडपम में नगर आयुक्त को प्रदान करेंगीबड़ी बात यह है कि स्वच्छ सर्वेक्षण में पूरे प्रदेश में केवल दो ही शहर का चयन किया गया हैइनमें वाराणसी और प्रयागराज शामिल है.

ऐसे आगे बढ़ रहा बनारस

नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉएनपी सिंह ने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण में बनारस लगातार आगे बढ़ रहा है। 2020 में बनारस स्वच्छ सर्वेक्षण में 47वें पायदान पर थाइसके बाद 2021 में 30वें नंबर पर तो 2022 में 21 नंबर पर पहुंच गया। 2023 में 11 जनवरी को पता चलेगा कि स्वच्छ सर्वेक्षण को बनारस को कितना रैंक मिला.

प्रदेश में दो निगमों का चयन

स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में स्वच्छता के मानकों को पूरा करने पर भारत सरकार द्वारा पिछले वर्ष परीक्षण किया गयापरीक्षण के आधार पर राष्ट्रीय पुरस्कार (स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 अवार्ड सेरेमनी) दिये जाने की घोषणा की गई हैप्रदेश में दो नगर निगमों को राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया हैइनमें नगर निगम वाराणसी एवं नगर निगम प्रयागराज शामिल है.

नगर आयुक्त की अपील

नगर आयुक्त ने शहर के लोगों से अपील की है कि आगे भी शहर को स्वच्छ बनाने में सहयोग करें ताकि बनारस का नाम और बुलंदियों पर पहुंच सकेनगर स्वास्थ्य अधिकारी डाएनपी सिंह ने यह पुरस्कार बनारस की जनता को समर्पित कियाकहा कि 2020 से स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार बनारस का रैंक सुधरता गयाआगे भी यह प्रक्रिया जारी रहेगीकहा कि यह उपलब्धि महापौर, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी तथा नगर आयुक्त द्वारा दिये गये कुशल नेतृत्व और निर्देशन से प्राप्त हुआ है.

स्वच्छता पर फोकस

डाएनपी सिंह ने कहा कि शहर को स्वच्छ बनाने के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैंसफाईकर्मियों की नियुक्ति से लेकर वाहनों की खरीदारी की जा रही हैयही नहीं वार्ड की सफाई में भी विशेष फोकस किया जा रहा हैसभी सफाईकर्मियों को जीपीएस सिस्टम से लैस किया गया ताकि वह समय से जाए और समय से आएआम पब्लिक को शिकायत का मौका न मिले.

बनारस को स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए प्रदेश में चयन किया गया है। 11 जनवरी को दिल्ली में पुरस्कार दिया जाएगायह जनता के सहयोग से हुआ है.

अक्षत वर्मा, नगर आयुक्त