आज जो कुछ भी हमारे पास है वह हमारे पूर्वजों की थाती है। सही मायनों में पुरखों के प्रति सच्ची श्रद्धाजंलि इनको संभाल कर रखने में है। मेरा पितर मेरा शहर के अतंर्गत पूर्वजों के प्रति श्रद्धा समर्पित करने के क्रम में हमने अपने शहर की तमाम खासियतों से अवगत कराया। क्योंकि हमारा मानना है कि हमारा शहर एक तरफ तो हमारा पूर्वज है और दूसरी तरफ वर्तमान में हमारे साथ है इसलिए पूर्वजों के द्वारा हमें दी हुई थाती भी है। इसी कड़ी में आज हम चर्चा करते हैं शहर के खान पान की। जिनका स्वाद हमारे पुरखों ने भी लिया और हम भी चख रहे हैं

बनारसी ठंडाई भई क्या कहने

बनारस की बात हो और ठंडई का नाम न आये ऐसा नहीं हो सकता। ठंडई इस शहर का पसंदीदा पेय है। ठंडाई नाम से ही इसकी तासीर का पता चलता है। पर बाबा भोले की नगरी है तो इसकी खासियत भी तो इसमें दिखनी चाहिए। तो बस भांग का गोला इसके प्रति लोगों की चाहत को और भी बढ़ा देता है। आयुर्वेद के ग्रंथों में इस पेय का विस्तृत उल्लेख मिलता है। यह पेय एक औषधि भी है। शहर के तमाम इलाकों में इसकी दुकानें हैं। जो लोगों को बनारसी पन का स्वाद दिलाती रहती हैं।

मलइयो का स्वाद तो निराला है

बनारस में दूध दही से बनने वाली खाने पीने की चीजों का स्वाद आपको कुछ अलग हट के मिलेगा। कुछ चीजें तो ऐसी जो बनारस के सिवा और कहीं भी नहीं मिलेंगी। ऐसा ही खास स्वाद है मलइयो का। ठंड के दिनों में बनने वाले दूध के इस प्रिपरेशन को पीने और खाने का स्वाद इसे चखने वाला ही बता सकता है। पक्के महाल की संकरी गलियों में भोर में ही इसको बनाने की तैयारी शुरु होती है और दिन शुरु होते-होते दुकानदार इसे बेच कर खाली हो जाते हैं।

बड़ा चटक है बनारसी चाट

बनारस के तमाम खाने पीने की चीजों में बनारसी चाट का अपना अलग ही स्वाद है। अपने अलग तरह की तैयारियों के चलते इसका स्वाद इतना चटक होता है कि खाने वाला दोना चाटते रह जाता है। चाट गोलगप्पा, दही बड़े से लेकर दूसरी तमाम चीजों को सजाये हर गली मोहल्ले के मुहाने पर खड़े ठेले आपके मुंह का जायका बदलने के लिए तैयार मिलते हैं। अगर आप बनारस आये और यहां के गोलगप्पे और चाट का स्वाद नहीं लिया तो समझिए कि आप ने बहुत कुछ मिस कर दिया।

कचौड़ी जलेबी तो पहचान है

बनारस में सुबह के नाश्ते की खासियत कचौड़ी जलेबी है। अगर आप सुबह उठे और सड़क पर गये तो उड़द की पीठी भरकर बनाई गयी कचौड़ी और स्वादिष्ट सीजनल सब्जी आपको कहीं न कहीं रुकने पर मजबूर कर ही देगी। सिर्फ इतना ही नहीं इसके साथ मीठी जलेबी भी है। नमकीन के बाद मिठाई का स्वाद न केवल आपके मुंह का जायका बनायेगा बल्कि

दोपहर के खाने तक आपका भूख से सामना भी नहीं होने देगा। कचौड़ी जलेबी बनारसी स्वाद बन चुका है। इसीलिए इसे सुबह-ए-बनारस का भी नाम दिया गया है।