वाराणसी (ब्यूरो)बनारस में अकेले एक ब्रोकर ने 25 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे हैं। ऐसे ब्रोकर पूर्वांचल और शहर में हजारों हैैं। वहीं, आठ फीसदी से अधिक नए और यूथ्स ने भी धड़ाधड़ करोड़ों रुपए के शेयर खरीद डाले हैं। निवेश की रैकिंग में महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, पश्चिम बंगाल के बाद यूपी पांचवें पायदान पर काबिज है। लिहाजा, निवेशकों के लिए डाउन मार्केट एक सुनहरे अवसर से कम नहीं है।

इनके लिए है अपॉर्चुनिटी
शेयर मार्केट के एक्सपर्ट सुनील बंसल के अनुसार इकोनॉमी का नेचर है गिरना, उठना और ठहराव। मौजूदा वक्त में नए और मिडल इंवेस्टर्स टॉप रेटेड कंपनी के शेयर सस्ते दामों पर खरीद सकते हैैं। इस जोखिम का फायदा उन्हें आने वाले समय में मिल सकता है। बंसल दावा करते हैैं कि बनारस समेत पूर्वांचल के इंवेस्टर्स को कोई नुकसान नहीं हुआ है। इसकी भरपाई यूनियन बजट के आते ही पूरा होने की उम्मीद है। शेयर मार्केट का गोता लगाना, नए और जोखिम उठाने वाले इंवेस्टर्स के लिए अपॉर्चुनिटी है। मार्केट में गिरावट से कई अच्छे कंपनी के शेयर इस वक्त सस्ते दाम पर मिल रहे हैैं। यही मौका है कम निवेश में टॉप रेटेड कंपनी के शेयरों का मालिक बनने की।

जोखिम से भर सकती है झोली
शेयर मार्केट पर बारीक पकड़ रखने वाले विनय अग्रवाल बताते हैं कि सपोज करिए जिन शेयर की कीमत 10 रुपए रही और इस समय डाउन होकर छह रुपए हो गई है। ऐसे शेयर बनारसी इंवेस्टर्स खरीद सकते हैैं। शेयर मार्केट का दस्तूर है यह हमेशा डाउन नहीं रहता। कम समय में बढिय़ा रिकवर भी करता है। ऐसे में जोखिम लेने वाले इंवेस्टर्स की चांदी भी हो सकती है।

ताकि न पड़े नेगेटिव इफेक्ट
कई वर्षों से देखा जा रहा है कि यूनियन बजट आने के 10 से 15 दिन पहले बड़े फर्म और निवेशक अपना पैसा मार्केट से निकालते हैैं। इनकी संख्सा सिमित होती है, लेकिन निवेश कोरोड़ों-करोड़ में होता है। इनको डर होता है कि केंद्र सरकार के बजट में कोई ऐसा पॉलिसी न आ जाए कि इनके बिजनेस पर नेगेटिव इफेक्ट पड़े। लिहाजा, बजट से पहले लाखों-करोड़ों के शेयर को सेफ रखने के लिए निवेशक अपना पैसा मार्केट से निकालते हैैं।


कब कितनी गिरावट
18 जनवरी 554
19 जनवरी 656
20 जनवरी 634
21 जनवरी 427
24 जनवरी 1545


बीएसई-30 के टॉप लूजर
टाटा स्टील 5.98 फीसदी
बजाज फाइनेंस 5.9 फीसदी
विप्रो 5.35 फीसदी


ज्यादा गिरावट वाले प्रमुख शेयर
जोमैटो 19.65 फीसदी
नायका 12.93फीसदी
श्रीराम प्रोपर्टीज 12.45 फीसदी

शेयर मार्केट में गिरावट के ये हैं कारण
- यूक्रेन पर रूस के हमले की आशंका
- ओमिक्रॉन से संशय की स्थिति
- भारत के यूनियन बजट का इंतजार
- आम बजट से पहले बिकवाली का माहौल
- इंवेस्टर्स की ओर से लगातार निकासी


ग्लोबल मार्केट के चलते घरेलू बाजारों में गिरावट रह सकती है। चुनाव से पहले निवेशकों की मुनाफा वसूली रहेगी। यूनियन बजट को लेकर निवेशकों में थोड़ी संशय की स्थिति बनी हुई है। जो बजट आने के साथ दूर हो जाएगी।
विनय अग्रवाल, सब ब्रोकर

हाल के दिनों में शेयर मार्केट में आई गिरावट का बनारस समेत पूर्वांचल के कमोबेश सभी इंवेस्टर्स पर अधिक इंफेक्ट नहीं पड़ा है। गिरना-उठना बाजार का स्वभाव है। जोखिम उठाने वाले फायदा वसूल सकते हैैं।
सुनील बंसल, मार्केट एक्सपर्ट

मार्केट में ये गिरावट ग्लोबल आर्थिक, सामरिक, ओमिक्रॉन और महंगाई के मोर्चे पर उथल-पुथल का असर है। ये जल्द ही ठहर जाएगा। यह नए और मिडिल क्लास इन्वेस्टर्स के लिए बढिय़ा अपॉर्चुनिटी है।
रंजित निकोसे, मार्केट एक्सपर्ट

मैैंने दो लाख रुपए लगाया है। हाल की गिरावट की वजह से करीब 17 हजार रुपए घाटा दिख रहा है। उम्मीद है कि यूनियन बजट के बाद सेंसेक्स चढ़ाई करना शुरू कर देगा।
अंकित साव कश्यप, इंवेस्टर्स

शेयर मार्केट के ऐसे गिरावटों पर यूथ्स और जोखिम लेने वाले निवेशकों की नजर रहती है। इसमें भरोसेमंद कंपनी के शेयर सस्ते मिल जाते हैैैं।
प्रियंका, यूथ इंवेस्टर्स