लॉकडाउन के चलते कारोबार हुआ ठप, अब तक 200 करोड़ से ज्यादा का नुकसान

व्यापारियों का दाव पर लगा व्यापार, सरकार से लगा रहे मदद की गुहार

दुनिया में मशहूर बनारसी पान के कारोबार को भी कोरोना महामारी ने संकट में डाल दिया है। लॉकडाउन के चलते बनारसी पान व जर्दा उधोग पर जबरदस्त असर पड़ा है। कारोबारियों की कमर टूट गयी है। पान दरीबा की दुकाने बंद होने से स्टॉक किया गया पान सड़ चुका है। फैक्ट्रियो में बनने वाले जर्दा, कत्था और सुपाड़ी खाने लायक नहीं बचा है। इस उद्योग से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि अभी जो नुकसान हुआ सो हुआ ही है आने वाले दिनों में उन्हें तगड़ा झटका लगने वाला है। अगर समय रहते दुकानें न खुलीं तो इस व्यापर से जुड़े हजारो लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच जायेंगे। सभी की पूंजी टूट चुकी है, अब व्यापारी सरकार से मदद की गुहार लगा रहे है।

लाखों लोग जुड़े है कारोबार से

पान कारोबार बनारस में सैकड़ों साल से हो रहा है। कई पीढि़यों से लोग यह काम करते आ रहे हैं। पान, सुपाड़ी, कत्था और जर्दे को मिलाकर यहा हर साल एक हजार करोड़ से ज्यादा कारोबार होता है। छोटे से लेकर बड़े व्यापारी तक लाखों लोग इस से जुड़े हैं। करीब दो माह से दुकाने बंद होने से इनकी जिन्दगी ही थम गयी है। बड़े व्यापारियों का तो किसी तरह काम चल जा रहा है मगर जो छोटे छोटे पूंजी वाले दुकानदार और माध्यम वर्ग के लोग है उनके सामने बहुत बड़ा संकट आ गया है।

बंदी के बाद भी आ गया माल

शहर की पान मंडी बंद है। दुकानें नहीं खुल रही हैं लेकिन लॉकडाउन होने के बाद भी बाहर से आने वाला माल गोदाम तक पहुंचा दिया गया है। माल भेजने वाले तो अपना स्टॉक खली कर चुके है, लेकिन बनारस के गोदाम में किया गया स्टॉक रखे रखे सड़ गया है। एक अनुमान के मुताबिक अभी तक करीब 50 करोड़ का स्टॉक किया गया पान सड़ चूका है। उधर फैक्ट्री में तैयार होने वाला जर्दा, सुपाड़ी और कत्था भी खराब हो गया।

-यहां से आता है पान

कोलकाता

उड़ीसा

बिहार

यहां होती है सप्लाई

पूरा पूर्वांचल

दिल्ली

मुंबई

बंगलौर

कोलकाता

बिहार

मध्य प्रदेश

यूपी के समस्त जिले

छत्तीसगढ़ व देश के तमाम प्रदेश में

-इनती हैं वेरायटी पान की

कपूरी

महोवा

जंगल

मघई

हाजी

देशी

जगन्नाथी

बनारसी जगन्नाथी

आदि

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फैक्ट फाइल

500

हजार बड़े व्यापारी है शहर में

3

लाख के लोग जुड़े है पान व्यापार से

1000

करोड़ से ज्यादा का कारोबार है पान, जर्दा व सुपाड़ी का सालाना

50

करोड़ से ज्यादा का माल सड़ गया

50

करोड़ से ज्यादा का जर्दा व अन्य कच्चा माल हो गया खराब

200

करोड़ का नुकसान हो चूका है 22 मार्च से अब तक

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सरकार से चाहिए ये मदद

-शॉप के किराया न देने की मिले छूट

-बिजली के बिल में छूट

-कामगारों को आíथक मदद मिले।

-इस साल सारे टैक्स फ्री घोषित किया जाए।

-बैंक के ब्याज में छूट मिले।

-बिना ब्याज के लोन मिले

-इसे जुड़े श्रमिकों को एक निश्चित अमाउंट दे सरकार

-जीएसटी में कम्पाउंड स्कीम में जो व्यापारी हैं उनकी दंड वसूली को शून्य किया जाए।

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पान और जर्दे का व्यापर कच्चा व्यापार है। पान कुछ दिन वही जर्दे, कत्थे व अन्य सामग्री एक से डेढ़ माह में खराब हो जाते हैं। लॉकडाउन से न गोदाम खुला न दुकान, सारा माल सड़ गया। हमने सरकार से कई मदद मांगी है, जिससे व्यापारी उबर सके।

सुधीर चौरसिया-महासचिव-चौरसिया समाज बनारस

लॉकडाउन होने की वजह से पान के कारोबारी संकट से गुजर रहे है। करोड़ों का स्टाक फंस गया है, दुकाने खुल नहीं रहे है। लेकिन लॉकडाउन के एक सप्ताह बाद भी ट्रांसपोर्ट से माल आने का सिलसिला जारी रहा। सारा माल खराब हो गया। अब सरकार को कारोबारियों के बारे में भी सोचना चाहिए।

अंजनी चौरसिया, महामंत्री, श्री बरई सभा काशी

हम लॉक डाउन का कोई विरोध नहीं कर रहे है, जान से बड़ी कोई चीज नहीं है लेकिन अभी जो स्थिति बन रही है इससे तो पान कारोबार से जुड़े लोगों की हालत पस्त हो जाएगी।

दुर्गा प्रसाद, महामंत्री, श्री बरई सभा काशी

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कोरोना के कहर से बचने के लिए सरकार ने जो प्रयास किया है वो बेहतरीन है, लेकिन लम्बी अवधि तक हुए लॉकडाउन की वजह से उनका व्यापार पूरी तरह से चौपट हो रहा है। कारोबार से जुड़े लोगों के सामने आर्थिक संकट है।

शालिग्राम चौरसिया, व्यापारी, लल्लापुरा

ऐसा पहली बार हुआ है जब बनारसी पान का कारोबार इतने बड़े संकट में फंसा है। हमें अंदाजा भी नहीं होगा की आने वाले दिनों में भी हम कितने बड़े संकट का सामना करने वाले है।

अमित चौरसिया, व्यापारी सोनिया

बनारसी पान कारोबारियों की कमर टूट रही है। मार्च में पहले से ही माल डंप था। ऐसे में बाहर से माल भेजने वाले माल भेजकर अपना पीछा तो छुड़ा लिए, लेकिन व्यापारियों की मुसीबत बढ़ा दी।

मनोज चौरसिया, ट्रांसपोर्टर