वाराणसी (ब्यूरो)। कोविड की तीसरी लहर में फ्रंटलाइन वर्कर, हेल्थ वर्कर और साठ साल से ऊपर के व्यक्तियों को प्रीकॉशनरी डोज के समय कोविड प्रोटोकॉल का पालन होता नजर नहीं आया। केंद्रों पर कोविड का टीका लेने के लिए अधिक संख्या में फ्रंटलाइन वर्कर पहुंचते देखे गए। शहर में सिगरा और अर्दली बाजार में स्पेशल टीकाकरण केंद्र बनाए गए थे, जहां बड़ी संख्या में लोगों ने वैक्सीन लगवाकर राहत की सांस ली।

कई डयूटी छोड़कर पहुंचे थे
वैक्सीन के प्रीकॉशनरी डोज को लेकर फ्रंटलाइन वर्कर व हेल्थ केयर वर्कर ने काफी उत्साह दिखाया। कई ने तो ड्यूटी के बीच में ही मौका निकालकर टीका लगवाया और लौटकर पुन: ड्यूटी पूरी की। टीका लगवाने के बाद वे काफी आश्वस्त नजर आए। टीका लगवाने के बाद वर्करों ने कहा कि हमने तो लगवाया है और अब दूसरों को भी लगवाने में पूरी मदद करेंगे।

टीका लेकर काम पर लौटे
सिगरा स्टेडियम स्थित टीकाकरण केंद्र पर प्रीकॉशनरी डोज लगवाने के लिए फ्रंट लाइन वर्कर समय से पहले ही पहुंच गये थे। डयूटी पर वापस पहुंचने की चाह में कई वर्कर केंद्र पर समय और उससे पहले पहुंचते देखे गए। जिले में टीके की एहतियाती डोज सबसे पहले फ्रंट लाइन वर्कर अलका पाण्डेय को लगी। टीका लगवाने के बाद काम पर लौटने वालों में जिला क्षय व कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ। राहुल सिंह, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ। वीएस राय, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ। एके पाण्डेय एवं उनकी टीम, मंडलीय अस्पताल के शिव प्रसाद गुप्त, सिस्टर कमलावती, एसएसपीजी अस्पताल की सिस्टर रीता सिंह, एसएसपीजी अस्पताल की सिस्टर माधुरी व अन्य कई शामिल रहे।

कुछ सेंटर पर बदइंतजामी
तीसरी डोज लेने के लिए जिले में जहां कई केंद्रो पर उत्साह दिखा, वहीं सरकारी हॉस्पिटलों में बनाए गए केंद्र पर बदइंतजामी भी देखने को मिली। राजकीय महिला हॉस्पिटल में फ्रंटलाइन वर्कर और बुजुर्गोंं के लिए अलग से कोई काउंटर नहीं बनाया गया था। रूटीन में डोज लेने आए लोगों के साथ ही 60 साल से ऊपर वालों को भी लाइन में लगाया गया था। यही नहीं कई वर्कर अपने लोगों को बिना लाइन में लगे ही आगे करके तीसरी डोज दिलवाते दिखे। इस मामले को लेकर जब अस्पताल के अधीक्षक डॉ। एके श्रीवास्तव से पूछा गया तो उनका कहना था कि उन्होंने आज ही ज्वाइन किया है और जल्द ही इस मामले को देखेंगे।

मैं बेहद खुशकिस्मत हूं कि मुझे यह अवसर मिला। जब से पता चला कि तीसरी डोज भी लगेगी तभी से इस अवसर का इंतजार कर रही थी। अब डोज लगने के बाद और भी सुरक्षित हो गई हूं। अब अपना काम निश्चिंत होकर लगन से कर पाऊंगी।
अल्का पांडेय, फ्रंटलाइन वर्कर

सभी फंटलाइन वर्कर को टीके की एहतियाती डोज जल्द से जल्द लगवा लेनी चाहिए। ताकि वे और भी सुरक्षित हो जाएं। क्योंकि कोरोना की जंग जीतने में फ्रंटलाइन वर्करों की भूमिका सबसे अहम होती है।
डॉ। राहुल सिंह, जिला क्षय व कुष्ठ रोग अधिकारी

एहतियाती डोज का हम सभी को इंतजार था। इसके लग जाने से अब पहले से अधिक सुरक्षित हो गए हैं। सभी फ्रंट लाइन वर्कर को यह एहतियाती डोज लगवानी चाहिए ताकि वह खुद सुरक्षित रहते हुए मरीजों की सेवा कर सकें।
रेणुका मेरीलाल, फ्रंटलाइन वर्कर

आज यहां एहतियाती डोज लगवाया है और यह बहुत जरूरी था। हम सब खतरों के बीच रहकर मरीजों की सेवा करते हैं। पहले अपने आप को सुरक्षित कर ही हम दूसरों की जान बचा सकते हैं।
डॉ। एसके सिंह

सभी फ्रंटलाइन वर्कर को एहतियाती डोज लगवानी चाहिए। मैंने भी टीके की एहतियाती डोज लगवाई है और अब दूसरों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करुंगा।
रामाज्ञा सिंह, फ्रंटलाइन वर्कर