वाराणसी (ब्यूरो)। जिले में सर्किल रेट बढऩे की आहट से बैनामा कराने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो गई। रोजाना होने वाली रजिस्ट्री की संख्या 300 से बढ़कर 400 के आसपास पहुंच गई है। आने वाले दिनों में यह संख्या अभी ओर बढ़ सकती है। नए सर्किल रेट की सूची प्रशासन की ओर से तैयार की जा चुकी है। शासन के आदेश के बाद इसका प्रशासन प्रकाशन कराएगा। उम्मीद है कि इसी माह शासन के ओर से इस पर फैसला लिया जाए.
एडीएम वित्त एवं राजस्व संजय कुमार ने बताया कि सभी तहसीलों में संपत्तियों का सर्वे पूर्ण हो चुका है। सभी क्षेत्रों के सब रजिस्ट्रार के माध्यम से सूची तैयार की गई है। पांच साल बाद जिले में सर्किल रेट में बदलाव होगा। एडीएम वित्त ने बताया कि नई सर्किल रेट में जमीन, मकान, दुकान पर स्टांप मूल्य का निर्धारण बाजार भाव के आधार पर किया जा रहा है। इसके लिए उन क्षेत्रों में हुए बैनामा से कीमत का सत्यापन कराया गया है। 2017 के बाद बनीं नई सड़कें, कॉलोनियां व मार्केट के लिए भी सर्किल रेट तय किए जाएंगे। सर्किल रेट बढ़ाने हैं या नहीं, इस पर फैसला शासन को लेना है। लेकिन इसकी आहट से रजिस्ट्री कराने वालों की संख्या बढ़ गई है.
सात सब रजिस्ट्रार आफिस
वाराणसी में सात सब रजिस्ट्रार आफिस है। इन सभी में रोजाना 350 से ज्यादा बैनामा किए जाते हैं। पिछले कुछ समय से सर्किल रेट बढऩे की आहट के बाद से बैनामा कराने वालों की संख्या बढ़ गई है। इन दिनों यह संख्या 400 के आसपास पहुंच रही है। सबसे ज्यादा रजिस्ट्री सब रजिस्ट्रार चतुर्थ के क्षेत्र शिवपुर, सारनाथ व लंका में कराई जा रही है। यहां अधिकतर खाली प्लाट और फ्लैट की रजिस्ट्री हो रही है। लोग बिल्डरों से सर्किल रेट बढऩे से पहले रजिस्ट्री कराने की मांग कर रहे हैं.
बिकीं ढाई लाख से अधिक संपत्तियां
पिछले पांच साल में सर्किल रेट नहीं बढऩे पर करीब ढाई लाख से अधिक संपत्तियां बिकी हैं। इनमें करीब सवा दो लाख प्लॉट और 20 से अधिक फ्लैट बिक गए.
तीन श्रेणियों में हैं सर्किल रेट
जनपद सात सर्किलों में बंटा है। इन सर्किल में आबादी और कॉलोनियों की लोकेशन के हिसाब से रेट तय किए जाते हैं। सर्किल रेट तीन श्रेणियों में तय हैं। पहला नौ मीटर चौड़ी रोड के किनारे, दूसरा नौ मीटर से 18 मीटर चौड़ी रोड के किनारे, तीसरा 18 मीटर से अधिक चौड़ी रोड के किनारे.
सर्किल रेट में कुछ जगह स्टांप की कीमतें घट सकती हैं। कई जगह बढ़ोतरी भी होगी। शासनादेश आने तक पुरानी दरों पर ही रजिस्ट्री होगी। इन दिनों रजिस्ट्री कराने वालों की संख्या बढ़ गई है.
संजय कुमार, एडीएम वित्त