कछुए ने रोकी थी चाल

गंगा में टॉवर लगाने में गंगा के कछुआ सेंचुरी सबसे बड़ा अड़ंगा थी। बिजली विभाग ने गंगा में टॉवर लगाने की बात शुरू की तो वन विभाग ने अड़ंगा लगा दिया। पिछले साल जुलाई में फॉरेस्ट मिनिस्ट्री ने गंगा में टॉवर लगाने की मंजूरी दे थी। इसके बाद इस मसले पर बनायी गयी हाई पावर कमेटी ने भी गंगा में टॉवर लगाने की मंजूरी दे दी। मंजूरी मिलने के बाद अब बिजली विभाग ने टॉवर लगाने के काम को आगे बढ़ाने की कवायद शुरू की है।

ये गर्मी भी गयी

बताते चलें कि गंगा में टॉवर लगाने के मामले को लेकर भेलूपुर सबस्टेशन में करंट दौड़ाने का काम लगभग दो साल पीछे हो गया है। अब इंजीनियर्स का कहना है कि अभी भी गंगा में टॉवर लगाने में कम से कम छह सात महीने का समय लगेगा। इस तरह तो लोगों को गर्मी में भेलूपुर सबस्टेशन से मिलने वाली बिजली की राहत मयस्सर नहीं होगी।

50 करोड़ की है लागत

भेलूपुर सबस्टेशन के निर्माण में तकरीबन 50 करोड़ की लागत आयी है। इसका नब्बे प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है। जिसमें स्विच यार्ड, लिंक सिस्टम, कंट्रोल रूम, व 60 एमवीए के दो ट्रांसफार्मर आदि चीजें शामिल हैं। यह सबस्टेशन चालू हो जायेगा तो इससे 33 केवी के सबस्टेशन को बिजली सप्लाई की जायेगी। जिससे शहर के लोगों को  ओवरलोड, ट्रिपिंग आदि की समस्या से खासी निजात मिलेगी।