-बीएचयू और नासा के वैज्ञानिकों ने छोड़े सेंसर लगे बैलून

-वातावरण में मौजूद जहरीली गैसों की मात्रा की करेगा माप

बीएचयू के फिजिक्स डिपार्टमेंट से छोड़े गए बैलून

VARANASI

शहर की आबोहवा में जहरीली गैसें खतरनाक स्तर तक घुल रही हैं। अभी तक जहर की मात्रा को तौल पाना संभव नहीं हो पा रहा था पर जल्दी ही साइंट्सि्ट्स इसका पता लगा लेंगे। बनारस के वातावरण में कितना जहर है यह जानने के लिए बीएचयू के साथ नासा के साइंटिस्ट्स ने गुरुवार की रात दो बैलून आसमान में छोड़ा है। इसमें लगे सेंसर में हवा में मौजूद प्रदूषण फैलाने वाले तत्वों का डाटा बीएचयू की लैब तक भेजेंगे।

प्लास्टिक के बने हैं गुब्बारे

फिजिक्स डिपार्टमेंट बीएचयू के प्रो। अभय कुमार सिंह ने बताया कि छोड़े गए बैलून प्लास्टिक के बने है और दो से तीन मीटर लंबे हैं। इनमें छह सेंसर लगे हुए हैं। शताब्दी समारोह के तहत बीएचयू स्थित राष्ट्रीय वायुमंडलीय अनुसंधान प्रयोगशाला (अंतरिक्ष विभाग) एवं यूएसए के नासा के लिंगेंसी सेंटर के सहयेाग से वायुमंडलीय बैलून प्रयोग के जरिए वातावरण में पाए जाने वाले विभिन्न प्रदूषण एवं एयरोसॉल का अध्ययन किया जाएगा। बैलून में लगे सेंसर से जहरीली गैसों ओजोन आदि के आंकड़े प्राप्त होंगे और उसी के आधार पर उनसे होने वाले नुकसान का सामना करने की तैयारी की जाएगी।

ख्भ् अगस्त तक चलेगी लांचिंग

प्रो। सिंह ने बताया कि बैलून लांचिंग गुरुवार से शुरू होकर ख्भ् अगस्त तक चलेगी। ख्क् और ख्ख् अगस्त की देर रात में भी दो-दो बैलून छोड़े जाएंगे। इस अभियान के लिए नासा से तीन वैज्ञानिक आए हुए हैं। भारत से अंतरिक्ष विभाग एवं भौतिक विभाग बीएचयू के कुल सात वैज्ञानिक उनके साथ काम कर रहे हैं। प्रो। सिंह ने बताया कि बैलून आसमान में फ्ख् किलोमीटर की ऊंचाई तक जाएगा। डेटा कलेक्ट करने के बाद पैराशूट के जरिए जमीन पर धीरे-धीरे उतरेगा।

कहीं पर उतर सकता है बैलून

गुरुवार की रात छोड़ा गया बैलून शुक्रवार को हवा के बहाव की दिशा में करीब ख्भ् से ब्0 किलोमीटर तक की दूरी में कहीं भी उतर सकता है। ऐसे में प्रो। सिंह ने आम जनता से अपील कि है वे बैलून से भयभीत न हों। यह केवल रिसर्च के लिए है। इससे किसी प्रकार की कोई क्षति नहीं होगी। अगर किसी को बैलून मिले तो उसे वैज्ञानिकों के खोजी दस्ते को लौटा दें या फोन नंबर 0भ्ब्ख्-म्70क्भ्म्फ् पर कॉल कर सूचित कर दें।