बीएचयू के शताब्दी दिवस समारोह के क्रम में एजुकेशन फैकल्टी में सजी युवा संसद

VARANASI

जोरदार बहस और भारी हंगामे के बीच सदन में समान विद्यालय अधिनियम-ख्0क्भ् पास हो गया। मेंबर्स ने पक्ष और विपक्ष में जोरदार दलीलें पेश की। एक बार लगा कि सदन की कार्यवाही को रोकना पड़ेगा। स्पीकर को मेंबर्स को कड़ी चेतावनी भी जारी करनी पड़ी। अरे भाई परेशान होने की जरूरत नहीं है। सदन की यह कार्यवाही बीएचयू के एजुकेशनल फैकल्टी में चल रही थी और यह युवा संसद थी। जिसका आयोजन बीएचयू के शताब्दी दिवस समारोह के क्रम में बुधवार को किया गया था।

स्टूडेंट्स बने थे सदस्य

'युवा संसद' में मेंबर्स से लेकर अध्यक्ष तक की भूमिका स्टूडेंट्स ने निभायी। अध्यक्ष की भूमिका में देवेशी सिंह, पीएम त्रिभुवन मिश्र, नेता प्रतिपक्ष राकेश कुमार वर्मा, होम मिनिस्टर राकेश कुमार पाठक, एचआरडी मिनिस्टर सुस्मिता, फाइनेंस मिनिस्टर की भूमिका भूपेन्द्र कुमार यादव ने निभायी। इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ बतौर चीफ गेस्ट प्रो सुशीला सिंह तथा अन्य गणमान्य अतिथियों ने माँ सरस्वती एवं महामना के चित्रों पर माल्यार्पण कर किया। पाणिनी संस्कृत महाविद्यालय की छात्राओं ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। स्वागत फैकल्टी डीन प्रो प्रदीप चन्द्र शुक्ल ने किया। उन्होंने संकाय की गरिमामयी परम्परा का उल्लेख करते हुए 'युवा संसद' की प्रासंगिकता पर भी प्रकाश डाला। युनिवर्सिटी के 'युवा संसद' संयोजक प्रो आरपी पाठक ने 'युवा संसद' के आयोजनों से मेधावी छात्र-छात्राओं में सकारात्मक प्रवृति के विकास की सराहना की। युवा सांसदों में निर्णायक मण्डल के निर्णयानुसार देवेशी सिंह को प्रथम, नेदा फातिमा व नेहा जायसवाल को द्वितीय एवं रवि प्रकाश को तृतीय पुरस्कार दिया को गया। सुमन को सान्त्वना पुरस्कार दिया गया। संचालन प्रो अंजली बाजपेयी ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्त्रम के सहसंयोजक डा0 संजय सोनकर ने किया।