BHU स्टूडेंट्स ने हेल्थ इंश्योरेंस कराने के लिए VC को दिया प्रपोजल

एडमिशन के समय ही फीस के साथ हेल्थ इंश्योरेंस का भी प्रीमियम लेने की डिमांड

VARANASI: बीएचयू के हर स्टूडेंट को पढ़ाई के दौरान होने वाली बीमारियों की मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध है। लेकिन अगर इलाज किसी बाहर के हॉस्पिटल या फिर दूसरे शहर में कराना हो तो बीएचयू निश्चित सीमाओं में बंधा होने के चलते मजबूर दिखता है। स्टूडेंट्स को बेहतर इलाज मिले और उनके इलाज में खर्च बाधक न बने इसके लिए बीएचयू के स्टूडेंट्स ने पहल की है। जी हां, बीएचयू के स्टूडेंट्स ने वीसी को एक प्रपोजल दिया है जिसमें उन्होंने बीएचयू के हर स्टूडेंट का हेल्थ इंश्योरेंस कराने की डिमांड की है।

इलाज की फीस पड़ती है भारी

स्टूडेंट लीडर आलोक रंजन सिंह बताते हैं कि पिछले तीन साल में बीएचयू में स्टूडेंट्स के ऐसे एक दर्जन से अधिक केसेज आये जो गंभीर रूप से बीमार थे और उनके इलाज में लाखों का खर्च हुआ। इस खर्च का कुछ हिस्सा बीएचयू ने तो अधिकतर खर्च स्टूडेंट के पेरेंट्स को करना पड़ा। यह खर्च उनके लिए काफी भारी साबित हुआ। इससे बचने के लिए हमने वीसी को हेल्थ इंश्योरेंस का प्रपोजल दिया है। बीएचयू में पढ़ने के लिए रूरल और आर्थिक रूप से कमजोर घरों के स्टूडेंट्स भी आते हैं। इनके लिए इलाज पर लाखों रुपये खर्च करना बहुत भारी पड़ता है। अभी हाल में ही इस तरह के कई केसेज सामने आये हैं जिसमें बीएचयू में पढ़ रही अपने बेटी की इलाज के लिए माता पिता को जमीन बेचनी पड़ी। अगर इनके लिए हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा होती है तो यह नौबत नहीं आती।

फीस भी नहीं होगी अधिक

वीसी को दिये गये प्रपोजल में एडमिशन के समय ली जाने वाले फीस में ही हेल्थ इंश्योरेंस के लिए भी निश्चित राशि जोड़ कर लिये जाने की बात कही गयी है। इसका खर्च भी अधिक नहीं आयेगा। हर स्टूडेंट को अधिकतम फ्00 रुपये या इससे भी कम फीस हेल्थ इंश्योरेंस के नाम पर देने पड़ेंगे। अगर स्टूडेंट्स को यह फैसिलिटी मिल गयी तो किसी इमरजेंसी के समय में उनके इलाज के लिए न तो बीएचयू को और न ही उनके माता पिता को परेशानी नहीं उठानी होगी।

स्टूडेंट्स के लिए अलग से हॉस्पिटल

बीएचयू में स्टूडेंट्स के लिए अलग से हेल्थ सेंटर की व्यवस्था है। जहां वे किसी भी तरह की हेल्थ प्रॉब्लम का इलाज करा सकते हैं। यहां पर स्टूडेंट्स को फ्री में मेडिसिन्स भी दी जाती हैं। यहां पैथॉलाजी की भी व्यवस्था है। सबसे पहले स्टूडेंट को अपनी किसी भी परेशानी के लिए यहीं पर संपर्क करना पड़ता है। बीमारी गंभीर होने पर यहां के डॉक्टर्स स्टूडेंट को एसएस हॉस्पिटल में रेफर करते हैं। यहां भी स्टूडेंट्स को एडमिट करने व उसके इलाज की व्यवस्था अवेलेबल है।