वाराणसी (ब्यूरो)। एमएस पर अभद्रता का आरोप लगाकर धरना दे रहे नर्सिंग स्टाफ को मनाने के लिए अस्पताल प्रशासन के कई अधिकारी आए, लेकिन नर्सिंग स्टाफ को एमएस प्रो। केके गुप्ता के इस्तीफा से कम कुछ भी मंजूर नहीं। उधर, चार सदस्यों और विधि संकाय की डीन की अध्यक्षता में विवि प्रशासन की ओर से कमेटी गठित कर दी गई है, जो पूरे मामले की जांच करेगी।

वीसी को बुलाने का प्रयास
धरने पर बैठे नर्सिंग स्टाफ का कहना था कि रविवार की तरह सोमवार को भी बीएचयू के वीसी को बुलाने का प्रयास जारी रहा, लेकिन वे नहीं आए। वीसी के नहीं आने से आक्रोशित नर्सिंग स्टाफ ने इमरजेंसी सेवा बंद करने की योजना बनाई, लेकिन डिप्टी एमएस के अनुरोध पर इमरजेंसी सेवा को बहाल रहने दिया। हालाकि इस बीच इलाज कराने आए मरीज और उनके परिवार वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

तो ठप करेंगे इमरजेंसी सेवाएं
एमएस को हटाने की मांग पर अड़े नर्सिंग स्टाफ का कहना था कि इस्तीफा से कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं। धरने पर बैठे नर्सिंग स्टाफ का कहना था कि जब तक वीसी आकर उनसे बात नहीं करेंगे वे काम पर नहीं लौटेंगे और प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि अभी तक इस आंदोलन से इमरजेंसी सेवाओं को प्रभावित नहीं होने दिया गया है, लेकिन यदि उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जाता है तो वे इमरजेंसी सेवाओं को भी बंद करेंगे।

ऐसे कैसे कम होगा कोरोना
वाराणसी में कोरोना इस समय प्रतिदिन स्पीड से बढ़ रहा है। कोरोना मरीजों के बढ़ते रफ्तार ने लोगों को दहशत में ला दिया है। बीएचयू में पिछले दो दिन से हालात बिगड़े नजर आ रहे हैं। सोमवार को धरने पर बैठे नर्सिंग स्टाफ भले ही हक की लड़ाई लड़ रहे हों, लेकिन उन्हें यह भी ख्याल रखना होगा कि वाराणसी में कितनी तेजी से कोरोना अपना पांव पसार रहा है। धरना स्थल पर नर्सिंग स्टाफ सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते नजर आए।