बीएचयू एडमिनिस्ट्रेशन ने मारपीट की घटना को लिया गंभीरता से

प्रथम दृष्टया आरोपी एक स्टूडेंट को किया निलंबित

VARANASI

इस पूरी घटना को गंभीरता से लेते हुए बीएचयू एडमिनिस्ट्रेशन ने प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये बीए ऑनर्स सांख्यिकी के उज्जवल कुमार समस्त शैक्षणिक सुविधाओं से निलंबित कर दिया है। वीसी प्रो गिरीश चंद्र त्रिपाठी के आवास पर हुई मीटिंग में घटना की कड़े शब्दों में निंदा की गयी।

मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय हाई पावर जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है जो 7ख् घण्टे में इस मामले की रिपोर्ट वीसी के सामने प्रस्तुत करेगी। वीसी प्रो त्रिपाठी ने यूनिवर्सिटी के समस्त छात्र-छात्राओं व चिकित्सकों को परिसर में पूरी सुरक्षा उपलब्ध कराने सम्बन्धी भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि परिसर को अशान्त करने का प्रयास करने वाले तत्वों को चिह्नित किया जा रहा है, जिन्हें किसी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा। मीटिंग में

रजिस्ट्रार डॉ केपी उपाध्याय, आईएमएस के डायरेक्टर प्रो वीके शुक्ला, डीन डॉ एसएस पाण्डेय, प्रो मुमताज अंसारी, प्रो एसके माथुर, चीफ प्राक्टर प्रो सत्येन्द्र सिंह आदि लोग मौजूद थे।

जमकर हुई थी मारपीट

बताते चलें कि मंगलवार की रात रोड एक्सिडेंट में घायल स्टूडेंट कुमार उज्जवल को लेकर उसके साथी ट्रॉमा सेंटर पहुंचे थे। वहां पर उन्होंने ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर पर घायल छात्र को जल्दी देखने के दबाव बनाने लगे। इसी बात को लेकर कहासुनी हुई उसके बाद कहासुनी मारपीट में तब्दील हो गयी। देखते ही देखते ट्रॉमा सेंटर जंग का मैदान बन गया और दोनो तरफ से मारपीट शुरू हो गयी। बीएचयू प्रशासन ने इसकी सूचना पुलिस को दी जिसके बाद वहां पहुंचे पुलिस वालों ने मामला शांत कराया। डॉक्टर्स का आरोप है कि भारी संख्या में आये स्टूडेंट्स ने उनसे मारपीट की है। मारपीट में घायल डॉ। श्रीनिवास को गम्भीर चोट आयी है और उनका इलाज आईसीयू में किया जा रहा है। मारपीट की घटना सीसी कैमरे में रिकॉर्ड हो गयी है।

फोर्स के लिए लिखा पत्र

चीफ प्राक्टर ने वाराणसी के डीएम और एसएसपी को पत्र लिखकर विश्वविद्यालय में अराजक तत्वों से सुरक्षा हेतु पर्याप्त फोर्स तैनात किये जाने की माँग की है। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय प्रशासन पहले भी कैंपस की व्यवस्था के लिये सुरक्षा बल (पीएसी) की मांग शासन और प्रशासन से कर चुका है।