वाराणसी (ब्यूरो)लाइनलास और उधारी में बिजली सप्लाई करने के कारण बार-बार रेवेन्यू में झटका झेलने के बाद बिजली ïिवभाग के अधिकारियों ने नई पहल की हैइसके लिए शासन स्तर से अप्रूवल मिलने के बाद डिस्काम के अधिकारियों ने इस कार्य को अमलीजामा पहनाने के लिए कमर कस ली हैइसके लिए बकायदा विभाग की तरफ से अपने सभी पोलों की पहचान करते हुए उस पर से जाने वाले कम्यूनिकेशन वायर और एडवरटाइजिंग कंपनियों से रेवेन्यू लेने का प्रयास किया जा रहा हैइसके लिए बकायदा अधिकारियों की तरफ से डिस्काम कार्यालय में डायरेक्टर से लेकर सभी डिवीजनों के सर्किल अभियंताओं सहित हाई लेवल की मीटिंग के साथ इस कार्य को अमलीजामा पहनाने के लिए कार्य शुरू कर दिया गया हैइस तरह शहर के 1 लाख 80 हजार पोल से कमाई का रास्ता खुल जाएगा.

विज्ञापन पर भी होगा रेंट

बिजली ïिवभाग का कहना है कि यदि शहर के किसी भी कोने में उसके पोल पर कोई भी संस्था या निजी व्यक्ति या कंपनी अपना विज्ञापन करना चाहती है तो उसे विभाग की नियमावली के अनुसार विज्ञापन करने की अनुमति दी जायेगीइसके साथ ही उस कंपनी या संस्था को विभाग के अनुसार तय किये हुए रेट के हिसाब से भुगतान करना होगाअन्यथा उसे विज्ञापन की इजाजत नहीं होगी.

कम्यूनिकेशन वायर के लिए होगी टेंडर प्रक्रिया

टेलीकाम कंपनियों के द्वारा बिजली ïिïवभाग के पोल का उपयोग करके अपने वायर को एक जगह से दूसरे जगह तक ले जाया जाता हैइसके लिए विभाग की तरफ से बकायदा गाइडलाइन के साथ टेंडर निकाला जायेगाइस प्रक्रिया में कंपनी या संस्था के लिए दो तरीके की व्यवस्थाएं होंगी जिनमें से वह किसी एक को चुनकर टेंडर में भाग ले सकता हैइस दौरान सबसे पहले किलोमीटर के हिसाब से पोल की बुकिंग होगी और कंपनी को किलोमीटर के हिसाब से पेमेंट करना होगादूसरा पोल के हिसाब से टेंडर होगा, जिसमें कंपनी को प्रति पोल के हिसाब से भुगतान करना होगा.

प्रति पोल 35 रुपये प्रति माह चार्ज

बिजली ïिवभाग के पोल को यूज करने के लिए चाहे कोई भी कंपनी एडवरटाइजमेंट के लिए करे या कम्यूनिकेशन वायर के लिए, उसे 35 रुपये प्रति पोल प्रति माह के हिसाब से भुगतान करना होगाविभाग की तरफ से ये रेट शहर के सभी इलाकों में होगासाथ ही शहर की नगर सीमा से बाहर के पोल को यूज करने पर उसे ग्रामीण सर्किल के रेट के हिसाब से 25 रुपये प्रति माह का भुगतान करना होगा.

पूरी करनी होंगी शर्तें

बिजली विभाग के अनुसार जनमानस की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए उसके द्वारा सबसे पहले अपने सभी पोल को यूज करने के लिए गाइडलाइन तैयार की जा रही है जिसके लिए उपभोक्ता को उस गाइडलाइन का प्रापर तरीके से पालन करना होगाइसमें तो खास बात यह रहेगी कि विभाग के तीनों प्रकार के लाइन वायर के दौरान अपनी और प्रोडक्ट के साथ कंपनी के उपकरणों की भी सुरक्षा का खास ख्याल रखना होगा.

नगर निगम से भी लिया जायेगा रेंट

बिजली विभाग का कहना है कि शहर के अंदर सबसे ज्यादा पोल का उपयोग नगर निगम द्वारा किया जाता हैअब तक नियम नहीं होने के कारण नगर निगम से रेंट नहीं लिया जाता था, जबकि नगर निगम के कारण विभाग को आए दिन लाइनलास का सामना करना पड़ता थाइस बारे में विभाग का कहना है कि अब नगर निगम को भी अपने वायर या एडवरटाइजमेंट वायर ले जाने के लिए रेंट देना होगायदि नगर निगम के द्वारा विभाग के नियमों के अनुसार भुगतान नहीं किया जाता है तो उसे पोल को यूज करने की इजाजत नहीं दी जायेगी.

पोल रेट

शहरी इलाके में-प्रति पोल 35 रुपये

ग्रामीण इलाके में-प्रति पोल 25 रुपये

बिजली विभाग के पोल का डाटा

सर्किल प्रथम-60 हजार

सर्किल द्वितीय-60 हजार

सर्किल ग्रामीण-60 हजार

ये होंगे खास नियम

33 केवी के पोल पर- केबल से 5 फीट की दूरी पर

11 केवी के पोल पर- केबल से 3 फीट की दूरी पर

440 वोल्ट के पोल पर- 1 से 2 फीट की दूरी पर

हम तो सिर्फ सर्विस लेते हैंहमारे द्वारा कोई भी वायर का इस्तेमाल नहीं किया जाता हैसिर्फ स्ट्रीट लाइट का प्रयोग किया जाता हैकोई भी लाइनलास नहीं किया जाता है.

अजय कुमार राम, अधिशासी अभियंता, आलोक ïिवभाग, नगर निगम

पोल का उपयोग करने वाले अन्य लोगों के लिए डिस्काम लेवल से विभागीय प्लानिंग कर ली गई हैइसके लिए सभी को भुगतान करना होगा अन्यथा उपयोग करने नहीं दिया जायेगा.

दीपक अग्रवाल, अधीक्षण अभियंता, सर्किल द्वितीय