वाराणसी (ब्यूरो)बनारस शहर को स्मार्ट सिटी कहा जाता हैयह सरकार की प्राथमिकता में हैलेकिन, यहां की सड़कें लगातार सवालिया निशान छोड़ रही हैैंआलम यह है कि लोग इन सड़कों से गुजरने में कतराते हैंवे इन शार्टकट रास्तों को छोड़कर मेन रास्तों के सहारे जाने का प्रयास करते हैंदरअसल, इन सड़कों पर गहरे व चौड़े गड्ढे हैैं, जिस कारण वाहन हिचकोले खाते हैैंइनसे रोजाना सैकड़ों की संख्या में वाहन चालक आवाजाही कर परेशान हो रहे हैंखराब सड़क की वजह से न सिर्फ वाहनों का मेंटेनेंस बढ़ गया है बल्कि यह लोगों की सेहत पर भी भारी पड़ रहा हैइसी कारण लोग कमर दर्द के भी शिकार हो रहे हैैंअगर सड़कों का हाल यही रहा तो किसी दिन बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता हैदैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने सड़कों का जायजा लिया तो हकीकत सामने आई

चौकाघाट आरटीओ से पांडेयपुर

चौकाघाट आरटीओ कार्यालय से पांडेयपुर चौराहा तक की सड़क लोगों के लिए शार्टकट हैलेकिन, लोग पुलिस लाइन होकर पांडेयपुर जाना ज्यादा पसंद करते हैैंकारण है खराब सड़कइस सड़क पर हर कदम पर सिर्फ गड्ढे ही दिखाई दे रहे हंैरोड पर गड्ढे इतने हैं कि लोगों को वाहन से गिरने का खतरा बना रहता हैहिचकोले खाते सड़कों पर चलना तो मुश्किल ही है, साथ ही सेहत खराब होने का भी डर बना रहता है.

लहरतारा से डीएलडब्ल्यू

लहरातारा से डीएलडब्ल्यू रेलवे स्टेशन एकमात्र लिंक रोड हैइस रोड का दर्द बयां करते हुए रहवासी रो पड़ते हैंआसपास के रहने वाले लोगों का कहना है कि सड़कें इतनी खराब हैं कि किसी तरीके से बच बचाकर निकला जाता हैबुजुर्ग लोगों का कहना था कि इस एडवेंचर्स रास्ते से गुजरने के बाद उनको हास्पिटल के दरवाजे पर भी जाना हो रहा है, क्योंकि उनको कमर दर्द की शिकायत भी होने लगी है.

चौकाघाट से हुकुलगंज

चौकाघाट से हुकुलगंज रोड सबसे चलता हुआ रोड हैयहां पर गाडिय़ों की लाइन लगती है। ïिवभाग ने काफी समय से वनवे रोड बना करके रख दिया हैइस रोड पर गड्ढों की भरमार हो गई हैइसी रोड पर किनारे मेनहोल खोल कर के छोड़ दिए गए हैंइस कारण हमेशा भीषण एक्सीडेंट होने का खतरा बना रहता हैइसी रोड पर एंगल डिवाइडर भी टूट गया है, लेकिन विभाग उसको ठीक कराने और बदलने का नाम तक नहीं ले रहा है.

लहरतारा से घंटी मिल रोड

लहरतारा से घंटी मिल रोड एक व्यस्ततम रोड हैइस रोड से ही शहर के तमाम लोग सीधे विद्यापीठ पहुंचते हैं और वहीं से सिगरा और भेलूपुर के लिए निकल जाते हैंइसी रोड के सहारे ही पूर्वांचल का सब्जी व्यवसाय होता हैलेकिन, ये सड़क अपनी दयनीय हालात को बताती हैंइसकी सुध ही कोई लेने वाला नहीं दिख रहा हैनित दिन एक एक्सीडेंंट की दावत दे रहा है.

शहर के अंदर खराब सड़कें

नदेसर तिराहा

पांडेयपुर नई बस्ती

ढेलवटिया रेलवे रोड

शंकराचार्य कालोनी रोड कमच्छा

लंका का सीरगोवद्र्धन

लंका का छित्तूपुर

सामनेघाट का नगवा रोड

सड़कों को जलकल, बिजली विभाग एवं टेलीकाम कंपनी वाले अपनी जरूरत के अनुसार आए दिन तोड़कर करके रख देते हंैइसके बाद उसको रिपेयर भी नहीं कराते हैं और न ही अपने विभाग से धन मुहैया कराते हंैहम मजबूर हैं कि कितनी सड़कों को आए दिन ठीक कराएं.

संजय तिवारी, चीफ इंजीनियर, पीडब्लयूडी, वाराणसी