- पीएमओ ने जिला प्रशासन के अधिकारियों संग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर की चर्चा

बनारस में जल्द ही बड़े लेवल पर बायोफ्यूल और कम्पोस्ट बनाया जाएगा। इसके पीएमओ ने जिला प्रशासन को प्लान बनाने को कहा है। बायोफ्यूल बनाने के लिए मोहनसराय के पास बने कान्हा उपवन और शहंशाहपुर की गोशालाओं को तय किया गया है। यहीं पर फ्यूल बनाया जाएगा। इसके लिए पशुपालकों से गोबर लिया जाएगा। जल्द ही पीएमओ की एक टीम इन गोशालाओं का निरीक्षण करेगी। इसके पहले जिला प्रशासन सर्वे करायेगा।

आमजन से लेंगे फीडबैक

जिले में बायोफ्यूल बनाने के लिए बृहस्पतिवार को पीएमओ ने जिला प्रशासन के साथ मीटिंग किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई इस बैठक में बायोफ्यूल बनाने को लेकर चर्चा की गयी। पीएमओ के अधिकारियों ने जल्द इस काम के लिए कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया। इसी क्रम में जिला प्रशासन और नगर निगम दोनों गोशालाओं में जैव ईंधन व खाद की संभावनाओं को लेकर सर्वे करेंगे। पीएमओ के निर्देश पर नगर निगम व जिला प्रशासन के अधिकारी इन दोनों गोशालाओं के आसपास के गांवों में जाकर किसानों व स्थानीय लोगों के बीच सर्वे करेंगे। इसके अलावा सर्वे में जैव ईंधन और खाद के इस्तेमाल के संबंध में लोगों से फीडबैक भी लिया जाएगा।

बनारस को होगा फायदा

यदि योजना सफल होती है तो बनारस को कई फायदे होंगे। एक तो बायोफ्यूल से एनर्जी का नया सा्रेत मिल जाएगा। इसका यूज कई कामों में किया जा सकेगा। सबसे ज्यादा फायदा इस शहर में बढ़ रहे प्रदूषण से मिलेगा।

पशुपालकों की आमदनी होगी

डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया की इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए जिले की सभी गोशालाओं के साथ साथ पशुपालकों से भी गोबर लिया जाएगा। जिससे कि बायो फ्यूल बनाने में जैविक खाद की कमी ना हो। गोबर देने के एवज में पशुपालकों को शुल्क देने की चर्चा हुई जो अभी तय नहीं हो पाया है।

गेल करेगा मदद

बायोफ्यूल के निर्माण के लिए नगर निगम गेल से मदद लेगा। गोबर व आर्गेनिक कचरे से बनने वाली यह प्राकृतिक गैस पर्यावरण के लिहाज से भी बेहतर होती है।

जिले के कान्हा उपवन और शहंशाहपुर के गौशालाओं में बायो फ्यूल व कंपोस्ट खाद बनाने के लिए पीएमओ से निर्देश मिला है। इसके लिए जल्द ही सर्वे कार्य शुरू किया जाएगा।

गौरांग राठी, नगर आयुक्त