- बीएचयू के अंदर तीन हजार में होने वाली ब्लैक फंगस की जांच प्राइवेट में 6 से 12 हजार रुपये में हो रही

-कोविड-19 टेस्ट के बाद अब ब्लैक फंगस जांच को लेकर मची लूट

- 175 म्यूकरमाकोसिस (ब्लैक फंगस) के मरीजों का इलाज चल रहा है वर्तमान में

- 40 म्यूकरमाकोसिस के मरीजों की मौत हो चुकी है अबतक शहर में

- 10 ब्लैक फंगस के मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं

आंखों में हल्की सी जलन होने पर लोगों को ब्लैक फंगस का डर सताने लग रहा है। वे तुरंत जांच कराने पैथोलॉजी लैब चले जा रहे हैं। इसी का फायदा उठाकर लोगों से मोटी रकम वसूली जा रही है। प्रशासन ने अभी तक जांच की कोई अधिकतम कीमत तय नहीं की है, इसका फायदा उठा लैब वाले मनमाफिक पैसा ले रहे हैं। हर दिन शहर के लैब में 100 से अधिक ब्लैक फंगस की जांच कराने लोग पहुंच रहे हैं।

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की रफ्तार अब भले ही थोड़ी धीमी पड़ गई हो, लेकिन ब्लैक फंगस यानि म्यूकरमाकोसिस के मामले लगातार बढ़ रहे है। जैसे-जैसे इसके मरीजों की संख्या बढ़ रही है, वैसे-वैसे प्राइवेट लैब संचालकों की मनमानी भी बढ़ने लगी है। सीधे तौर पर कहे तो कोविड-19 जांच के बाद अब ये ब्लैक फंगस के मरीजों को भी लूटना शुरू कर चुके हैं। बताते चलें कि ब्लैक फंगस की जांच बीएचयू हॉस्पिटल में तीन हजार रुपये में हो जा रही है, वहीं इसकी जांच के लिए प्राइवेट पैथ लैब्स में 6 से 12 हजार रुपए तक वसूले जा रहे हैं। कहीं कहीं तो मरीजों से 15 हजार तक लेने के मामले सामने आ चुके हैं। यही नहीं खून से ब्लैक फंगस की जांच का दावा किया जा रहा है, जबकि एक्सपर्ट इसे गलत बता रहे हैं।

1. करौली मेडल डाइग्नोस्टिक-भोजूबीर

जब रिपोर्टर यहां पहुंचा तो रिसेप्शन पर ब्लैक फंगस के बारे पूछते ही बताया गया कि सेकेंड फ्लोर पर चले जाइए। यहां एक महिला पैरामेडिकल स्टाफ मिली। उसने बताया कि कई लोग जांच के लिये आ रहे हैं। पेश है बातचीत के कुछ अंश।

रिपोर्टर-क्या यहां ब्लैक फंगस का जांच हो जाएगी?

कर्मचारी-हां, हो जाएगी। क्या हुआ है मरीज को।

रिपोर्टर-आंखें खुजली और जलन से लाल हो जा रही हैं।

कर्मचारी-हां, तब ब्लैक फंगस का टेस्ट होगा।

रिपोर्टर-कितना चार्ज लगेगा?

कर्मचारी-11900 रुपये का खर्च आएगा।

रिपोर्टर-इतना ज्यादा क्यों?

कर्मचारी-कई टेस्ट होंगे इसलिए।

रिपोर्टर-कौन-कौन से टेस्ट होंगे?

कर्मचारी-एमआरआई-डीएनएस, एमआरआई स्क्रीनिंग और एमआरआई कंट्रास्ट होगा।

रिपोर्टर-तीनों का चार्ज अलग-अलग होगा?

कर्मचारी-हां, इसमें डीएनएस का 6900, स्क्रीनिंग का 2500 और कंट्रास्ट का 2500 का चार्ज आएगा।

2. डॉ। पैथ लैब, अर्दली बाजार

यहां रिसेप्शन पर दो लोग बैठे मिले। ब्लैक फंगस का नाम लेते ही पुरूष कर्मचारी ने जानकारी देना शुरू कर दिया। पेश है बातचीत के अंश।

रिपोर्टर-यहां ब्लैक फंगस का टेस्ट हो जाएगा?

कर्मचारी-हां, हो जाएगा। मरीज को क्या दिक्कत है।

रिपोर्टर-आंख लाल हो जा रही है, जलन के साथ खुजली भी है।

कर्मचारी-ठीक है, मरीज को लेकर आइए?

रिपोर्टर-कितना रुपये लगेगा जांच में।

कर्मचारी-6 हजार लगेंगे।

रिपोर्टर-कौन-कौन सी जांच होगी?

कर्मचारी-सिर्फ ब्लड का सैंपल लिया जाएगा।

रिपोर्टर-लेकिन अन्य जगह तो कई टेस्ट होते हैं?

कर्मचारी-यहां ऐसा नहीं है, म्यूकरमाकोसिस (ब्लैक फंगस) की जांच सिर्फ ब्लड टेस्ट से बता दिया जाएगा।

रिपोर्टर-कितने दिन में रिपोर्ट आती है?

कर्मचारी-दो से तीन दिन लगेंगे, सैंपल दिल्ली भेजा जाता है।

अलग-अलग लैब, अलग-अलग रेट

ये तो सिर्फ दो डायग्नोस्टिक लैब की बात है। शहर में कई ऐसे लैब हैं, जहां ब्लैक फंगस की एक जांच के नाम पर अलग-अलग रेट निर्धारित किए गए हैं। जबकि वहीं बीएचयू में ब्लैक फंगस के सभी जांच के लिए तीन हजार रुपए ही देने पड़ते हैं। अगर पेशेंट एडमिट होता है, उसके लिए जांच से लेकर इलाज तक सब फ्री है।

खून से जांच पर संशय

कुछ पैथ लैब खून से ब्लैक फंगस की जांच कर रहे हैं। इसको लेकर अलग ही विवाद शुरू हो गया है। शहर के जाने माने आई स्पेशलिस्ट का कहना है कि खून से ब्लैक फंगस नहीं पकड़ में आ सकता है। इसके लिये डीएनएस, स्क्रीनिंग और कंट्रास्ट की जांच जरूरी है। बीएचयू के आई स्पेशलिस्ट डॉ। सुशील अग्रवाल का कहना है कि खून से फंगस पकड़ में ही नहीं आ सकता। अगर कोई ऐसा कर रहा है तो वह गलत है।

कहते हैं अधिकारी

कोरोना संक्रमण के दौर में गरीब व मरीज के परिजन पहले से ही परेशान हैं। ऐसे में ब्लैक फंगस के टेस्ट के नाम पर ज्यादा पैसा लेना ठीक नहीं है। इसकी जांच कराई जाएगी। हालांकि इनके चार्ज पर हमारा कोई कंट्रोल नहीं है।

-डॉ। वीबी सिंह, सीएमओ

बीएचयू में किसी भी मरीज से ब्लैक फंगस के नाम पर कोई भी चार्ज नहीं लिया जा रहा है। सभी का फ्री ट्रीटमेंट किया जा रहा है। इसमें जांच भी शामिल है। अगर कोई सिर्फ इसकी जांच करा रहा है तो उससे निर्धारित शुल्क तीन हजार रुपए लिया जाता है।

-डॉ। केके गुप्ता, एमस-एसएस हॉस्पिटल बीएचयू