-आज ब्लड डोनर्स डे पर ब्लड डोनेट के लिए लें संकल्प और बचायें दूसरों की जान

-आपका दिया एक यूनिट खून बचा सकता है चार लोगों की जान

VARANASI: जब आप 18 साल में वोटर बन सकते हैं, 18 साल में ड्राइविंग लाइसेंस पाने के हकदार हो सकते हैं तो फिर 18 साल में आप ब्लड डोनेट क्यों नहीं कर सकते। आपको पता है, आपका दिया एक यूनिट खून चार लोगों की जान बचा सकता है। 14 जून रविवार को ब्लड डोनर्स डे मनाया जाएगा। यदि आज से ही आप ब्लड डोनेट करने का संकल्प लेते हैं तो फिर इससे बेहतर कुछ और नहीं हो सकता।

हर तीन माह पर करें रक्तदान

यदि आपका वेट 45 केजी से अधिक है और आप हेल्दी भी हैं तो फिर आपको हर तीन माह पर एक बार रक्तदान जरूर करना चाहिए। रक्तदान खुशी व संतुष्टि देने के साथ ही आपकी बॉडी को चुस्त दुरुस्त भी रखता है। रक्तदान के वक्त शरीर से मात्र 350 एमएल ब्लड ही निकाली जाती है। इतने ब्लड निकाले जाने से कमजोरी बिल्कुल नहीं होती।

क्या है ब्लड बैंक

स्वस्थ मनुष्य के शरीर से ही रोगी के शरीर में ब्लड डाला जाता है। इस प्रक्रिया में काफी सावधानियां बरतनी पड़ती हैं। ब्लड बैंक एक ऐसा स्थान हैं जहां अलग-अलग व्यक्तियों के अलग-अलग ब्लड ग्रुप का रक्त संग्रह किया जाता है। ताकि जरूरतमंद लोगों को समय पर ब्लड दिया जा सके।

ऐसे काम करता है ब्लड बैंक

जब किसी व्यक्ति को खून की जरूरत पड़ती है तो सबसे पहले यह देखा जाता है कि उस व्यक्ति का ब्लड ग्रुप क्या है और कितना खून की जरूरत है। इसी आधार पर डॉक्टर्स ब्लड बैंक से संपर्क कर ब्लड मंगवाते हैं। जिसका वेट 45 से 55 केजी के आसपास है ऐसे लोगों की बॉडी से एक बार में 350 मिली लीटर से 450 मिली लीटर तक खून लिया जा सकता है।

डोनेशन के बाद बरतें सावधानियां

-ब्लड डोनेशन के तुरंत बाद थोड़ी देर तक लेटे रहना चाहिए।

-अक्सर डोनेशन के बाद डॉक्टर्स चाय और बिस्किट देते हैं उन्हें खा लेना चाहिए।

-ज्यादा से ज्यादा पानी, जूस पीना चाहिए।

-ब्लड डोनेशन के तुरंत बाद गाड़ी नहीं चलानी चाहिए।

-रक्तदान के बाद धूम्रपान नहीं करना चाहिए।

-कमजोरी महसूस होने पर तकिये पर पैर रखकर सोना चाहिए।

-यदि फिर भी कोई दिक्कत महसूस हो तो डॉक्टर्स से संपर्क करें।

तो बढ़ाइये कदम

-रक्तदान 18 से 60 वर्ष तक का स्वस्थ्य व्यक्ति कर सकता है।

-रक्तदान करने में केवल पांच से दस मिनट का ही समय लगता है।

-रक्तदान से किसी भी प्रकार की कोई कमजोरी नहीं आती है।

-स्वस्थ्य व्यक्ति स्वेच्छा से एक साल में चार बार रक्तदान कर सकता है।

कौन नहीं कर सकता डोनेट

-24 घंटे के अंदर दोबारा ब्लड डोनेट नहीं किया जा सकता।

-खाली पेट ब्लड डोनेट से बचना चाहिए।

-टीकाकरण कराने के तीन माह के अंदर ब्लड डोनेट नहीं किया जा सकता।

-एचआईवी पेशेंट ब्लड डोनेट नहीं कर सकते।

-ब्लड डोनेट से पहले शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।

-18 साल से कम उम्र के लोग ब्लड डोनेट नहीं कर सकते।

IMA है सबसे आगे

बनारस में ब्लड बैंक के मामले में आईएमए का कोई जोड़ नहीं है। यहां हर साल तीस हजार से अधिक यूनिट ब्लड डोनेट किया जाता है। यहां फैसिलिटीज भी बहुत हैं। हर ग्रुप के ब्लड डोनर यहां हैं। पूरी तरह से जांच करने के बाद ही डोनर का ब्लड लिया जाता है।

डॉ। अरविंद सिंह, सेक्रेटरी

आईएमए, लहुराबीर

DDU में होता है दो सौ यूनिट

पांडेयपुर के दीनदयाल हॉस्पिटल में इस बार ब्लड डोनर्स डे पर नागरिक सुरक्षा संगठन की ओर से ब्लड डोनेट किया जाएगा। वैसे हर माह दो सौ यूनिट ब्लड डोनेट यहां किया जाता है। हर साल ब्लड डोनर्स डे पर सेमिनार, गोष्ठी आदि प्रोग्राम होते थे लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी नहीं होगा। क्योंकि इस साल शासन की ओर से बजट नहीं मिला है।

SSPG में बीस हजार यूनिट

एसएसपीजी मंडलीय हॉस्पिटल कबीरचौरा में एक साल में बीस हजार यूनिट ब्लड डोनेट किया जाता है। ब्लड डोनर्स डे पर कई समाजिक संगठनों की ओर से ब्लड डोनेट प्रोग्राम ऑर्गनाइज किये जाते हैं। जिसे कैदियों, लावारिसों सहित एक्सिडेंट में घायल हुए लोगों को चढ़ाया जाता है।

ये बचा चुके हैं कई जान

बात उस समय की है जब मेरे पड़ोस में एक बच्चे की मौत खून की कमी की वजह से हो गई थी। उसे थैलेसेमिया की बीमारी थी और खून की कमी से उसकी मौत हो गई। तभी से मन बहुत खिन्न हो गया था। बहुत से लोग ब्लड डोनेट करते हैं लेकिन उनका ब्लड जरूरमंदों तक नहीं पहुंच पाता है। हर जरूरतमंद तक खून पहुंच सके बस इसी सोच के साथ ख्0क्ख् में साधना फाउंडेशन के नाम से एक संस्था बनायी और इसके माध्यम से काम करना शुरू कर दिया। अब तक ख्क् कैंप लगाकर साढे़ तीन सौ यूनिट ब्लड डोनेट कर चुका हूं। हर लोगों तक ब्लड पहुंच सके इसके लिए फेसबुक पर वाराणसी ब्लड डोनर्स पावर बाई साधना फाउंडेशन के नाम से एक पेज भी बनाया गया है। अभी कुछ दिन पहले ही मुंबई से एक लड़के ने कॉल करके अपनी दादी के लिए ब्लड की डिमांड की थी। आईएमए के सहयोग से ब्लड डोनेट कैंप लगाया जाता है।

सौरभ मौर्या

सेक्रेटरी

साधना फाउंडेशन

यहां-यहां है ब्लड बैंक

बीएचयू, दीनदयाल डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पांडेयपुर, एसएसपीजी मंडलीय हॉस्पिटल कबीरचौरा, आईएमए लहुराबीर, हेरिटेज हॉस्पिटल सहित कई ऐसे प्राइवेट हॉस्पिटल्स व संस्थाए हैं जो ब्लड बैंक चला रही हैं।