वाराणसी (ब्यूरो)वाराणसी में लोकसभा चुनाव चरम पर आ चुका हैलोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने के लिए भाजपा, इंडिया गठबंधन, बसपा ने पूरी ताकत झोंक दी हैचुनावी प्रचार के अंतिम दौर में वाराणसी समेत पूरे पूर्वांचल में जातीय समीकरणों के जोर को देखते हुए विपक्ष के साथ ही भाजपा ने भी सोशल इंजीनियरिंग के फॉर्मूले पर प्रचार को मोड़ दिया हैहर जाति हर वर्ग के मतदाताओं को साधने के लिए भाजपा व इंडी गठबंधन ने सभी नेताओं को अपने जाति के लोगों से संवाद पर जोर दिया हैनेतागण समाजों के बीच जाकर अपनी बात रख रहे हैं

जातीय समीकरण से बनता माहौल

वाराणसी में विकास कार्यों की लंबी लाइन हैबावजूद इसके पूर्वांचल में मुद्दों के बजाय जातीय समीकरण के आधार पर ही चुनावी माहौल बनता-बिगड़ता रहा हैलिहाजा राजनीतिक दल भी उसके मिजाज के आधार पर ही अपनी रणनीति तैयार करती हैंअग्रवाल, मारवाड़ी, गुजराती, मराठी के साथ ब्राह्मण, क्षत्रिय, भूमिहार, कायस्थ, पटेल, यादव, मौर्या, बिंद, निषाद, चौहान, राजभर, लोहार, नाई, समेत सभी पिछड़ों और दलितों को समझाने के लिए उन्हीं जाति के नेताओं को मैदान में उतार दिया गया हैमुस्लिम को पक्ष में करने के लिए मुस्लिम नेताओं को प्रचार में लगाया गया है

यादव पट्टी में मोहन यादव को उतारा

यूपी में सपा के कॉडर वोट बैंक माने जाने वाले यादव जाति को साधने के लिए भाजपा द्वारा तैयार की गई खास रणनीति के तहत मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव भी पूरब में प्रचार के लिए सियासी मैदान में उतर चुके हैंएक-एक दिन में उनके सात से आठ कार्यक्रम कराए जा रहे हैंवहीं, ब्राह्मण मतदाताओं के बीच राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा के चेहरे का इस्तेमाल हो रहा हैसाथ में स्थानीय ब्राह्मण चेहरों को भी लगाया गया है

पीयूष गोयल व भूपेश बघेल आए

मारवाड़ी समाज में पीयूष गोयल व नितिन अग्रवाल, पटेल को रिझाने के लिए एक तरह अनुप्रिया पटेल तो दूसरी तरह भूपेश बघेल को लगाया गया हैउसी तरह मौर्या बंधुओं के पास केशव मौर्या, लोहार के पास रामआसरे विश्वकर्मा, नंदवंशियों के लिए एमएलसी रामचंद्र प्रधान, मुस्लिम क्षेत्रों में सलमान खुर्शीद बनारस की गलियों में प्रचार करते दिख जाएंगे

दलितों व पिछड़ों को समझाने में जुटा संघ

पूरब में मतदान बढ़ाने को लेकर भाजपा का खास फोकस दलित मतदाताओं को बूथ तक लाने की हैखास बात यह है कि इस काम में भाजपा के साथ ही संघ परिवार भी जुटा हैसंघ परिवार को खास तौर पर आरक्षण खत्म करने और संविधान बदलने के मुद्दे पर दलितों को समझाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

वाराणसी में पांच जातियों का वर्चस्व

बनारस लोकसभा क्षेत्र में लगभग 20 लाख वोटर हैजातिगत समीकरण की बात करे तो संसदीय क्षेत्र के रोहनिया और सेवापुरी में सबसे ज्यादा कुर्मी वोटर हैंइसी तरह दक्षिण में मुस्लिम, ब्राह्मण, यादव, मारवाड़ी, उत्तरी में वैश्य, क्षत्रिय, यादव, कैंट में कायस्थ, ब्राह्मण, पटेल, यादव, बिंद, लोहार समेत अन्य ओबीसी जाति की बहुलता हैवाराणसी में 5 लाख से ज्यादा ओबीसी वोटर हैं, जिसमें लगभग 2 लाख कुर्मी वोटर हैंइसके अलावा 2 लाख के करीब वैश्य, डेढ़ लाख भूमिहार, दो ब्राह्मण, एक लाख से ज्यादा यादव, दो लाख से वोटर हैबनारस में दो लाख से ज्यादा मुस्लिम वोटर हैं

वाराणसी लोकसभा सीट

बता दें, वाराणसी संसदीय क्षेत्र में 19.97 लाख मतदाता हैंराजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस सीट, जिसका प्रतिनिधित्व पीएम मोदी दो बार कर चुके हैंवाराणसी में रोहनिया, वाराणसी उत्तर, वाराणसी दक्षिण, वाराणसी कैंट और सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र शामिल हैंइस चुनाव में पीएम मोदी एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कैंडिडेट हैं और उनका मुकाबला कांग्रेस के अजय राय से है

फैक्ट एंड फीगर

19,97,577 वोटर हैं वाराणसी संसदीय क्षेत्र में

10,83,750 मेल वोटर

9,13,682 फीमेल वोटर

135 अन्य वोटर हैं