अधिवक्ता चेग्वेवारा रघुवंशी के 15 वर्षीय बेटे नचिकेता के आत्महत्या मामले में कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने इस प्रकरण में स्कूल की शिक्षिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। अधिवक्ता ऋषिकांत सिंह ने मंगलवार को बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने नचिकेता के स्कूल श्रीराम इंटर कॉलेज की शिक्षिका के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मुकदमा दर्ज करने का आदेश लालपुर पांडेयपुर थाने की पुलिस को दिया है।

आखिरी बार तीन बार कॉल

अधिवक्ता ऋषिकांत सिंह ने बताया कि दौलतपुर निवासी चेग्वेवारा रघुवंशी का बेटा नचिकेता कक्षा 10 का छात्र था। 20 जनवरी 2021 की दोपहर नचिकेता के मोबाइल पर एक नंबर से 3 बार कॉल आई थी। आखिरी कॉल में 3 मिनट बात हुई थी। जिस नंबर से कॉल आई थी वह नचिकेता के स्कूल की शिक्षिका सना की थी। शिक्षिका सना के उकसाने और प्रताडि़त करने पर नचिकेता ने फांसी लगा कर जान दे दी थी। शिक्षिका सना अगर नचिकेता को प्रताडि़त नहीं करती तो वह मासूम लड़का कभी आत्महत्या के लिए विवश नहीं होता।

नचिकेता के साथ हुई थी एक छात्रा की मौत

20 जनवरी 2021 को रमरेपुर की एक छात्रा के जहर खाने की सूचना पुलिस को मिली थी। इसके कुछ ही देर बाद पुलिस को सूचना मिली थी कि दौलतपुर में रहने वाला छात्रा की स्कूल का नचिकेता चादर के सहारे घर में फांसी लगाकर जान दे दिया है। नचिकेता अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था।

नचिकेता की आत्महत्या के बाद से ही उसके पिता पुलिस से मांग कर रहे थे कि प्रकरण की जांच कराई जाए। उनका बेटा बेहद ही साहसी था। उसे जरूर किसी ने इतनी मानसिक प्रताड़ना दी होगी कि वह आत्महत्या के लिए विवश हुआ होगा। पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो चेग्वेवारा रघुवंशी अदालत की शरण में गए। अदालत ने घटना के 6 माह बाद मुकदमा दर्ज कर पुलिस को जांच करने का आदेश दिया है।