वाराणसी (ब्यूरो)कोरोना ने कई ऐसी बीमारियां दे दी है जिससे आज भी लोग परेशान हैंचिकनगुनियां, टायफायड, मलेरिया, ज्वाइंट पेन के बाद अब मम्प्स जैसी बीमारियों ने लोगों को अपनी चपेट में लिया हैइसमें लोगों के मुंह का लार ही नहीं बन रहा हैसलाइवरी ग्लैंड में सूजन के बाद असहनीय दर्द हो रहा हैबीएचयू में प्रतिदिन ईएनटी डिपार्टमेंट में आ रहे हैंडाक्टर्स भी हैरान हैं कि पहले इस तरह के केस सिर्फ बच्चों में देखने को मिलते थे लेकिन कोरोना के बाद खासकर 25 से 35 एज ग्रुप के लोगों में यह बीमारी तेजी से अटैक कर रहा है.

सूजा मुंह लेकर पहुंचे

बीएचयू के ईएनटी की ओपीडी में सोमवार को कई ऐसे मरीज पहुंचे जिनका मुंह सूजा था और असहनीय दर्द से कराह रहे थेहालात यह थे कि डाक्टर को मुंह खोलकर भी दिखा पाने में असमर्थ थेजबड़े के नीचे सूजन होने से बोल भी नहीं पा रहे थेसूजा हुआ मुंह देखने के लिए डाक्टर को अटेंटेड को बुलाना पड़ाजबरदस्ती मुंह में उंगली डालकर खोला गया तब पता चला मम्प्स जैसी बीमारी से पेशेंट परेशान है.

कोरोना के बाद फैली बीमारी

बीएचयू के ईएनटी डिपार्टमेंट के एसोशिएट प्रोडॉएसके अग्रवाल का कहना है कि मम्प्स बीमारी कोरोना के बाद काफी तेजी से लोगों में फैल रही हैखासकर 25 से 35 वर्ष के एज ग्रुप में यह बीमारी फैल रही हैजबकि पहले ऐसे केस देखने को नहीं मिलते थे, जब से कोरोना गया इस तरह के केस बढ़ गए.

लार तक सूख जा रहा

बीएचयू के डाक्टर का कहना है इस बीमारी में लार तक सूख जा रहा हैमुंह के अंदर लार बन भी नहीं रहा हैएसके अग्रवाल का कहना है कि मम्प्स जैसी बीमारी फैल गयी हैएक वायरल संक्रमण है, जिसमें सलाइवरी ग्लैंड में सूजन और दर्द हो रहा हैहर महीने 15 से 20 पेशेंटस मम्प्स जैसे केस लेकर आ रहे हैंकोरोना के बाद पैरामिक्सोवायरस नामक वायरस के कारण से लोगों में ये बीमारी हो रही है.

सलाइवरी ग्लैंड में दर्द

यह वायरस नाक के स्राव और सलाइवा के माध्यम से फैल रहा हैमम्प्स से प्रभावित लोगों में सिरदर्द, बुखार, थकान, भूख न लगना और मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते थे, लेकिन इसमें सिर्फ जबड़े में सूजन और दर्द हो रहा हैइसके अलावा सूजी हुई पैरोटिड और अन्य सलाइवरी मम्प्स का प्रमुख लक्षण देखने को मिल रहा है.

खट्टे का सेवन कम

एसके अग्रवाल का कहना है कि खट्टा का सेवन अधिक करने के कारण यह बीमारी हो रही हैइससे आराम के लिए पर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन और खट्टे और एसिडिक खाद्य पदार्थों से परहेज करने से रिकवरी में मदद मिलती हैगर्म और ठंडे सेक के उपयोग से सलाइवरी ग्लैंड के सूजन में राहत मिलती है.

खांसने से फैल रहा

मम्प्स संक्रमित होने वाला वायरल इन्फेक्शन हैजब कोई बीमार व्यक्ति खांसता या छींकता है तो संक्रमित व्यक्ति की सलाइवा के सीधे संपर्क में आने से संक्रमित हो जाता हैइसके चलते मम्प्स तेजी से फैलता है, मम्प्स से पीडि़त किसी व्यक्ति के साथ भोजन और पेय साझा करने या वायरस से पीडि़त किसी व्यक्ति की लार से प्रदूषित वस्तुओं को छूने से भी फैल सकता है.

कोरोना के बाद मम्प्स बीमारी काफी तेजी से लोगों में फैल रही हैओपीडी में हर महीने 25 से 30 पेशेंट आ रहे है.

डॉएसके अग्रवाल, एसोसिएट प्रोईएनटी डिपार्टपेंट, बीएचयू