-दो माह बाद लखनऊ से आई जांच रिपोर्ट में हुआ खुलासा

-नवम्बर में फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने लिए थे कई सैम्पल

-रिपोर्ट में दो दुकानों के सामान खाने लायक नहीं

एक नजर

57

दुकानों से मिल्क प्रोडक्ट्स, स्वीट्स व स्पाइस के सैंपल लिए गए थे

39

सैंपल की जांच रिपोर्ट आयी

26

सैंपल की जांच में मिली गड़बड़ी

23

सैम्पल की जांच रिपोर्ट आना है बाकी

VARANASI

बाजार में बिक रह फूड आइटम्स खाने लायक है या नहीं। इसका पता खरीदने वाले को तो पता चल नहीं पाता है। वो तो सामान देख टेस्ट लेना शुरू कर देता है। गाहे बगाहे इसकी जांच होती है तभी इसकी शुद्धता की परख हो पाती है। बीते साल नवंबर में फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने शहर में अभियान चलाकर 57 दुकानों से खाने-पीने के सामानों के सैंपल कलेक्ट किए थे। जिसे जांच के लिए लखनऊ भेजा गया था। अब दो महीने बाद इनकी जो गोपनीय रिपोर्ट आई है वो बेहद चौंकाने वाली है।

सात के सामान मिले मिस ब्रांड

रिपोर्ट के मुताबिक शहर के दो दुकानों के सामान खाने योग्य नहीं हैं। सात दुकानों के सामान मिस ब्रांड और 17 सब स्टैंडर्ड पाए गए हैं। लखनऊ से आई जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। गुणवत्ता ठीक नहीं होने पर 26 सैंपल फेल हो गए। फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने नवम्बर माह में कई दुकानों और स्वीट्स हाउस से 57 खाद्य पदार्थो के सैम्पल लिये थे, लेकिन जांच रिपोर्ट आई दो माह बाद फरवरी में। वह भी 39 सैम्पल की। बाकी अब भी पेंडिंग हैं।

चलाया गया था विशेष अभियान

खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजीव सिंह ने बताया कि नवम्बर में मिलावटखोरों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया। इस दौरान मिल्क प्रोडक्ट्स, स्वीट्स और स्पाइस के 57 सैम्पल कलेक्ट किए गए। जांच के लिए लखनऊ भेज दिया गया। दो माह बाद फरवरी में 39 की जांच रिपोर्ट आयी। 23 सैम्पल की जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई है।

मिलावटखोरों पर होगी कार्रवाई

शहर में बिक रहे मिल्क प्रोडक्ट्स स्वीट्स, स्पाइस समेत विभिन्न खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता की जांच के लिए 57 सैम्पल लिए गये थे। लेकिन 39 सैम्पल की ही जांच रिपोर्ट आई। लखनऊ लैब में जांच के बाद 26 सैम्पल में गड़बड़ी पायी गई, जिसमें 17 सब स्टैंडर्ड, 7 मिस ब्रांड और दो सैम्पल अनसेफ घोषित किए गए। अब इन मिलावटखोरों के खिलाफ विभाग कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।

मिलावटी सामान सेहत के लिए है नुकसान

मंडलीय अस्पताल के फिजिशियन डॉ। एके सिंह ने बताया कि खराब गुणवत्ता के दूध व उससे बने खाद्य पदार्थ के सेवन से पेट दर्द, आंतों में इंफेक्शन जैसी कई गंभीर शिकायतें हो सकती हैं। पैकिंग सामग्री खरीदने से पहले उसकी गुणवत्ता व पैकिंग की तिथि व एक्सपायरी डेट सहित जानकारी अवश्य देख लेनी चाहिए।

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सैंपल अनसेफ मिलने पर यह है सजा का प्रावधान

खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजीव सिंह ने बताया कि सैंपल अनसेफ मिलने पर सीजेएम कोर्ट में चालान पेश किया जाएगा। प्रमाणित होने पर आरोपी को 6 माह से आजीवन कारावास तक हो सकता है। सब-स्टैंडर्ड व मिस ब्रांड पाए जाने पर एडीएम कोर्ट में चालान पेश किए जाएंगे। इसमें पांच लाख रुपए तक जुर्माना हो सकता है।