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आपके मीटर की यदि रीडिंग नहीं हुई तो परेशान नहीं होना पड़ेगा। क्योंकि अगले साल से आपके बिजली का बिल सीधे मोबाइल पर आएगा। स्मार्ट मीटर के थ्रू मिलने वाली इस योजना को आकार देने के लिए कनेक्शन रजिस्ट्रेशन से कंज्यूमर्स के मोबाइल फोन के नंबर को जोड़ने की कवायद चल रही है। इसका यह भी फायदा है कि रीडर के न आने पर कंज्यूमर्स को विभाग के दफ्तरों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। साथ ही बिजली से जुड़ी हर जानकारी उन्हें मैसेज के थ्रू मिलती रहेगी। हर घर में स्मार्ट मीटर लगाने के बाद अगले वर्ष से कंज्यूमर्स को यह सुविधा मिलने लगेगी।

 

खपत का रखेगा हिसाब

यही नहीं इस नई सुविधा के शुरू होने के बाद विभाग कंज्यूमर्स के घर खपत होने वाली बिजली का हिसाब भी रखेगा। बिजली कितना यूज हुआ, हर महीने इसका हिसाब कर बिल एसएमएस के जरिए कंज्यूमर्स के मोबाइल पर जेनरेट हो जाएगा। फिर किसी को यह शिकायत नहीं रहेगी कि उन्हें बिल नहीं मिली तो वह भुगतान कैसे करते। समय से भुगतान होने पर कनेक्शन कटने का डर भी नहीं सताएगा।

 

स्वीच है ऑन तो मिलेगा मैसेज

अक्सर ऐसा भी होता है कि हम फ्लैट से निकले तो जल्दी-जल्दी में फ्लैट के सभी कमरों के बिजली, पंखा, एसी, कूलर आदि को ऑफ करना भूल जाते हैं। ऐसे में स्मार्ट मीटर लग जाने के बाद उसके थ्रू कंज्यूमर के मोबाइल फोन पर एक अलर्ट आयेगा, जिसमें यह भी पता चल जाएगा कि किस कमरे में कौन से उपकरण को ऑफ करना भूल गए हैं। उधर विभाग को भी हर कनेक्शन पर बिजली खपत की जानकारी होती रहेगी। कोई उपभोक्ता अपना लोड छुपा नहीं सकेगा।

 

नवंबर से शुरू होगी कवायद

नई सुविधा को शुरू किये जाने से पहले आईपीडीएस वर्क के तहत केबिल का अंडर ग्राउंड होना जरूरी है। जिसे नवंबर ख्0क्7 तक पूरा कर स्मार्ट मीटर लगाने की कवायद शुरू हो जाएगी। फिर अक्टूबर-नवंबर ख्0क्8 तक हर घर में स्मार्ट कनेक्शन लग जाएगा। यह योजना केवल शहर के लिए नहीं बल्कि पूरे जिले के लिए है। सिटी में साढ़े तीन लाख और रूरल में ख्.म्ब् लाख यानी कुल भ्.70 लाख कंज्यूमर्स हैं ।

 

कंज्यूमर्स को बिजली से जुड़ी जानकारी के लिए विभाग के दफ्तरों की दौड़ नहीं लगानी पड़े, इसके लिए मैसेज अलर्ट के थ्रू सिस्टम को आसान बनाया जा रहा है।

एके वर्मा, चीफ इंजीनियर एंव नोडल ऑफिसर (आईपीडीएस)