संत रविदास घाट पर राज्यमंत्री ने गोवा शिप जलयान का स्वागत किया

रामनगर टर्मिनल पर रहेगा जलयान, बचे हुए कामों को कंपनी करेगी पूरा

आने वाले दिनों में बनारस पर्यटन का बड़ा केंद्र बनेगा। अलखनंदा के अलावा अब जलयान से भी पर्यटक गंगा की लहरों का आनंद उठा सकेंगे। संत रविदास घाट पर रविवार को पर्यटन मंत्री डा। नीलकंठ तिवारी ने जलयान का हर-हर महादेव के नारे और मंत्रोचार के बीच जलयान का विधिवत पूजन किया गया। जलयान लेकर पहुंचे गोवा शिप यार्ड के कैप्टन सुरेश बाबू समेत कर्मचारियों को गुलदस्ता भेंटकर स्वागत किया गया। इसके बाद जलयान को रामनगर टर्मिनल भेज दिया गया।

पीपीपी मॉडल पर होगा संचालन

पर्यटन विभाग के अनुसार रामनगर टर्मिनल पर जलयान के बचे हुए कामों को गोवा शिप यार्ड कंपनी के कर्मचारी पूरा करेंगे। इसके बाद पर्यटन विभाग के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेंगे। पीपीपी माडल पर इसका संचालन होगा। मंत्री डा। नीलकंठ तिवारी ने कहा कि आध्यात्मिक नगरी एवं सांस्कृतिक राजधानी काशी में पर्यटन की कई योजनाएं प्रस्तावित हैं। पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ का पर्यटन पर अधिक जोर है। आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश विश्व का बड़ा केंद्र और काशी पर्यटन की राजधानी बनेगी।

गोवा शिप यार्ड ने जलयान को बनाया है। अभी उसमें कुछ काम बाकी हैं। कंपनी को पूरा करने में 15 दिन लगेंगे। इसके बाद पर्यटन विभाग को सौंप दिया जाएगा।

-आरबी सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर, राजकीय निर्माण निगम।

खास बातें--

-पर्यटन मंत्रालय की प्रसाद योजना से मिले 10.71 करोड़ रुपये

-दो मंजिला जलयान में 100 लोगों के बैठने की है व्यवस्था

-गंगा से श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का सीधे कर सकेंगे दर्शन

-बजड़े की तरह ऊपर व नीचे दोनों मंजिल पर बैठने की व्यवस्था

-निचली मंजिल पूरी तरह वातानुकूलित, चारों तरफ से है खुला

-23 नवंबर 2020 को गोवा से चला था बनारस के लिए

-कोलकोता, ओडिसा, पटना, गाजीपुर के रास्ते होते हुए पहुंचा काशी

-इंडियन रजिस्टर आफ शिपिंग ने नवंबर में लाने की दी अनुमति

ये भी जानिये

-काशी की विशेषताओं को लेकर जलयान में अलग-अलग चित्र बनाए गए हैं। इनमें आध्यात्मिक, साहित्यिक व अन्य स्केच शामिल हैं।

-जलयान में एलईडी से घाट, मंदिर व शहर के बारे में पर्यटकों को जानकारी मिलेगी। राजकीय निर्माण निगम कई कंपनियों से संपर्क कर रहा है।

-जलयान का संचालन राजघाट से अस्सी घाट तक होगा। दोनों स्थानों पर टिकट काउंटर बनकर तैयार हैं।