-यूनिवर्सिटी व कॉलेजेज को 23 नवंबर से खोलने पर हैं कई रुकावट

-रोटेशन, टाइम टेबल व यूजीसी की गाइडलाइन में उलझी क्लास

-हेड व डीन की मीटिंग में तय होगा प्लॉन

करीब आठ महीने बाद यूनिवर्सिटीज व कॉलेजेज में क्लासेस चलाने को लेकर शासन की ओर से हरी झंडी मिल गयी है। इसके साथ ही उच्च शैक्षिक संस्थान 23 नवंबर से खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। स्कूल्स की तरह यूनिवर्सिटीज व कॉलेजेज में भी 50 परसेंट स्टूडेंट्स को रोटेशन पर बुलाया जाएगा। लेकिन इन स्टूडेंट्स को बुलाने से पहले रोटेशन व टाइम टेबल को सेट करना बड़ा चैलेंज है।

यूनिवर्सिटीज व कॉलेजेज में क्लास का शेड्यूल बनाना आसान नहीं है।

कारण कि इनके स्टूडेंट्स को स्कूल की तरह बने टाइम टेबल की बजाए अलग अलग दिन के टाइम टेबल पर पढ़ाया जाता है। कोई जरूरी नहीं कि एक दिन सभी सब्जेक्ट की क्लासेस संचालित होती हों। उन्हें अन्य सब्जेक्ट के लिए दूसरे दिन आना पड़ता है। अब जब दूसरे दिन बचे हुए 50 परसेंट स्टूडेंट्स को रोटेशन में बुलाया जाएगा तो पहले दिन आए स्टूडेंट्स को छूटे हुए कोर्सेस को पढ़ाने के लिए कब बुलाया जाएगा यही बड़ी मुसीबत है। हालांकि यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन इससे निपटने के लिए डीन व हेड को जिम्मेदारी देने के लिए प्लॉन बना रहा है। अभी इस पर विचार छठ के अवकाश के बाद ही हो पाना संभव है।

रोटेशन बनाने में छूट रहे पसीने

गाइडलाइन मिलने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन क्लासेस चलाने के लिए प्लॉन बनाने में जुट गया है। लेकिन एक दिन में 50 परसेंट स्टूडेंट्स को बुलाने का रोटेशन बनाने में पसीने छूट रहे हैं। उनको समझ में नहीं आ रहा है कि किन स्टूडेंट्स को पहले दिन और किन स्टूडेंट्स को दूसरे दिन बुलाया जाए। इसके लिए टाइम टेबल में भी नये सिरे से चेंजेज करना होगा। वहीं कॉलेजेज को यूनिवर्सिटी की गाइडलाइन का इंतजार है। संबद्ध कालेज विश्वविद्यालय द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करेंगे।

35 हजार की क्लास संभव नहीं

बीएचयू में हर साल करीब 35 हजार स्टूडेंट्स का एडमिशन होता है। इस साल भी इतने ही एडमिशन पूरा होने वाले हैं। ऐसे में इन स्टूडेंट्स को रोटेशन पर क्लास के लिए बुलाना आसान नहीं है। किस तरह से इन स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी में क्लास के लिए बुलाया जाए इसको लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन मंथन में जुटा हुआ है। वहीं सबसे बड़ी समस्या देश भर से यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को हॉस्टल एलॉट करने को लेकर भी है। यदि उनको हॉस्टल नहीं दिया गया तो वो कैसे पढ़ाई करेंगे। सोर्सेस के मुताबिक इस समस्या से निजात को यूनिवर्सिटी प्रशासन ग्रेजुएशन व पीजी के छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लास ही चलाने पर विचार कर रहा है। 23 नवंबर के बाद उन्हीं छात्रों को बुलाया जाएगा जो लैब में प्रैक्टिकल के लिए आना चाहते हैं।

एडमिशन न होना भी चुनौती

बीएचयू, काशी विद्यापीठ, संस्कृत विश्वविद्यालय व इससे संबद्ध कॉलेजेज में ग्रेजुएशन व पीजी फ‌र्स्ट ईयर में अब भी एडमिशन प्रॉसेस पूरा नहीं हो सका है। यही नहीं सारनाथ स्थित तिब्बती संस्थान में भी एडमिशन प्रॉसेस अभी पूरा नहीं हुआ है। इसे देखते हुए फ‌र्स्ट फेज में सेकेंड व थर्ड ईयर की क्लासेस संचालित करने का डिसीजन लिया गया है। सरकार की गाइडलाइन के अनुसार एक दिन में 50 परसेंट ही स्टूडेंट्स बुलाए जाएंगे। इसके पहले पूरे यूनिवर्सिटी व कॉलेज को सेनिटाइज कराने की योजना बनाई गई है।

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16 क्लास से ज्यादा नहीं

यूनिवर्सिटी व कॉलेजेज के सामने अन्य समस्याओं के बीच यूजीसी की गाइडलाइन भी बड़ा रोड़ा है। इसके तहत एक प्रोफेसर को 16 से ज्यादा क्लास नहीं लेने का नियम है। ऐसे में टीचर्स रोटेशन में कैसे क्लास लेंगे। अगर हर दिन क्लास लेते हैं तो यूजीसी की गाइडलाइन का पालन नहीं हो पाएगा। इसको देखते हुए भी रोटेशन बनाने में बड़ी समस्या सामने आ रही है।

23 को संस्कृत यूनिवर्सिटी में मीटिंग

बीएचयू सहित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ व संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय प्रशासन हेड व डीन की मीटिंग बुलाने पर विचार कर रहा है ताकि रोटेशन में स्टूडेंट्स को बुलाने की योजना को मूर्त रूप दिया जा सके। इस बीच संस्कृत यूनिवर्सिटी ने 23 नवंबर को हेड व डीन की मीटिंग बुलाने का डिसीजन लिया है। हालांकि बीच में डाला छठ की छुट्टी भी पड़ रही है। ऐसे में यह डेट आगे बढ़ गयी है।

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यूनिवर्सिटी में क्लास का संचालन करने के लिए मिली गाइडलाइन के अनुरूप एसओपी तैयार की जा रही है। स्टूडेंट्स को कैसे बुलाना है इसपर मंथन किया जा रहा है।

डॉ। राजेश सिंह, पीआरओ

बीएचयू

क्लास का संचालन करने से पहले रोटेशन बनाने के लिए डीन व हेड की मीटिंग होगी। जिसमें इस पर विचार किया जाएगा। यूनिवर्सिटी की गाइडलाइन फाइनल होते ही स्टूडेंट्स के लिए क्लासेस खोले जाएंगे।

डॉ। साहबलाल मौर्य, रजिस्ट्रार

काशी विद्यापीठ

छठ के लिए यूनिवर्सिटी को दो दिन बंद किया गया है। 23 नवंबर को डीन व हेड की मीटिंग बुलायी गयी है। इसके बाद ही यूनिवर्सिटी में क्लासेस चलायी जाएगी।

आरबी यादव, रजिस्ट्रार

संस्कृत यूनिवर्सिटी

सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ हायर तिब्बतेन स्टडीज में पढ़ने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स विदेशी हैं। ऐसे में वो अभी इंडिया आ नहीं सकते हैं। इसको देखते हुए ऑनलाइन क्लास ही चलायी जाएगी।

आरके उपाध्याय, रजिस्ट्रार

तिब्बती संस्थान