-पहली लहर में भी डीलर्स को हुआ था भारी नुकसान

-अधिकतर व्यापारियों की फंस गयी है पूंजी

कोरोना महामारी ने यूं तो सभी व्यवसाय को प्रभावित किया है। लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान उन व्यवसाय को हुआ है जो सीजनवाइज होता है। मतलब सॉफ्ट ड्रिंक और जूस का। पिछले बार भी गर्मी शुरू होते ही कोरोना के वजह से हुए लॉकडाउन से शीतल पेय कंपनियों का दिवाला निकल गया था। कोरोना के फेर में पिछले साल की गर्मी तो बीत गयी। जब तक कोरोना का कहर कम हुआ तब तक ठंडी आ गयी। उसी तरह इस बार भी गर्मी शुरू होते ही कोरोना की दूसरी लहर ने पैर पसार दिया है। कोल्ड ड्रिंक व्यापारियों को इस बार गर्मी में शादि विवाह का मुहूर्त अधिक होने के कारण अच्छा व्यवसाय होने की उम्मीद थी। लेकिन कोरोना महामारी के फेर में इस बार भी व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। कोल्डड्रिंक व्यापारी अब भुखमरी के कगार पर हैं।

लाखों का निवेश मुनाफा कुछ भी नहीं

शहर के विभिन्न कंपनियों के कोल्डड्रिंक डीलर राजन कुमार ने बताया कि शीतल पेय कंपनी के व्यवसाय से जुड़े व्यापारी दो वर्षो से बर्बाद हो गए हैं। उन्होंने बताया कि पेप्सी, कोकाकोला सहित अन्य कंपनियों में करीब 15 से 20 लाख रुपये की नकदी फंसी है। कोरोना के कारण व्यवसाय तबाह हो गया है। अब कंपनी रुपये भी वापस नहीं कर रही है कि हम कोई दूसरा व्यवसाय करने की सोचें। अगर ऐसे ही कोरोना की मार पड़ती रही तो इस व्यवसाय को बंद करना पड़ जायेगा।

आउटडेटेड हो गया पेय पदार्थ

व्यवसायियों ने बताया कि पिछले वर्ष फरवरी-मार्च में जो माल हमने खरीदा वह एक वर्ष में आउटडेटेड हो गया। कोरोना के कारण माल बिका नहीं लेकिन पूंजी फंस गई। कुछ दुकानदारों को माल बेचने के बाद पैसा देने की बात कही गयी तो वह इस शर्त पर माल लेने को तैयार हुए। लेकिन लगातार मौसम में हो रहे उतार चढ़ाव के कारण ग्राहक कोल्डड्रिंक नहीं खरीद रहे हैं। कोरोना संक्रमण की वजह से भी सेल खत्म हो चूका है। ऐसा इसलिए की डॉक्टर्स इस बीमारी से बचने के लिए सॉफ्टड्रिंक और ठंडा पानी तक पीने से बचने की सलाह दे रहे है।

फैक्ट फिगर

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लाख रुपये तक व्यापारियों ने विभिन्न कोल्डड्रिंक कंपनियों में किया है निवेश

02

वर्ष में न के बराबर हुआ कारोबार

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डीलर हैं विभिन्न शीतल पेय कंपनियों के शहर में