वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस में सत्तारूढ़ दल बीजेपी एलायंस के प्रत्याशियों की शानदार जीत से शहर के बीजेपी कार्यकताओं में उत्साह का माहौल रहा। उधर, बीजेपी सरकार की सत्ता में वापसी को लेकर यूथ, महिला, स्टूडेंट, व्यापारी, हेल्थ, स्पोट्र्स आदि से जुड़े लोगों ने नई सरकार से अपनी उम्मीदें साझा कीं.
क्वॉलिटी एजुकेशन और रोजगार
हाल के कुछ वर्षों में कोविड की वजह से एजुकेशन सेक्टर को काफी नुकसान उठाना पड़ा। लिहाजा, इस बार स्टूडेंट्स ने क्वॉलिटी एजुकेशन, जॉब अर्पाच्यूनिटी, समय पर एग्जाम, क्लास और रिजल्ट जल्द घोषित करने की बात कही।
वुमेन सेफ्टी और सिक्योर माहौल
शहर के पब्लिक प्लेसेस, ट्रांसपोर्ट, गली-मोहल्ले, मार्केट समेत कॉलेज और यूनिवर्सिटी के कैंपस में पर्याप्त सिक्योरिटी गार्ड की व्यवस्था की मांग की।
सेना भर्ती और रोजगार
बनारस में कमोबेश तीन साल से सेना की भर्ती नहीं हुई है। बनारस में 20 हजार से अधिक युवा सेना में भर्ती के लिए दिन-रात पसीना बहाते हैैं। इसलिए सरकार इस बार बंपर सेना भर्ती निकाल कर अवसर प्रदान करने की मांग की गई।
हेल्थ सेक्टर पर फोकस
आयुष्मान योजना की संख्या बढ़ाने, मेडिकल कॉलेज, जन औषधि केंद्र अधिक संख्या में खोलने आदि की मांग की गई। ताकि हर तबके को आसानी से सस्ती कीमत पर मेडिसीन उपलब्ध हो सके.
व्यापारियों को मिले सुविधा
बनारस पूर्वांचल का व्यापारिक हब है। मार्केट और अधिक चहल-पहल वाले इलाके में टायलेट, लाइट, पुलिस चौकी-पेट्रोलिंग और ट्रांसपोर्टेशन आदि की अच्छी व्यवस्था की बात कही गई। ताकि मार्केट आने वाले कस्टमर्स के साथ महिलाओं और युवतियों को दिक्कत न हो।
जल संरक्षण और पर्यावरण
बदलते दौर में साल दर साल गिरता जलस्तर और क्वॉलिटी पर भी सरकार को ध्यान देने की बात कही गई। इसके साथ ही नदी, तालाब पेड़, पार्क और पर्यावरण बचाने पर भी लोगों को अवेयर करने का साथ इको फ्रेंडली पॉलिसी सिस्टम इंस्टाल करने की बात सामने आई।
आयुष्मान योजना और जन औषधि केंद्र शहर और रूरल फील्ड में अधिक से अधिक संख्या में खोले जाएं। ताकि मिडिल वर्ग को किफायती कीमत पर दवा और इलाज मिल सके।
डॉ। शेखर पुरी, चिकित्सक
कई साल से सेना की भर्ती नहीं हुई है। खून-पसीना बहाकर देश की सुरक्षा का सपना देखने वाले युवाओं को सेना भर्ती का अवसर देना चाहिए।
धीरेंद्र विक्रम सिंह, युवा
कोविड महामारी के चलते एजुकेशन सेक्टर को काफी नुकसान हुआ है। इस अवधि में एजुकेशन सेक्टर में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ा है। नई गवर्नमेंट प्राइमरी से लेकर हाई एजुकेशन के हर प्वाइंट पर प्लानिंग की जाए, ताकि क्वालिटी एजुकेशन के साथ जॉब मिल सके।
अमित मौर्य, डायरेक्टर, अशोका इंजीनियरिंग कॉलेज
व्यापारियों की बात सुनी जाए। साथ ही माल लोड और अनलोड के लिए मार्केट एरिया में एक स्थान विशेष की व्यवस्था की जाए। ताकि मार्केट में आए लोगोंं को परेशानी न हो.
अशोक कसेरा, व्यापारी
प्राइवेट उच्च शिक्षण संस्थानों में भी सरकारी दर पर मेधावी और आर्थिक रुप से कमजोर स्टूडेंट को शिक्षा मिले, ऐसी व्यवस्था की जाए। वेकेंसी निकाली जाए।
राघवेंद्र प्रताप सिंह, स्टूडेंट
गल्र्स और वुमन सेफ्टी के लिए पब्लिक प्लेसेज पर पुलिस जवानों की तैनाती हो। साथ ही सरकार, कोर्स पूरा होने के बाद उचित रोजगार के अवसर भी मुहैया कराए।
तनुश्री, यूथ
सरकार से यही उम्मीद है कि इस बार स्कूल-कॉलेज के सत्र समय पर चलें, समय पर एग्जाम हो, समय पर रिजल्ट डिक्लेयर हो। महामारी में एजुकेशन फील्ड को अधिक नुकसान न हो, ऐसी व्यवस्था हो।
ललित सिंह, वाईडीएम कॉलेज
पिछले कार्यकाल में अधूरे रह गए विकास कार्यों को अभियान चलाकर पूरा किया जाए। यूथ्स को रोजगार के अधिक अवसर और महंगाई पर कंट्रोल का भी प्रयास हो।
इं। राहुल चौरसिया, यूथ आइकन
गैैंस सिलेंडर, राशन, दवा, कपड़े और दैनिक इस्तेमाल की वस्तुओं की बढ़ती महंगाई को सरकार कंट्रोल करने का प्रयास करे।
अनीता मौर्य, हाउस वाइफ