-बंधुआ श्रम प्रथा, समस्या एवं उन्मूलन के प्रति जागरुकता पर आयोजित की गई वर्कशॉप

-कमिश्नर बोले सामाजिक, आर्थिक परिस्थितियां बढ़ा रही बंधुआ मजदूरी

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विकसित की ओर अग्रसर और विकास के नए-नए आयाम को अर्जित करने के बावजूद बंधुआ मजदूरी जैसा अभिशाप बढ़ता जा रहा है। जिसे पूरी तरह खत्म करना जरूरी है। बंधुआ मजदूरी कर रहे बाल मजदूरों को मुिक्त दिलाना अच्छी बात है, मगर जब तक उनके पुनर्वास की व्यवस्था न हो जाए, यह कार्य पूरा नहीं हो सकता। यह बात कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने कही। वे शुक्रवार को मंडलीय ऑडिटोरियम में आयोजित बंधुआ श्रम प्रथा, समस्या एवं उन्मूलन के प्रति जागरुकता पर वर्कशॉप में मुख्य अतिथि थे।

समय-समय पर चलता रहे अभियान

मंडलीय ऑडिटोरियम में शुक्रवार को आयोजित वर्कशॉप का उद्घाटन कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्होंने कहा कि बाल मजदूरी में फंसे बच्चों को मुक्ति दिलाने के साथ पुनर्वास की व्यवस्था की जानी जरूरी है। इसके लिए शासन की ओर से पुनर्वास की कई योजनाएं चल रही है। साथ ही बाल मजदूरी और बंधुआ मजदूरी पर तरह बंद हो सके, इसके लिए दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करना जरूरी है। कमिश्नर ने वर्कशॉप में मौजूद सभी डीएम को निर्देश दिया कि वे समय-समय पर अभियान चलाकर इसे रोकने के लिए प्रयास करते रहे। वर्कशाप में डीएम राजमणि यादव, जौनपुर डीएम भानु गोस्वामी, चंदौली डीएम सुरेंद्र विक्रम, अपर श्रमायुक्त शकुंतला गौतम के अलावा उपश्रमायुक्त राकेश कुमार आदि मौजूद रहे।